Tuesday, December 12, 2023

400 गज़ के छत पर लगाये हैं एक हज़ार से भी अधिक पौधे, सब्जी और फूलों से भरा रहता है छत

हर इंसान की अपनी अलग-अलग चाहत होती है। किसी की चाहत होती है ऑफिसर बनने की, किसी की खेती करने की, तो किसी की ख़ूबसूरत से बगीचे के निर्माण की………। भले ही चाहत अलग-अलग हो लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए एक ही डगर पर चलना होता है, अपने काबिलियत और हौसलें के रास्ते पर वो भी अडिग हो कर। परिस्थितियां कैसी भी हो, उस कार्य में लगे रहना, जिस चाहत को आप पाना चाहते हैं। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिन्होंने अपने बचपन की चाहत को पूरा किया है। इनका नाम “मास्टर जगदीप सिंह” हैं।

जगदीप सिंह

जगदीप सिंह ( Jagdeep Singh) हकीकत नगर (Hakikat Nagar) में अपने परिवार के साथ रहते हैं। यह एक जेबीटी (Junior Basic Training) शिक्षक हैं। जो लगातार 28 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं। इन्होंने अपने 400 गज के घर में पर्यावरण संरक्षण के लिए 1050 पेड़-पौधे लगा रखें है, जिससे इनकी मकान की शोभा दर्शनीय लगती है। जो भी इंसान उस गली से गुजरता है उसकी नजर उनकी मकान से हटाये नहीं हटती है। इन्होंने अपने छत पर फलदार, सजावटी और औषधीय पौधों के साथ कई तरह के पौधों को लगाया है।

रासायनिक उर्वरक से निर्मित हुए अन्य प्रकार के पेड़-पौधे

मझले आकार के पौधों में इन्होंने छत पर चीड़, देवदार, पारस, पीपल, सहित बरगद जैसे पेड़ को लगाया है। इन्होंने बरगद के पेड़ को 25 साल पहले गमले में लगाया था जो आज बड़ा हो चुका है। इसके साथ ही उन्होंने सब्जियों में भिंडी, टमाटर, बैंगन, टिंडा, तोरी, घीया, करेला, सहित हरी मिर्च को भी उगया है। इन सारे पौधों को उगाने उगाने में वह ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करते हैं जो पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत मायने रखता है। अपनी उगाई हुई सब्जियों को पड़ोसियों को भी खाने के लिए देते हैं। खेती करने के साथ ही वह अपने पड़ोसियों और मित्रों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं। जगदीप चाहते हैं कि उनके मित्र और पड़ोसी भी इनके साथ इस क्षेत्र में कार्य कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।

पौधों की देखभाल करने का तरीका




जगदीप सिंह जो पेड़-पौधे लगाए हैं, उनकी देखभाल में वह कम-से-कम 3 घंटा ज़रूर देते हैं। सुबह उठने के बाद स्कूल जाने से पूर्व पौधों की सिंचाई और किस पौधे में कौन सी परेशानियां हैं? वह सब को देख कर जाते हैं। स्कूल से आने के बाद उन सब की देखभाल करते हैं। इतना सब कुछ करने के बाद वह गमला भी ख़ुद ही बनाते हैं।

Representative Image, Source-Internet

बेटियों की की शादी

जगदीप सिंह ने वर्ष 2014 में अपनी दो बेटियों की शादी की। इस शादी में उन्होंने दहेज के रूप में 11-11 गमलों में पौधे लगाकर वर पक्ष को दिए और उन्हें भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने में अपना योगदान देने के लिए भी प्रेरित किये। शादी के समय हो रहे फेरों में उन्होंने आठवें फेरें पर्यावरण संरक्षण और 9 वें फेरे में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए लगवाये। ऐसी अद्भुत शादी देख वहां के सीएम खट्टर ने उन दो बेटियों को आशीर्वाद देते 1-1लाख रुपये देने की एलान किये। पर्यावरण संरक्षण के लिए जो कार्य JBT टीचर जगदीप सिंह ने किया है, वह सराहनीय है। इसके लिए The Logically उन्हें सलाम करता है।