“परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति” अर्थात् “जो परोपकार के लिए जीता है वही सच्चा जीना है” खुद के लिए जिंदगी जीना बेहद आसान है जिसे अधिकतर लोग जीते हैं लेकिन वहीं खुद की जिंदगी खुद के साथ बेसहारा और जरूरतमंदों की मदद में समर्पित कर देना मानव होने के सच्चे आशय को दर्शाता है।
बहुत कम लोग होते हैं जो इन बेसहारों के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर देते हैं। आज बात बेसहारों के लिए फरिश्ता बनकर उभरे एक ऐसे हीं शख्स कर्मवीर सिंह( Karamvir Singh)की जिन्होंने अपनी जिंदगी खुद के लिए कम, परोपकार के लिए ज्यादा समर्पित की हुई है। उन्होंने The Logically को दिए साक्षात्कार में खुद के द्वारा लाचारों और बेसहारों को दी जा रही सेवा के बारे में विस्तार से बताया। आईए जानते हैं…
वैसे तो कर्मवीर सिंह उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रहने वाले हैं लेकिन उनका जन्म और परवरिश दिल्ली में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे दिल्ली में हीं बिजली विभाग में कार्यरत है। बेहद शालीन और स्वभाव से बेहद परोपकारी कर्मवीर सिंह जरूरतमंदों की सेवा को हमेशा तरजीह देते रहे हैं। “जैसा नाम वैसा काम” वाली बात उन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। अपने नाम की तरह हीं वे काम से भी कर्मवीर हैं।
इस तरह हुई समाजसेवा की शुरुआत
समाज सेवा की शुरुआत के बारे में The Logically से बात करते हुए कर्मवीर सिंह(Karamvir Singh) ने बताया कि लोगों की मदद करने का विचार तो शुरू से हीं उनके मन में कौंधता रहता था लेकिन उसी बीच दिल्ली के मंडावली की बेहद दर्दनाक घटना ने मेरे मन मस्तिष्क पर बहुत प्रभाव डाला। जहां एक हीं घर के तीन बच्चे भूख से तड़पते हुए अपनी जान गंवा बैठे थे। हृदय विदारक उस घटना ने मेरे अंदर समाज सेवा के भाव को धरातल पर कुछ काम के करने के लिए प्रेरित किया और मैंने 3-4 दिन बाद हीं अपने घर से खाना लेकर चौक-चौराहे पर खड़े भूखे बच्चों की भूख मिटाने के लिए निकल पड़ा। तब से लेकर भूखों को पेट भरने का यह कार्य निरंतर रूप से चला आ रहा है।
“कर्मवीर सेवा ट्रस्ट” की स्थापना(Karamvir Seva Trust)
2020 में कर्मवीर और उनके कुछ दोस्तों ने मिलकर ‘कर्मवीर सेवा ट्रस्ट’ के नाम से एक संस्था बनाई। वे लोग इस संस्था के अंतर्गत प्रतिदिन 650 से भी अधिक भूखे लोगों को खाना खिलाते हैं। खाना खिलाने के साथ-साथ विभिन्न त्योहारों पर कर्मवीर और उनके दोस्त गरीब और बेसहारा लोगों में कपड़े, मिठाईयां व अन्य सामग्रियां भी बांटते हैं जिसे उन बेसहारों की जिंदगी में एक नया आनंद आ जाता है।
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इस तरह करते हैं खाना का प्रबंध
प्रतिदिन 650 से भी अधिक लोगों को खाना खिलाने के इंतजाम के बारे में वे बताते हैं कि जिस कंपनी में वे काम करते हैं उसके कैंटीन में बचा खाना वे ले लेते हैं, साथ हीं लोगों के द्वारा दान में दिए गए रॉ मैटेरियल्स को वे अपने ही कैंटीन में देकर उससे खाना बनवा लेते हैं, 3-4 रेस्टुरेंट्स से भी वे लोग रोजाना खाना एकत्र करते हैं, साथ हीं कुछ स्थानीय निवासी भी इन्हें कुछ बच्चों का खाना उपलब्ध करवा देते हैं। इन खानों को लेकर कर्मवीर और उनके दोस्त निकल पड़ते हैं उन चौक-चौराहों की तरफ जहां पर भूख से तड़पते लोग इनकी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। भूखों का पेट भरने सरीखी कार्य करने के साथ ये लोग समाज के अन्य लोगों को भी इस कार्य हेतु प्रेरित करते हैं।
खुद से करते हैं कुष्ठरोगियों का ईलाज
लोगों को खाना खिलाने के साथ कर्मवीर(Karamvir Singh) एक और बेहद हीं महत्वपूर्ण और मानवतावादी कार्य करते हैं। कुष्ठ रोगियों की हालत शायद हीं किसी से छुपी है। लोगों में कुष्ठरोगियों के प्रति इतना घृणा का भाव है कि वे उनके पास जाना भी मुनासिब नहीं समझते। जिन कुष्ठ रोगियों के पास लोग जाना तक नहीं चाहते उनके पास कर्मवीर रोज जाकर खुद से उनके घावों की साफ-सफाई, मरहम-पट्टी करते और दवा देते हैं। डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है। कर्मवीर भी लाचार और बेसहारा उन कुष्ठ रोगियों के लिए किसी भगवान से कम नहीं है। कुछ क्षेत्रों को चयनित करके वे हर दो-तीन दिन पर जाकर उनकी मरहम-पट्टी करते हैं साथ ही उन्हें अतिरिक्त पट्टी, दवा, मलहम इत्यादि मुहैया करवाते हैं ताकि अगर किसी दिन अगर वे ना भी पहुंच पाएं और उन्हें कोई जरूरत पड़ जाए तो वे खुद हीं अपना इलाज कर सकें।
कर्मवीर सिंह कहते हैं कि आज कोरोना के समय में जिस तरह से लोग शारीरिक दूरी बना रहे हैं वह तो ठीक है लेकिन यह हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि शारीरिक दूरी के साथ हममें भावनात्मक दूरी कदापि ना पनपे। वे और उनके दोस्त कार्य करते हुए और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जरूरतमंदों की सेवा हेतु प्रेरित करते रहते हैं। उनका कहना है कि लोगों को जागरूक कर हीं अधिक से अधिक लोगों तक सेवा पहुंचाया जा सकता है-Karamvir Seva Trust
भूखे लोगों को खाना खिलाकर उनकी जिंदगी सहेजने जैसा उत्तम कार्य करके तथा मजबूरी में बिल्कुल पृथक जीवन जीने वाले कुष्ठ रोगियों का इलाज करके कर्मवीर सिंह और उनके साथी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य परायणता की मिसाल पेश कर रहे हैं यह उनके बेहतरीन और उदार व्यक्तित्व को दर्शाता है। The Logically कर्मवीर सिंह और उनके साथियों द्वारा किए जा रहे मानवहित के कार्यों को नमन करता है।