Wednesday, December 13, 2023

फूलों की खेती से खूब कमा रहा है यह किसान, इनकी तकनीक काबिल-ए-तारीफ है

परम्परागत कृषि में किसानों की कमाई अब पहले के मुकाबले कम हो रही इसलिए ज्यादातर किसान परम्परागत खेती छोड़ अब नई तकनीकों के सहारे विभिन्न तरह के लाभदायक फसलों का उत्पादन कर रहे है।

आज हम आपको जोधपुर जिले के लुणी क्षेत्र के डोली गांव के रहने वाले कुछ किसानों के बारे में बताएंगे, जो सामान्य फसलों की खेती ना कर फूलों की खेती करते हैं और उसके जरिए अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। – Farmers of Doli village of Jodhpur district are leaving traditional farming and growing flowers of Hazara species of marigold.

हजारे फूलों की बड़े स्तर पर कर रहे है खेती

आपको बता दें कि यहां के किसान हजारे फूलों की बड़े स्तर पर खेती कर अन्य किसानों के लिए भी कमाई का एक रास्ता बना रहे हैं। भूजल स्तर की स्थिति को देखते हुए लोगों ने फूलों का खेती शुरू कर दिया है। फूलों की खेती के जरिए किसान कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। पिछले पांच सालों के रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर की कमी के वजह से किसान अनाज की खेती छोड़ रहे है।

Jodhpur Farmer earning much to do floriculture

हजारे की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है

परम्परागत खेती में फायदा ना होने के वजह से किसानों का ध्यान ज्यादतर साग-सब्जी और फूलों की तरफ जा रहा है। ठीक उसी प्रकार डोली के किसानों ने भी फूल की खेती को अपना कमाई का जरिया बना लिया है। यहां हर सीजन में हजारे के फूलों की खेती की जाती है। हजारे की खेती करने वाले किसान गोपाराम बताते हैं कि हजारे की खेती में लागत कम है, जबकि फूलों के उत्पादन अच्छे होते है, जिससे कमाई अच्छी हो जाती है।

Jodhpur Farmer earning much to do floriculture

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पूरे साल रहती है फूल की डिमांड

फूल की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है। किसान दलाराम बताते हैं कि कम लागत में अधिक उत्पादन और आय के चलते यहां के किसान फूलों की खेती कर रहे है। यहां उगाए गए फूल अलग-अलग रंगों के होते है, बाजार में हल्के फूल 40 रुपये प्रतिकिलो और अच्छे फूल 70 से 80 रुपये किलो बिकता है। हालांकि त्योहारों और वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान मांग बढ़ने की वजह से इनकी कीमत भी बढ़ जाती है। – Farmers of Doli village of Jodhpur district are leaving traditional farming and growing flowers of Hazara species of marigold.

Jodhpur Farmer earning much to do floriculture

पूरे साल होती है गेंदा के हजारा प्रजाति फूल की खेती

जानकारों की मानें तो सालभर में तीन से चार बार के फसल उत्पादन से एक किसान दो से तीन लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकता है। किसानों की मानें तो गेंदा की हजारा प्रजाति का फसल पूरे साल उगाई जा सकती है। यहां एक फसल के खत्म होते हीं दूसरी फसल के लिए पौध तैयार कर ली जाती है। इस खेती में जहां लागत काफी कम होती है, वहीं आमदनी काफी अधिक होती है। गेंदा की फसल ढाई से तीन माह में तैयार हो जाती है और इसे दो महीने में प्राप्त की जा सकती है।

Jodhpur Farmer earning much to do floriculture

हजारा प्रजाति के फूल उगाने में किसानों को कम मेहनत में अच्छी कमाई होती है

हजारा प्रजाति के फूल एक बीघा जमीन में उगाने में करीब तीन-चार हजार रुपये खर्च होती है। हालांकि इसे सिंचाई की भी अधिक जरूरत नहीं पड़ती। दो से तीन सिंचाई में ही खेती लहलहाने लगती है और पैदावार पांच क्विंटल प्रति बीघा तक हो जाती है। साथ ही इसमे किसानों को ज्यादा मेहनत भी नहीं करना पड़ता। फूल के फसल पर किसी प्रकार के खाद या दवा के छिडक़ाव की आवश्यकता नहीं होती। सालों भर हजारे के फूलों की मांग रहती है। त्योहारों, प्रतिष्ठानों और घरों की सजावट सहित वैवाहिक कार्यक्रमों में फूलों की मांग बनी रहती है। इसके अलावा सालों भर मंदिरों पर पूजन के लिए भी फूलों की जरूरत रहती है। – Farmers of Doli village of Jodhpur district are leaving traditional farming and growing flowers of Hazara species of marigold.