अपने खुद के द्वारा उगाए हुए सब्जियों को खाने का स्वाद हीं बहुत अलग होता है। क्योंकि आजकल हम लोग देख रहे हैं कि सब्जियों में, फलों में या अनाजों में भिन्न-भिन्न प्रकार के रसायनों का प्रयोग हो रहा है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक सिद्ध हो रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई लोग खुद से हीं सब्जियां उगा रहे हैं। परंतु कुछ लोगों को लगता है कि सब्जियां उगाने के लिए बड़ी जगह चाहिए। लेकिन सब्जियां छोटी जगह में भी उगाई जा सकती है तथा उसका ताजा सेवन भी किया जा सकता है।
इसी क्रम में आज आपको हम बताने जा रहे हैं कि छोटी सी जगह में भी सब्जियों का उत्पादन कैसे किया जा सकता है और अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखा जा सकता है। इस कहानी के माध्यम से आपको जानकारी प्राप्त होगी कि कैसे छोटी सी जगह (60 वर्ग फीट) में भी अलग-अलग तरह की सब्जियों को उगाया जा सकता है।
नासर (Nasar) केरल (Kerala) के अलाप्पुझा जिले के अरुकुट्टी कस्बे के रहनेवाले हैं। वह पेशे से इंजीनियर है परंतु दिल से वह एक किसान हैं। नासर ने 60 वर्ग फीट की जमीन पर यह किचन गार्डन बनाया है तथा वह उसमें प्रतिदिन आधा घंटा का वक्त गुजारते हैं। इंजीनियर नासर अपने किचन गार्डन में 26 अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को उगाते हैं।
नासर ने बताया कि वह उनका लालन-पालन एक किसान परिवार में हुआ है। वह खेत में बुआई से लेकर कटाई तक के सभी तरीके को देखे हैं। खेती उनका शौक है और वह अपने इस शौक को पिछ्ले 21 वर्षों से अपने परिवार के लिए सब्जियां उगा रहे हैं। नासर को 2 दशक से कभी भी बाजार से सब्जियां खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
इंजीनियर नासर ने अपने खेत को क्रिपर, क्लाइंबर और यूट्यूबर जैसे अलग-अलग भागों में बांटा है। उन्होंने खेत में जाने के लिए पर्याप्त जगह भी छोड़ा है। इसके अलावा उनका खेत खीरा, गाजर, अदरक, टमाटर, करेला, मिर्च, पालक तथा फूलगोभी आदि जैसी अन्य तरह की सब्जियों से भरा हुआ है।
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इंजीनियर नासर बताते हैं कि जगह बहुत मायने नहीं रखती है। जिस हिस्से में खेती करनी है यदि उसका सही प्लानिंग किया जाए तो जरूरत के हिसाब से सभी सब्जियों का उत्पादन एक छोटे से जगह में हीं आसानी से किया जा सकता है। नासर का मानना है कि प्रत्येक घर में किचन गार्डन का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि खुद के द्वारा उगाई गई सब्जियों को खाने का मजा हीं अलग होता है। यदि एक बार खुद के उगाए हुए सब्जियों को कोई खा ले तो वह खेती को ना नहीं कह पाएगा।
नासर के द्वारा दिए गए कुछ खास मंत्र
नासर ने 60 वर्गफीट में उन्नत कृषि के कुछ खास टिप्स भी साझा किए हैं जो इस प्रकार हैं:-
• वह बताते हैं कि 60 वर्ग फीट के जमीन में लगभग 60 ग्रो बैग को लगाना चाहिए। उसमें से 15 ग्रो बैग को विशेषतः बीन्स के लिए अलग रखना चाहिए तथा दूसरे को नियमित की सब्जियों के लिए। पौधों को आवश्यकतानुसार हीं धूप लगाने चाहिए।
• वर्षा ऋतु के मौसम में खरपतवार और अन्य कीटों को मिट्टी से ग्रो बैग में जाने से रोकने के लिए मिट्टी के ऊपर वाटरप्रूफ शीट बिछाना चाहिए।
• गुरु बैग में सुखी खाद, मिट्टी और बालू की बराबर मात्रा भरना तथा उसमें पौधों को बेहद सावधानी पूर्वक लगाना चाहिए।
• गर्मियों के मौसम में पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके इसके लिए ड्रिप सिंचाई का प्रयोग करना चाहिए।
• पौधों को पानी देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौधे नीचे की तरफ नहीं झुकें, क्योंकि इससे उसको नुकसान हो सकता है।
• पौधों में किसी प्रकार का रासायनिक कीटनाशक और उर्वरकों के उपयोग से बचना चाहिए।
नासर (Nasar) ने बताया कि वह खाद पर विशेष ध्यान देते हैं। वह कहते हैं कि पौधों में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग करने से खेती का कोई महत्व नहीं रह जाता है क्यूंकि उसके इस्तेमाल से प्राकृतिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होता है। हमेशा ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने का विचार करना चाहिए जिससे अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके।
इंजीनियर नासर अपने मिनी किचन गार्डन में जैविक खाद का प्रयोग करते हैं। जैविक खाद बनाने के लिए 30 लीटर पानी में एक किलो ताजे गोबर की खाद, 1 किलो गुड़, 1 किलो मूंगफली केक पाउडर तथा आधा किलो केला मिलाकर निर्माण किया जाता है। उसके बाद उसे एक सप्ताह के लिए सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि मिश्रण को सूखने के दौरान कम से कम दिन में एक बार मिलाना चाहिए। इस मिश्रण का प्रयोग पौधों में देते समय पानी के साथ 1.8 के अनुपात में किया जाना चाहिए। नासर ने बताया कि इस उर्वरक को 45 दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है।
इंजीनियर नासर 1 एकड़ की भूमि में मिश्रित खेती करते हैं उसमें वह अधिकतर मैंगोस्टीन, लीची, सपोटा के साथ नारियल जैसे फलों को उगाते हैं।
वर्तमान में नासर ऑर्गेनिक केरल चैरिटेबल ट्रस्ट के महासचिव हैं। उन्होंने गांव के कई ग्रामीणों को भी इसके लिए प्रेरित किया है। नासर को उनकी खेती के तकनीकों की वजह से उन्हें कई स्थानीय समितियों के द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
The Logically इंजीनियर नासर को इतनी छोटी-सी भूमि में 26 भिन्न-भिन्न प्रकार के सब्जियों को उगाने के लिए नमन करता है। इसके साथ हीं अपने पाठको से आशा करता है कि वे भी नासर की खेती की तकनीक का इस्तेमाल करेंगे।