Wednesday, December 13, 2023

भेङ पालन से लेकर उसके मुनाफे और समस्याओं तक के हर पहलू को विस्तार से जानें

भारत के अधिकतर किसान कृषि कार्य करने के साथ-साथ पशुपालन भी करते है, जो किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। हालाँकि अधिकांश किसान, गाय, भैंस, बकरी आदि का पालन करते है परन्तु हमारे देश में कई ऐसे भी राज्य है, जहाँ भेड़ पालन का कार्य एक बड़े पैमाने पर किया जाता है। दरअसल भेड़ पालन में अन्य पशुओं की अपेक्षा लागत कम लगती है जिसके वजह से छोटे किसान भी भेड़ पालना पसंद करते हैं।

The Indian Stories ने एक भेङपालक से सम्पर्क किया और भेङपालन से जुड़ी हर बिन्दू पर उनकी राय जानने की कोशिश की। फायदे से लेकर नुकसान की भी बात की। इस कहानी के साथ हम उनके इंटरव्यू का एक वीडियो भी साझा कर रहे हैं जिसे देखकर भेङपालन से जुड़ी हर चीज को भलि-भांति समझा जा सकता है।

पिछले कुछ वर्षो में भेड़ पालन व्यवसाय में काफी वृद्धि देखनें को मिली है, क्योंकि भेड़ जंगली घास या खरपतवार खाकर ही अपना विकास करती हैं, जिसके कारण इनके पालन और देखभाल में अधिक खर्च की आवश्यकता नही होती है। अब सवाल ये उठता है कि भेड़ पालन में वृद्धि तो हो रही है क्या इसके मुनाफे में भी वृद्धि हो रही है? तो निश्चित तौर पर किसानों की आय में इन दिनों काफी गिरावट देखने को मिल रहा है।

वीडियो देखें:-

The Indian Stories ने एक किसान से बात करते हुए पूछा कि आपको भेड़ पालने से कितना फायदा हो जाता है तो उनकी तरफ से जो जवाब दिया गया वो बिल्कुल निराशजनक था। उन्होंने कहा की पहले हमें भेड़ पालने से एक और फायदा हुआ करता था। जिसमे हम लगभग चार महीनों के बाद इससे निकले ऊन को बेच दिया करते थे। लेकिन अब वो ऊन तो निकालते हैं लेकिन उनका ऊन बिकता नहीं है। क्योंकि ऊन का व्यापारी अब उनसे ऊन खरीदने के लिए आते ही नहीं है। जो की उनके साथ-साथ पूरे देश के लिए चिंता का विषय माना जा सकता हैं।

भेङ पालने में कितना खर्च हो जाता है इस सवाल पर The Indian Stories से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भेड़ को दवा की जरूरत होती है। उन्हें कई तरह के दवा देने होते हैं। मुख्यतः उनका कहना था की भेड़ के बच्चे को बेचकर ये इन सब की दवा करवाते हैं और इन्हें बस उतना हीं कमाई होती है जिससे वो इन सब का दवा करवा सकें। जिससे साफ होता है कि भेड़ को किसान पालना तो चाह रहे हैं लेकिन उन्हें फायदा के बजाय नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिसके बारे में समझना बेहद जरूरी है।

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हमारे देश के 20वीं पशुगणना के अनुसार देश में 10 मिलियन से अधिक भेड़ हैं, जिनका पालन लोगों द्वारा किया जा रहा है। कई मायनों में भेड़ पालन अन्य पशुओं की अपेक्षा काफी सरल है, क्योंकि भेड़ें आकार में छोटी होती हैं। जिसके कारण इनका पालन कम स्थान में बड़ी सरलता से किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है, कि इनमें मौसम के अनुरूप स्वयं को ढ़ालने की क्षमता होती है इसलिए इन्हें हर तरह की जलवायु में पाला जा सकता है। लेकिन जितने भी छोटे किसान हैं जो भेड़ पालते उन्हें रखने के लिए जगह की अभाव होती है जिसके वजह से उन्हें हमेशा इसे बाहर हीं रखना पड़ता है। यानी अधिकतर समय भेद को खेत खलिहान में हीं बिताना पड़ता है जो की इसकी मजबूरी होती है।

अगर हम भेड़ की कीमतों की बात करें तो आमतौर पर एक भेड़ की कीमत 3 हजार रुपये से लेकर 8 हजार के बीच हो सकती है। कहने का मतलब यह है, कि आप लगभग 1 लाख रुपए में अपना भेड़ पालन व्यवसाय बड़ी आसानी से कर सकते है। 20 भेड़ो के लिए 500 स्क्वैयर फीट का बाड़ा पर्याप्त माना जाता है परन्तु यह खुला और हवादार होना चाहिए। आप यह बाड़ा तीस से चालीस हजार रुपये में तैयार कर सकते हैं।

अगर मुख्य तौर पर कहा जाय तो किसानों के लिए भेड़ पालना किसी अन्य पशु की तुलना में बेहद सरल है। लेकिन इसको पालने के लिए आपको सदैव तत्पर रहना होगा और अच्छा खासा आप मुनाफा भी कमा सकते हैं।