हम कई दशकों से हम सभी सिक्कों और नोटों से ही लेन-देन करते आ रहें हैं लेकिन कुछ वर्षों से अब यह कार्य डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भी होने लगा है। हालांकि अभी भी कई व्यक्ति ऐसे हैं जो कैश ही लेन-देन करना पसंद करते हैं। इस प्रक्रिया में अक्सर नोट एक-दूसरे के हाथों में आता-जाता रहता है जिससे कई नोट फट जाते हैं।
नोट नहीं चलने पर जाते हैं बैंक के पास
कई बार नोट भीगने पर भी खराब हो जाते हैं। ऐसे में लोग उसे चलाने के लिए दुकानदार के पास जाते हैं, लेकिन वह भी कटे-फटे नोटों को लेने से इंकार कर देता है। फिर वह पेट्रोल पंप पर फटे नोटों को चलाने की कोशिश करते हैं लेकिन वहां भी नहीं चलने पर थक हार बैंक में जमा करने जाते हैं। ऐसे में आज हम यह आपको यह जानकारी देंगे कि बैंक इन नोटों का क्या करता है?
RBI अपने ग्राहकों को देता है यह सुविधा
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने ग्राहकों को पुराने फटे नोटों के बदले में नए नोट देने की सुविधा प्रदान करता है और उन फटे नोटों को चलने से बाहर कर देता है। नोट को चलन से बाहर हुए नोटों का निपटाने और नए नोट जारी करने की जिम्मेदारी Reserve Bank Of India (RBI) के पास होती है।
नोटों की भी होती है औसत लाईफ
जानकारी के लिए बता दें कि हमारे देश में छपने वाले नोटों (Indian Currency) का एक औसत आयु होता है जिसकी जानकारी प्रिंटिंग के दौरान ही RBI को पता रहता है। नोट की लाईफ पूरी होने के बाद इन कटे-फटे नोटों को विभिन्न बैंकों के जरिए इकट्ठा करके रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया उन्हें वापस ले लेता है।
कटे-फटे नोटों का क्या करता है RBI
सबसे पहले इकट्ठा हुए फटे नोटों (Indian Currency) को रिसाइकिल (Recycle) करने के लिए उनके छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं। Recycle करने के बाद उससे कई प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं, जिसमें अधिकतर प्रॉडक्ट कागज का होता है। अंत में इन्हें बिक्री के लिए मार्केत में उतार दिया जाता है।
लेनी पड़ती है सरकार से अनुमति
RBI के पास यह अधिकार है कि वह 10 हजार तक का नोट छाप सकता है लेकिन अभी कितने नोट छापने है इसके लिए भारत सरकार से RBI को अनुमति लेनी पड़ती है। अभी हमारे देश में मौजूदा समय में 2000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोट जारी किए जाते हैं। 1 रुपए का नोट RBI जारी करता है।