कहते है, कि इंसान अगर चाहे तो वह कुछ भी कर सकता है, बस उस काम के प्रति मन में सच्ची लगन और खुद पर विश्वास होना जरूरी है। ऐसी ही सोच रखने वाली आईएएस (IAS) टॉपर शानू डिमरी है। इन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी। वैसे शानू दिल्ली की रहने वाली है। उनका कहना है कि अपने इस सफ़र में वह दूसरे कैंडीडेट्स के मुकाबले काफी कमजोर थी पर उनके सफल होने की खास वजह यह थी कि इन्होंने अपने मन में यह बात ठान लिया थी कि वह पहले ही प्रयास में परीक्षा क्लियर करेंगी। शानू अपने आप को बहुत लकी मानती हैं कि अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा सफल कर पाई। इन्होंने परीक्षा पास करने के खास टिप्स दिल्ली नॉलेज ट्रेक को दिए साक्षात्कार में बताया है।
शानू आईटीआई पास आउट हैं–
शानू दिल्ली की रहने वाली है। वह शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी। पहले प्रयास में ही उनका सेलेक्शन कानपुर आईटीआई से ग्रेजुएशन करने के लिए हो गया था। उन्होंने इकोनॉमिक्स विषय से इंटीग्रेटेड एमएससी की है। शानू बताती है कि यूपीएससी (UPSC) क्लियर करना उनके बचपन का सपना नहीं था। इतना ही नहीं आईटीआई करते समय भी उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि उन्हें इस क्षेत्र में आना है। ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद उन्हें एक विदेशी कंपनी में एक अच्छी जॉब मिल गई। करीब एक साल तक काम करने के बाद अचानक से उनके मन में यूपीएससी परीक्षा पास करने का विचार आया। उन्होंने अपने पहले प्रयास में अपना सबकुछ न्योछावर करने का फैसला लिया और अपनी नौकरी छोड़ दिल्ली आ गई। शानू की सोच यह थी कि वह पहले प्रयास में ही अपनी मंजिल तक पहुंच सके और इसी सोच के साथ उन्होंने तैयारियां भी शुरू कर दी। उनका मानना है कि दूसरे-तीसरे प्रयासों में लोगों के अंदर वह जोश ही नहीं रह जाता है, इस कारण शानू नौकरी छोड़ अपनी सफ़लता के लिए दिन-रात एक कर दी।
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शानू ने बेसिक्स से की शुरुआत
शानू बताती है कि उन्होंने दो दिन तक इंटरनेट के जरिए इस परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी ली। इसके बाद मार्केट में उपलब्ध बेसिक सोर्सेज को इकट्ठा किया और फिर लिमिटेड सोर्स एंड मल्टीपल रिवीजन के तर्ज पर कुछ किताबों से अपनी तैयारी शुरू कर दी। हालांकि उनके पास समय की कमी थी। इसलिए शानू ने ज्यादा किताबें इकट्ठा करने का कभी नहीं सोचा। उनका यह कहना है कि जब भी उन्हें ऐसा लगता था कि कोई विषय उनसे छूट रहा है, तो उसकी तैयारी वह प्रेक्टिस टेस्ट के द्वारा कर लेती थी। वह एक-एक विषय के प्रैक्टिस टेस्ट देने के साथ ही पूरे पेपर के टेस्ट भी देती थी। प्री में शानू खासकर मॉक टेस्ट को बहुत जरूरी मानती हैं। उनका कहना है कि जहां तक संभव हो टेस्ट दे, यह आपकी प्रैक्टिस के साथ-साथ आपकी कमियां भी बताता है। आप बस इतना याद रखे की टेस्ट देने के बाद रिवीजन जरूर करें।
शानू के अनुसार कोचिंग नहीं है जरूरी, इंटरनेट पर सब कुछ उपलब्ध है–
शानू प्री के लिए मॉक टेस्ट के साथ-साथ आंसर राइटिंग को भी बहुत जरूरी मानती है। उनका कहना है कि कैंडिडेट्स को अक्सर यह समस्या आती है कि उन्हें कभी सेटिस्फेक्शन नहीं होता कि तैयारी पूरी हो गई है। आपको भी ऐसा कुछ महसूस हो, तो आप आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दे।
अगर बात करें कोचिंग की तो शानू का यह कहना है कि वह दिल्ली की रहने वाली है, लेकिन ट्रैवलटाइम बचाने के लिए उन्होंने कोचिंग को बहुत कम महत्व दिया। एक बार वह वीकेंड्स की कोचिंग की और आगे चल कर वह भी छोड़ दी। उनका मानना है कि वर्तमान में परीक्षा की तैयारी के लिए हर छोटी-बड़ी चीज इंटरनेट पर मौजूद है। इसलिए दिल्ली आना और कोचिंग करना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। बस आपको अपने हिसाब से अपनी स्ट्रेटजी बनानी है, और दूसरों की गलतियों और अनुभवों से सीखना है। अपने मन में हमेशा यह सोच रखना है कि पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ले। हालांकि वह एक सलाह और देती है कि इस सफलता को ही जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य ना बनाएं और अगर इसमें असफल हुए तो आगे बढ़ने के लिए अपना दूसरा प्लान जरूर तैयार रखें।
शानू की यह कहानी, वाकई एक प्रेरणादायक है। इन्होंने बिना किसी कोचिंग की यूपीएससी(UPSC) जैसी परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया। The Logically शानू डिमरी को उनकी सफ़लता के लिए बधाई देता है।