Tuesday, December 12, 2023

मधुमक्खी के लुप्त होते ही पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी, जानिए आखिर क्यों यह सबसे महत्वपूर्ण प्रजाति है

क्या आप जानते हैं कि मधुमक्खी इस धरती की सबसे महत्वपूर्ण प्राणी मानी जाती है? अब आपके मन में यह ख्याल आएगा कि अगर ऐसा है, तो आखिर क्यों? आप इस लेख द्वारा यह जानकारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं इसलिए इस लेख को अवश्य ही पढ़ें।

मधुमक्खी के बिना मानव नहीं

मधुमक्खी को विश्व का सबसे इम्पोर्टेन्ट प्राणी रॉयल ज्योग्राफिक सोसाइटी ऑफ लंदन की एक बैठक में घोषित किया गया। वर्ष 2008 में द गार्जियन ने जानकारी दिया था कि अगर मधुमक्खी को हटा दिया जाए तो मानव जाति खतरे की कगार पर आ सकता है।

Most Importance of bee on earth

फूलों और मधुमक्खियों के बीच है अलग सम्बन्ध

अगर मधुमक्खियां विलुप्त हो गई तो इसे मानव जाति को खतरा होगा। मधुमक्खियों से पेड़-पौधों और फल-फूल के बीच का संबंध बहुत ही व्यापक है। ये एक दूसरे पर आश्रित हैं। आज से लगभग 10 करोड़ वर्ष पूर्व मधुमक्खियों और फूलों के बीच के संबंध ने इस पृथ्वी को समृद्ध बनाया।

परागण में है बहुत ही बड़ा योगदान

मधुमक्खियों की लगभग 20000 से भी ज्यादा प्रजातियां इस ग्रह पर है। वे लगभग 2सेमी-4सेमी के आकृति में अलग होते हैं नए पौधों के प्रकारों के प्रति अनुकूल न होते हुए भी कोशिश होती है कि वे उनके अनुसार ढाल सके।

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क्या कहता है सर्वे?

एक सर्वे के मुताबिक विश्व में 87 प्रमुख खाद्य फसल आंशिक अथवा पूर्ण रूप से परागण द्वारा ही संचालित होती है। मधुमक्खियों का इस परागण में बहुत ही बड़ा योगदान है। यह हजारों जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों को खिलाती है। पौधों की प्रजातियों की अनेकता का मुख्य कारण मधुमक्खियां है।

कुछ फसलों पर होगा प्रतिकूल प्रभाव

एफएओ की रिपोर्ट के मुताबिक मधुमक्खियों के आबादी में कमी होने के कारण सेब, टमाटर कोको, बदाम, कॉफी जैसे अन्य फसलों पर अनुकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। वर्ष 2009 के आंकड़ों के अनुसार शहद का उत्पादन और निर्यात लगभग 20 मिलियन से अधिक हुआ है। इस आंकड़े के अनुसार वैश्विक फसलों की संपूर्ण आमदनी 233 बिलियन डॉलर से लगभग 557 बिलीयन डॉलर हर वर्ष है। यह प्रकृति का एक मुफ्त भेंट है, जो शायद अब धीरे-धीरे खत्म होते नजर आ रहा है।

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मोबाइल से निकले तरंगों से है उन्हें समस्या

लगभग 40 फ़ीसदी परागकण प्रजातियां विशेष तौर पर मधुमक्खियों के नष्ट होने का सामना कर रहे हैं। वैश्वीकरण के कारण इनकी आबादियों में कमी आ रही है। जानकारी के अनुसार टेलीफोन या मोबाइल द्वारा जो तरंग निर्मित होते हैं उनके कारण यह नष्ट हो रही है। स्विट्जरलैंड के फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने बताया कि कॉल के दौरान जो तरंगे निकलती है उससे मधुमक्खियां अपना रास्ता भूल जाती हैं। बहुत से विशेषज्ञों ने भी इस जानकारी की पुष्टि की है।

जंगलों की हो रही कटाई

मनुष्य की आबादी बढ़ने के कारण जंगलों की कटाई हो रही है एवं वैश्वीकरण अत्यधिक बढ़ रहा है, जिस कारण मधुमक्खियों को हानि पहुंच रहा है। हमारे किसानों एवं सरकार द्वारा वन्य प्राणियों के निवास का संरक्षित जरूरी है।