हमारे देश में आज भी बिजली का अधिक उत्पादन कोयले से हीं होता है। जिससे हमारे पर्यावरण को हानि पंहुचती है और इसमें अधिक लागत भी लगता है। बिजली के अधिक बिल और पावर कट के कारण लोग हमेशा परेशान रहते हैं। इन सारी समस्याओं से निजात पाने के लिए हमें सौर्य ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उपयोग कर बिजली निर्माण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
ना बिजली कटने का डर, ना हीं अधिक पैसे की खर्च
आज हम आपको एक शख़्स से रूबरू कराएंगे जो
बिजली के लिए सौर्य ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं।दामोदरन तमिलनाडु से नाता रखते हैं और वह 6 माह से अपने चाय के स्टॉल में सौर्य ऊर्जा का उपगोग कर रहें हैं। इससे उन्हें इतना लाभ है कि कभी बिजली नहीं काटती और पैसे की भी बचत होती है। उनके 150 वाट के 2 सोलर पैनल से उनके चाय के स्टॉल में 10 वाट की 9 लाइट एवं मनोरंजन के लिए एफएम रेडियो चलता है।
यूट्यूब से हुए प्रेरित
दामोदरन ने यह जानकारी दिया कि वह लगभग 3 वर्षों से चाय का स्टाल चला रहे हैं। उन्होंने बताया मेरा यह स्टाल रोड के साइड पर है जिस कारण यहां बिजली की कोई सुविधा नहीं थी। अगर हम जनरेटर का उपयोग करते तो इससे लागत भी अधिक होता है एवं प्रदूषण भी बढ़ता।
बिजली ना होने के कारण थी दिक्कत
जिस कारण वह इस कोशिश में लगे थे कि बिजली के लिए कोई ऐसा तरीका अपनाया जाए, जिससे प्रदूषण का खतरा न बढ़े एवं लागत भी अधिक ना हो। उन्होंने बताया कि महिंद्रा टेक सिटी में अधिकतर अच्छी कंपनियां ही है और यहां संध्या एवं रात के वक्त अधिक भीड़ देखने को मिलती है। वही ब्रेक टाइम में अधिकतर कर्मचारी अपने आसपास के स्टॉल पर खाने-पीने का आनंद लेते हैं।
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सोलर पैनल लगाने का किया निश्चय
परंतु हमारे स्टॉल पर सिर्फ रिचार्जेबल लैंप था जिससे मुझे लाइट की दिक्कत होती थी। इस कारण कभी-कभी उन्हें अपनी अपने ग्रहों को खोना पड़ता था। एक दिन जब वह यूट्यूब पर वीडियो देख रहे थे तो वहां उन्हें सोलर पैनल के बारे में जानकारी मिली। तब उन्होंने निश्चय किया कि मैं अपने स्टाल के लिए सोलर पैनल लगवाऊंगा।
फूल चार्ज होने पर 2 दिन तक करता है काम
अब उन्होंने अमेज़न से सोलर पैनल मंगवा कर अपने चाय के स्टॉल पर लगवाएं। इसमें उन्हें लगभग 17000 रुपए की लागत हुई। परंतु अब उनके पास बिजली की कोई समस्या नहीं आती और वह अपना कार्य अच्छी तरह कर रहे हैं। सोलर पैनल के लग जाने से उन्हें अधिक लाभ है। अब ग्राहक अधिकतर संख्या में उनके स्टॉल पर आते हैं एवं खाने-पीने का आनंद लेते हैं। उन्होंने यह जानकारी दिया कि सोलर पैनल में बैटरी इंक्लूड है। इस बैटरी को चार्ज होने में लगभग 8 घंटे का वक्त लगता है। अगर यह बैटरी एक बार चार्ज हो गई तो लगभग 2 दिन तो कार्य कर सकती है।
उन्होंने बताया कि अगर मैं सोलर पैनल का उपयोग ना करता तो मुझे अधिक हानि का सामना करना पड़ता। क्योंकि बिजली के लिए मैं जनरेटर का उपयोग करता, जिससे पर्यावरण को क्षति पहुंचती और मुझे डीजल के लिए अधिक रुपए भी चुकाने पड़ते। मेरा यह सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल है और इससे मैं खुश भी हूं।