Wednesday, December 13, 2023

सरकारी स्कूल से 12वीं करने के बाद भी इन्होंने कई कंपेटेटिवे एग्जाम निकाले, आज एक IAS अफसर हैं

आज के इस नए दौर में प्रतियोगिता बढ़ गई है। ऐसे में प्रतियोगी द्वारा परीक्षा पास करना बेहद कठिन कार्य हो गया है। कॉम्पटेटिव एग्जाम क्लियर करने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। उसमें सफल होने के लिए सबकुछ का त्याग करना पड़ता है। खासकर यदि बात हो सिविल सर्विसेज (Civil Service) की तो इसमें सफल होने मे वर्षों लग लाते है। कई छात्र हिंदी मीडियम से होने का बहाना देते हैं। लेकिन यदि मन में निश्चय कर ले तो बड़ा से बड़ा बाधा रूपी पर्वत भी नहीं रोक सकता है।

उपर्युक्त बातों को एक ग्रामीण लड़की ने सही साबित कर के दिखाया है। उसने हिंदी माध्यम से होने के बाद भी देश की सबसे कठिन समझी जाने वाली परीक्षा यूपीएससी में सफलता प्राप्त कर के सभी युवाओं के लिये अनोखा मिसाल पेश किया है। उस ग्रामीण लड़की ने यूपीएससी के पहले अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं मे सफलता हासिल किया है। आइए जानते हैं देश की उस होनहार बेटी के बारे में।

 surabhi gautam

सुरभि गौतम (Surabhi Gautam) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले के अमदरा गांव की रहनेवाली हैं। सुरभि के पिता MP के मईहर कोर्ट में एक वकिल हैं। उनकी माता का नाम डॉ सुशीला गौतम है और वह हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। सुरभि ने यूपीएससी में वर्ष 2016 में ऑल इंडिया 50वीं रैंक हासिल कर के परचम लहराया है।

सुरभि ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा गांव के हीं एक सरकारी स्कूल से किया। उन्होने हिंदी मीडियम से शिक्षा ग्रहण किया है। सुरभि के स्कूल में बिजली और पर्याप्त मात्रा मे किताबें भी उप्लब्ध नहीं थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई में स्वयं से ही बहुत परिश्रम किया था। सुरभि ने 10वीं कक्षा को 93.4% अंकों के साथ उतीर्ण किया था। उस समय उनका मैथ्स और साइंस के पेपर में 100 अंक आए थे। 10वीं और 12वीं में अच्छे नम्बरों से पास करने की वजह से सुरभि स्टेट मेरिट लिस्ट में शामिल थी।

यह भी पढ़े :- गांव की बदहाल स्थिति से व्यथित होकर डॉक्टर की नौकरी छोड़ बने IAS, अब ग्रामीण उत्थान पर विशेष रुप से काम कर रहे हैं

बिमारी भी राह मे रुकावट पैदा नहीं कर सका

सुरभि जब 12वीं कक्षा में थी उस समय उनकों Rheumatic Fever था। इस बिमारी की वजह से उन्हें प्रत्येक 15 दिन पर अपने माता-पिता के साथ गांव से 150 किलोमीटर दूर डॉक्टर से दिखाने के लिए जबलपुर जाना पड़ता था। इन सब परेशानियों के बाद भी सुरभि ने अपना ध्यान पढ़ाई से नहीं हटाया।

सुरभि ने अच्छे नम्बर से पास होने के बाद स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा पास की। उसके बाद भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन करवाया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिकस ऐंड कम्युनिकेशंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई किया। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के समय वह स्कूल की सबसे तेज छात्रा थी। सुरभि स्कूल से कॉलेज गईं तो वहां की दुनिया बिल्कुल ही अलग थी। क्यूंकि सुरभि एक हिंदी माध्यम की स्टूडेंट थी और वहां आनेवाले लगभग सभी छात्र इंग्लिश मीडियम के थे। ऐसे में सुरभि वहां हीन भावना की चपेट में आ गईं। जो सुरभि स्कूल मे फर्स्ट सीट पर बैठती थीं वहीं कॉलेज में वह सबसे लास्ट सीट पर बैठती थीं। सुरभि को इस बात का बहुत बुरा लगता कि उसपर कोई ध्यान नहीं देता। परंतु सुरभि अपनी हीन भावना से बाहर निकलर खुद को फिर से पहचान बनाने के लिए निश्चय किया। वह इंग्लिश मीडियम पर काम करने लगी।

IAS  surabhi gautam

अंग्रेजी भाषा में सुधार लाने के लिए सुरभि ने स्वयं से भी अंग्रेजी में बात-चीत करना आरंभ किया। वह प्रतिदिन कम-से-कम 10 वर्ड मिनिंग याद करती थीं। वह दीवारों पर मिनिंग लिखतीं और उसे दिन में कई बार दोहराती थीं। सुरभि कहीं से भी इंग्लिश वर्ड सुनकर उसे याद करती थी। इसके अलावा उन्होंने सपने भी अंग्रेजी में देखने आरंभ किए। सपने में भी वह इंग्लिश में ही बात करती थी। परिणामस्वरूप सुरभी ने ग्रेजुएशन के फर्स्ट सेमेस्टर में टॉप किया। इसके लिए सुरभि को कॉलेज चांसलर अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। सुरभि ने अपने आप को पढ़ाई के दौरान हमेशा बाहरी लालचों (मूवी देखना, घुमना आदि) से दूर रखा। उनके दिमाग में हमेशा यह बात रहती थी कि किसी भी तरह उन्हें अपने सपने को पूरा करना है। सुरभि ने पढ़ाई के दौरान हीं पर्सनालीटी डेवलपमेंट पर भी काम किया।

कई प्रतियोगी परीक्षाएं पास किया

सुरभि को कॉलेज के प्लेसमेंट के दौरान TCS(Tata Consultancy Service) में जॉब मिली परंतु सुरभि ने उसे ठुकरा दिया। उसके बाद सुरभि ने BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI तथा दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की।

सुरभि (Surabhi) ने वर्ष 2013 में IES की परीक्षा में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक के साथ सफलता हासिल किया। लेकिन सुरभि का मंजिल तो IAS बनना था। इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और परिणामस्वरुप देश के सबसे कठिन समझी जानेवाली प्रतियोगी परीक्षा यूपीएससी (UPSC) में भी 50वीं रैंक के साथ सफलता हासिल।

सुरभि गौतम का वीडियो यहां देखें

आज के समय मे जहां एक परीक्षा में पास होना बहुत कठिन है वहीं सुरभि ने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करके यह सिद्ध कर दिया कि यदि मेहनत और लगन सच्ची हो तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। वाकई सुरभि की सफलता बेहद सराहनीय है तथा एक बहुत ही खूबसूरत प्रेरणास्त्रोत भी है।

The Logically सुरभि गौतम को लगातार सफलता हासिल करने के लिए ढेर सारी बधाईयां देता है तथा उनकी मेहनत को सलाम करता है।