ज़िंदगी में कठिनाइयां तो हर किसी की जिंदगी में आती है लेकिन जो इससे लड़ते हुए हार नहीं मानते और अपने लक्ष्य को हासिल कर के ही दम लेते हैं वही अपनी लाइफ के रियल हीरो होते हैं। हमारे देश के युवा अपने सपने को साकार करने के लिए इतनी मेहनत करते हैं कि कभी-कभी उन्हें फिजिकली या मेंटली प्रॉब्लम से भी गुजरना पड़ता है। फिर भी वे अपना फोकस अपने लक्ष्य पर केंद्रित करते हुए सफलता हासिल कर अन्य युवाओं का मनोबल बढ़ाकर उनके लिए उदाहरण बनते हैं।
आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी युवा की है जिसने अपने ज़िंदगी में तमाम कठिनाइयों को झेलते हुए सफलता हासिल की। उनकी एक आंख खराब हो गई, वह 57% जल गई थी फिर भी उन्होंने 5 गर्वमेंट एग्जाम क्रैक किया और आज सबसे बड़े हॉस्पिटल एम्स में बतौर नर्स कार्यरत हैं। -Country’s First Acid Survivor nurse Yasmin Mansuri
कठिनाइयों को पार करके प्राप्त की सफलता
वह लड़की यासमीन मंसूरी (Yasmin Mansuri) हैं जिनकी आयु 33 वर्ष है। उनका सपना यूपी के शामली से बाहर निकलकर दिल्ली में नौकरी करने का था जो उन्होंने साकार भी किया। परन्तु इसके लिए उन्हें ज़िंदगी मे आए तमाम विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्हें अपनी जिंदगी में ऐसे-ऐसे वक्त का सामना करना पड़ा जो शायद ही कभी किसी ने किया हो। कभी उनका शरीर जल गया तो कभी उनकी आंखें डैमेज हो गई फिर भी उन्होंने इन सारी कठिनाइयों को पार करते हुए अपने सपने को साकार किया। -Country’s First Acid Survivor nurse Yasmin Mansuri
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मेंटली और फिजिकली समस्याओं से हुईं पीड़ित
उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में मैं पूरी तरह एसिड हमले से झुलस गई। 17 वर्षों में 20 सर्जरी के बाद फेस पर डैमेज के चिन्ह है। मुझे सबने मना किया कि तुम आईना कभी मत देखना, मैंने खाने के लिए अपने मुंह तक नहीं खोलें और मेरे हाथ पैर जल गए चुके थे। वह पूरी तरह से मेंटली एंड फिजिकली दोनों समस्याओं से पीड़ित थी परंतु उनके मन में यह जज्बा था कि मुझे किसी भी तरह अपने सपने को साकार करना है और जिंदगी में वापस लौट जाना है। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट डिस्टेंस एजुकेशन से 10वीं एवं 12वीं पास की। इलाज कराने के दौरान उन्होंने कंप्यूटर कोर्स भी किया। लोग उनका चेहरा देख कर डर जाते थे, उन्हे कुछ खरी-खोटी सुनाते थे। लोगों की बातों को अनदेखा करते हुए उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। -Country’s First Acid Survivor nurse Yasmin Mansur
उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में साइकोलॉजी से एडमिशन कराया परन्तु उनकी इंग्लिश बहुत वीक थी इसीलिए उन्होंने इसे छोड़ दी एवं बीए प्रोग्राम में एडमिशन ले लिया। इस दौरान उन्होंने नर्सिंग का भी कोर्स प्रारंभ कर दिया। नर्सिंग के कोर्स में वह पहले वर्ष असफल हुई परंतु कॉलेज प्रिंसिपल के समर्थन से वह आगे बढ़ी और फिर विभिन्न हॉस्पिटलों में प्रैक्टिस प्रारंभ की। जब उनकी ड्यूटी सफदरगंज में लगी तो उन्हें डर लगा क्योंकि उनका भी ट्रीटमेंट यहीं से हुआ था।
-Country’s First Acid Survivor nurse Yasmin Mansuri
देश की पहली एसिड सर्वाइवर नर्स
वर्ष 2016 में बी एस एबिलिटी एक्ट को रिफाइंड किया गया जिसमें एसिड सर्वाइवर को भी स्थान मिला। जिसके उपरांत उनकी नौकरी एम्स में लग गई एवं इसके साथ ही वह हमारे देश की पहली एसिड सर्वाइवर नर्स बनी। इस दौरान उन्होंने पांच दूसरी गवर्नमेंट जॉब में भी सफलता हासिल किया था। -Country’s First Acid Survivor nurse Yasmin Mansuri