Monday, December 11, 2023

पिता के क’त्ल के बाद इंसाफ नही मिली, बेटे ने सिस्टम बदलने की ठानी और आज IPS बन चुके हैं

हमारे देश भारत को आजाद हुए 73 साल हो चुका है परंतु अब भी हमारे देश की कानूनी व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं हो पाई है कि हर किसी को इंसाफ मिल सके। कानून व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य जनमानस को न्याय देना है। सरकार ने ऐसी बहुत सारी कानूनी व्यवस्था की है जिससे देश के हर नागरिक को इंसाफ मिल सके, परंतु अभी भी ऐसा हो नहीं पा रहा है।

इंसाफ पाने के लिए अभी भी लोगों को पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने पड़ जाते हैं, लेकिन यह पुष्टि नहीं हो पाती कि उन्हे इंसाफ मिलेगा या नहीं। आज हम एक ऐसे ही आईपीएस (IPS) अधिकारी का जीवन के बारे में जानेंगे जिसे इंसाफ नहीं मिला जिसकी वजह से उसने पूरे सिस्टम को बदलने के लिए IPS बनने की ठानी।

सूरज कुमार राय (Suraj Kumar Rai)

उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के जौनपुर (Jaunpur) के रहने वाले हैं सूरज कुमार राय। उनका सपना इंजीनियर बनने का था। वह बचपन से हीं साइंस (Science) में बहुत दिलचस्पी लेते थे। सूरज शुरुआत के दिनों से हीं पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। 10 वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए सूरज ने साइंस (Science) का चयन किया। 12 वीं तक की पढ़ाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद (Allahabad) के मोतीलाल नेहरु इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए नामांकन करवाया। लेकिन कहते हैं ना कि जब किस्मत हमारा साथ नहीं देता तो हमारा हर प्रयास कम पड़ जाता है।

 suraj Kumar rai

सूरज का इंजीनियर से IPS बननें का सफर

इंजीनियरिंग कॉलेज मे एडमिशन लेने के एक महीने बाद हीं सूरज के पिताजी की जान ले ली गई। इस दुर्घटना ने सूरज की पूरी जिंदगी हीं बदल दी। इस घटना के 2 वर्ष बाद भी सूरज को अपने पिता के लिये इन्साफ नहीं मिला। सूरज ने बताया कि जब वो अपने पिता को इंसाफ दिला रहे थे तो उन्हें बहुत सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इस बारे में बताते हुए सूरज कहते हैं कि उन दिनों जब वो पुलिस स्टेशन जाते थे तो वहां उन्हें घंटो प्रतीक्षा करवाया जाता था। ऐसी लापरवाही को देखते हुए सूरज ने सिस्टम में सुधार लाने के बारे में सोचा। इसके लिए उन्होंने खुद ही IPS बनाने की ठानी। जिसके लिए सूरज ने बचपन के सपने को छोङकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद UPSC की तैयारी में लग गए।

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किसी का भी समय कभी भी बदल सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ सूरज कुमार के साथ जिसका बचपन का सपना इंजीनियर बनने का था परंतु उसे छोड़कर वो UPSC की तैयारी में जुटे थे। सूरज ने बताया कि जब वह अपने पिता के केस के लिए कोर्ट या थाने जाते थे, तब उन्होंने देखा कि सरकार की कानून व्यवस्था बहुत धीरे और लाचार रूप से काम कर रही है। इस बीच उन्होंने देखा कि ना सिर्फ वो बल्कि उनके जैसे बहुत से लोग जो कोर्ट या थाने के चक्कर काटते थे परंतु उन्हे इंसाफ नहीं मिल पाता था। इससे प्रेरित होकर सूरज ने सिविल सर्विस में जाने की ठानी।

सूरज ने कैसे की UPSC की तैयारी

सूरज UPSC की तैयारी करने के लिए दिल्ली (Delhi) चले गये और पूरे मन से तैयारी में जुट गए। UPSC की परीक्षा बहुत हीं कठिन होती है। जब सूरज ने पहली बार परीक्षा दी तो शुरुआती चरण क्लीयर नहीं कर पाए। उसके बाद सूरज दूसरे प्रयास में परीक्षा का शुरुआती चरण प्री क्लीयर कर लिए परंतु परीक्षा के दूसरे चरण मेन्स में सफलता उनके हाथ नहीं लगी। असफल होने के बाद भी सूरज ने हार नहीं मानी। उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए तीसरी बार में सफलता प्राप्त कर लिया। सूरज कुमार ने यूपीएससी 2017 की परीक्षा में 117वां रैंक हासिल किया है और अब वो IPS ऑफिसर हैं।

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सूरज ने सिविल सर्विस के बारे में बताया

सूरज ने बताया कि वह सिविल सर्विस में दूसरों की मदद करने के मकसद से गए हैं। इस परीक्षा के बारे में बताते हुए सूरज ने कहा की छात्र कितने देर पढ़ता है यह मायने नहीं रखता है, बल्कि कितना पढ़ने से कांसेप्ट क्लियर हो रहा है ये ज्यादा मायने रखता। उसी के हिसाब से छात्र को UPSC परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।

The logically सूरज कुमार राय को दूसरो की मदद करने की भावना की तारीफ करता है, और उनकी कामयाबी के लिए उनको बधाई देता है।