अक्सर पैरों से बलहीन लोगों को पैदल चलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यदि देखा जाए तो उनकी जिंदगी बैसाखी, व्हीलचेयर पर ही कट जाती है। ऐसे में इन लोगों को होनेवाली तमाम कठिनाइयों से उबरने के लिए IIT मद्रास ने एक ऐसा व्हीलचेयर का निर्माण किया है जिसका इस्तेमाल समतल भूमि के साथ ही उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी किया जा सकता है।
IIT मद्रास (Indian Institute Of Technology, Madras) से B.TECH की पढ़ाई करनेवाले स्वास्तिक सौरभ दास द्वारा तैयार इस मोटर व्हीलचेयर (Motor Wheelchair) को नाम नियोबोल्ट (Neobolt) दिया गया है। यह मोटर व्हीलचेयर एक बार चार्ज होने पर 25 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।
30 वर्षीय स्वास्तिक सौरभ दास (Swastik Saurabh Das) ओड़िशा (Odisha) के रहनेवाले हैं औ वे समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दिव्यांगों पर रिसर्च की और उनकी समस्याओं को जाना। उसके बाद 5 वर्ष की कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप उन्होंने अपाहीज लोगों के लिए निओबोल्ट (Neobolt Wheelchair) जैसी कमाल का व्हीलचेयर विकसित किया है।
आपकों बता दें कि, अभी तक इस व्हीलचेयर को 600 से अधिक लोगों ने खरीद लिया है। इससे स्वास्तिक (Swastik) को लाखों की आमदनी हुई है। दिव्यांग लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार व्हीलचेयर डिजाईन करवा सकें इसके लिए स्वास्तिक अपनी प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन के साथ मिलकर नए स्टार्टअप ‘निओमेशन’ के तहत पर्सनलाइज्ड व्हीलचेयर तैयार कर रहे हैं। -IIT Madras student Swastik Saurabh Das develops India’s first motorized wheelchair to run on bumpy roads.