झील चाहे कही भी हो, वह खूबसूरत और शांति का ही स्रोत रहती है। भारत में कई प्रकार के झील है- दिल के आकार वाली झील, तली मानव हड्डियों के सामान तली वाली झील, दुनिया की सबसे सुंदर अंतर्देशीय झील आदि। आज हम भारत की दस दर्शनीय अनोखी और सुरम्य झीलों के बारे में बात करेंगे।
- पैंगोंग त्सो (Pangong Tso), लद्दाख (Ladakh)
लेह के पहाड़ियों से पांच घंटे की दूरी पर स्थित खारे पानी की झील-पैंगोंग त्सो भारत की बेहद अनोखी झील मानी जाती है। यहां एक सीन में पैंगोंग त्सो के किनारे करीना कपूर लाल रंग के लहंगे में स्कूटर की सवारी करती नजर आ चुकी हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) भी इसके जरिए निर्धारित होती है। इस झील का एक बड़ा हिस्सा चीन में आता है।
- पराशर झील (Parashar Lake), मंडी (Mandi)
पराशर झील एक बर्फीली झील है, जो मंडी से 49 किलोमीटर दूर हिमाचल शैली में बने ऋषि पराशर के मंदिर के पास है। सर्दी हो या गर्मी किसी भी मौसम में यहां बच्चों के साथ भी आसानी से जा सकते हैं। गर्मियों में पराशर झील नीले और हरे रंग में बदल जाती है और सर्दियों में यह झील नीले और सफेद रंग की दिखाई देती है।
- पिछोला झील (Lake Pichola), उदयपुर (Udaipur)
उदयपुर के सिटी पैलेस के पास बनी पिछोला झील एक कृत्रिम झील है। यह सुदूर क्षितिज तक फैली है। यह झील 4 किलोमीटर लंबी और 3 किलोमीटर चौड़ी है। सिटी पैलेस से यह पूरी झील दिखाई पड़ती है। अगर आप चाहे तो सूर्यास्त के समय रामेश्वर घाट से नाव की एक लंबी सवारी का आनंद ले सकते हैं।
- लोकटक झील (Loktak Lake), मणिपुर (Manipur)
वनस्पतियों और जीवों की शरण स्थली माने जाने वाली लोकटक झील, पूर्वोत्तर भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह झील इसमें तैरती फुमदी के लिए भी प्रसिद्ध है। फुमदी मिट्टी, वनस्पति और अन्य कार्बनिक पदार्थों का जमा द्रव्य है, जिसका अपघटन कई चरणों में होता है। यहां छोटी फुमदियों को देखना बेहद खास अनुभव हैं।
- चंद्रताल झील (Chandratal Lake), स्पीति (Spiti)
स्पीति में 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग त्सो की प्राकृतिक नकल, चंद्रताल झील का नाम चंद्रमा जैसी दिखने वाली आकृति के कारण रखा गया है। चंद्रताल झील का अर्थ है चंद्र झील’ और यह लाहौल और स्पीति जिले के कुंजुम ला पास से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह लंबे-चौड़े घास से घिरा झील का रंग नीलमणि के जैसा है। इस झील का दूसरा महत्व आकाशगंगा को देखने के लिए स्पीति एकदम सही जगह है।
- सोमगो झील (Somgo Lake), गंगटोक (Gangtok)
सोमगो झील गंगटोक से 35 किलोमीटर दूर नाथू ला पास के मार्ग पर स्थित है। सोमगो झील को स्थानीय भाषा में चांगू झील भी कहा जाता है। इसकी खड़ी ऊंचाई का मतलब है कि आप अल्पाइन और झील के चारों ओर फैली ऊंची-ऊंची चोटियों को यहां से देख सकते हैं। झील में पानी आसपास की बर्फ पिघलने के कारण आता है। प्रार्थना के लिए झील के चारों ओर लगे रंगीन झंडे और घंटियां इसे पूर्वी हिमालय का बेहद अद्भुत दर्शनीय स्थान बनाती हैं।
- वेम्बानाड झील (Vembanad Lake), कुमारकोम (Kumarakom)
कुमारकोम में स्थित वेम्बनाड झील भारत की सबसे लंबी और केरल की सबसे बड़ी झील है। लोगों को ना पता होने के वजह से यहां ज्यादा भीड़ भी नहीं होती। यह झील ताजे और खारे पानी का एक मिश्रण है, जिसे नमकीन पानी विभाजित करता है। आप नाव में बैठकर झील के जरिए वेम्बानद की सुंदरता देख सकते है।
- डल झील (Dal Lake), श्रीनगर (Srinagar)
अगर आप कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरती को नजदीक से देखना चाहते हैं, तो आपको डल झील जरूर जाना चाहिए। कश्मीर की कली के दिनों के बाद से यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है। डल झील गर्मियों और सर्दियों के दौरान अलग-अलग शानदार नज़ारों के वजह से बेहद खूबसूरत लगती है।
ब्रिटिश काल से है हाउसबोट
इस झील में ब्रिटिश काल से ही हाउसबोट और किनारों पर तैरते हुए शिकार देखने को मिले है। 15 किलोमीटर में फैले इस झील को पर्यटक नावों के जरिए घूमते है। यहां आपको कश्मीरी हैंडीक्राफ्ट्स, सस्ते आभूषण, फूल, फल और सब्जियां मिल सकती है।
- चेम्ब्रा झील (Chembra Lake), वायनाड (Wayanad)
वायनाड में स्थित चेम्ब्रा झील का आकार दिल के आकार वाली झील वायनाड में चेम्ब्रा पीक के मार्ग में है। इस झील को प्रेमियों का स्वर्ग भी कहा जाता है। वायनाड के जंगलों में बांदीपुर के नजदीक चेम्ब्रा पीक प्रसिद्ध ट्रैकिंग स्थल है। माना जाता है कि चेम्ब्रा झील का पानी कभी सूखता नहीं है।
- रूपकुंड झील (Roopkund Lake), चमोली, उत्तराखंड (Uttarakhand) डरावनी कहानियां तो हम सबको अच्छी लगती हैं। रूपकुंड झील को ‘मिस्ट्री झील’ भी कहते हैं। यहां 850A.D पुरानी मानव हड्डियां मौजूद हैं। रूपकुंड झील एक ऊंची बर्फीली झील है, जहां ट्रेकिंग करके 5-6 दिन में पहुंचा जा सकता है। बर्फ पिघलने पर यहां मानव कंकालों के अवशेष देख सकते है। अवशेषों के लिए तमाम वैज्ञानिक और अलौकिक कारण बताए गए हैं, लेकिन यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।