एक किसान अपनी कठिन और अथक मेहनत से कुछ कमा पाता है जिससे ना सिर्फ वह गुजारा बसारा करता है बल्कि भविष्य के लिए भी पाई-पाई जमा करता है। वैसे तो किसान मेहनत और त्याग की प्रतिमूर्ति होता हीं है लेकिन एक गरीब किसान ने तो मानवता और त्याग का ऐसा मिशाल पेश किया जो अपने आप में पराकाष्ठा है। खेती में कठिन मेहनत करके किसी तरह बेटी की शादी हेतु पाई-पाई जमा की गई अपनी सारी जमा पूंजी उसने कोरोना संक्रमितों के लिए दान कर दिया।
चंपालाल गुर्जर मध्यप्रदेश के नीमच जिले के एक छोटे से गांव ग्वाल देवियां का रहने वाले हैं। पेशे से चंपालाल एक किसान हैं। अपनी बेटी की शादी के लिए उन्होंने खेती में कठिन मेहनत करके किसी तरह एक-एक पैसा जोङकर दो लाख रुपए जमा किए थे। इसी बीच देशव्यापी भयंकर महामारी कोरोना का दर्द चंपालाल से देखा नहीं गया अंततः उन्हें अपनी जमा पूंजीकोरोना संक्रमितों के लिए दान करने का निश्चय किया। ऑक्सीजन की भारी कमी झेल रहे कोरोना के मरीजों के लिए 2 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने हेतु चंपालाल गुर्जर ने नीमच जिले के जिलाधिकारी मयंक अग्रवाल को 2 लाख रूपये का चेक सौंपा।
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चंपालाल गुर्जर ने नवभारत टाइम्स से बात करते हुए कहा कि “हर पिता की तरह मेरा भी सपना था कि मैं अपनी बेटी अनीता की शादी धूमधाम से करूं, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते यह रविवार को संभव नहीं हो सका। ऐसे में शादी को यादगार बनाने के लिए मैंने यह निर्णय लिया, ताकि बेटी की शादी को यादगार बनाया जा सके।” उनकी बेटी अनिता कहती हैं कि “पापा ने जो फैसला लिया, उससे मैं खुश हूं। मेरी शादी के खर्च के रुपयों से मरीजों की जिन्दगी बचेगी।”
चंपालाल ने जिस तरीके से अपनी बेटी की शादी के लिए किसी तरह जमा की गई सारी पूंजी को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दान में दिया है वह एक बृहद प्रेरणा है। उन्होंने एक ऐसा मिशाल कायम किया है जो अन्य लोगों को भी कोरोना संक्रमितों के इलाज हेतु दान देने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि मानवता से बढ़कर कुछ नहीं। The Logically चंपालाल गुर्जर के इस नेक कार्य के लिए उन्हें हार्दिक नमन करता है।