Sunday, December 10, 2023

खेतों ने मां-बाप के साथ हाथ बटाई, घरेलू कार्यो को करते हुए प्रयासरत रहीं और आज IPS बन चुकी हैं

21वीं सदी कई तरह के बदलाव को आत्मसात् करते हुए गतिमान है। हर क्षेत्र में परिवर्तन बखूबी देखा जा सकता है। लेकिन भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी लङकियों को लेकर बंदिशें मौजूद हैं। उनकी पढ़ाई के बारे में लोगों का यही मानना है कि पढ़ लिखकर करेगी क्या??? आखिरकार तो उसे चूल्हा-चौका ही संभालना है। शायद उनलोगों को यह नहीं दिखता कि देश की महिलाएं हर क्षेत्र में कार्य कर रही है। उनकी जिंदगी सिर्फ घर संभालने के लिए ही नहीं बल्कि अपने सपनों को उड़ान देने के साथ-साथ देश को जहां भी उनकी जरूरत पड़े वहां पर हाजिर होने की भी है।

आज की यह कहानी एक ऐसी लड़की सरोज कुमारी की है जो अपने माता-पिता के साथ खेतों में काम किया करती थी और आज वह आईपीएस ऑफिसर बन अपने सपने को साकार करने के साथ-साथ माता-पिता का नाम भी रोशन कर रही है।

saroj kumari

सरोज कुमारी

सरोज कुमारी (Saroj Kumari) राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनूं (Jhunjhunu) से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने आईपीएस बनकर अपने यहां के सभी व्यक्तियों को जागरूक किया है। सरोज ने यह जानकारी दी कि गांव में लोगों की मानसिकता बदल चुकी है। लोग उन्हें सम्मान दे रहे हैं और अपनी बेटियों को पढ़ाई करने के अवसर के साथ-साथ नौकरी करने के लिए भी अनुमति दे रहे हैं।

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जीवन-यापन के लिए करती थीं खेती

सरोज मात्र 3 वर्ष की थीं तब उनके पिता सेना से रिटायर्ड हो गए थे। उस दौरान जीवन-यापन के लिए उन्होंने खेतों में मजदूरी करना शुरू किया। पिता की मदद के लिए वह और उनके भाई हमेशा तैयार रहते और उनकी मदद करते। उनके परिवार वालों को उनकी विवाह की कोई जल्दी नहीं थी लेकिन समाज के व्यक्ति उनपर जोर-जबदस्ती किया करते थे। इस बात की उन्हें खुशी थी कि परिवार को इससे कोई फर्क नही पड़ता था। उनकी मां को सरोज से यह उम्मीद थी कि वह अवश्य ऑफिसर बनेंगी। उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई जयपुर (Jaipur) से सम्पन्न किया और एमफिल चुरू के गवर्मेंट कॉलेज से की। उन्होंने वर्ष 2010 में UPSC का एग्जाम दिया।

saroj kumari IAS

सेक्स वर्कर के लिए काम

जब वह सफल हुई और पोस्टिंग बोटाड में हुई तो उन्होंने सेक्स वर्कर के लिए जो कार्य किया वह सराहनीय था। उन्होंने वर्ष 2014 में रिपब्लिक डे की परेड में नेतृत्व भी किया। इतना ही नहीं वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली टीम का भाग भी हैं। उन्होंने किरण बेदी से प्रेरित होकर यह निश्चय किया कि उन्हीं की तरह बनूंगी। जब वह खेतों में काम कर रही थीं उस दौरान उन्हें एक पेपर मिला जिसमें किरण बेदी के बारे में था। फिर उन्होंने उसे अपने भाई को देखने को कहा। उसने यह बताया कि तुम अगर चाहो तो उनकी तरह बन सकती है। तब से उन्होंने यह ठान लिया कि वह ऐसा जरूर बनेगी।

जब उनकी UPSC की रिजल्ट आई तो उन्हें बहुत खुशी हुई। उनका सपना साकार हुआ। वह 2011 की गुजरात कैडर की IPS Officer हैं। उन्होंने सिर्फ अपना सपना ही पूरा नहीं किया बल्कि अपने गांव की अन्य लड़कियों को रूढ़िवादी सोंच से आजादी दिलाया।

saroj kumari

अपनी लगन से IPS बनने और अन्य लोगों की सोंच को बदलने के लिए The Logically IPS सरोज को सलाम करता है और उन्हें उनकी उपलब्धि पर बधाई देता है।