Wednesday, December 13, 2023

एजुकेशन ऑन व्हील्स: गरीब बच्चों के लिए मुम्बई के युवा ने बस को ही स्कूल बना दिया

कोविड-19 महामारी का सबसे ज्यादा असर शिक्षा के क्षेत्र में पड़ा है। ऐसे में शिक्षा को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं। मुंबई (Mumbai) के एक सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुर्मी (Ashok Kurmi), जो वंचित बच्चों के पढाई के लिए एक बस को कक्षा में बदल दिया है। -Man from Mumbai turns his bus into school for underprivileged students

15 अगस्त को हुआ मोबाइल स्कूल लॉन्च

बस बेकार पड़ी थी इसलिए अशोक उसमें कुछ उत्पादक करना चाहते थे। जब देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, उसी दिन 15 अगस्त को मोबाइल स्कूल का लॉन्च हुआ।

Man from Mumbai turns his bus into school for underprivileged students

महामारी के कारण बंद हैं स्कूल

भारत में सभी शैक्षणिक संस्थान मार्च 2020 से कोविड -19 महामारी के कारण बंद हैं। ऐसे में जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन बच्चों का पढ़ाई से नाता टूट चुका है।

गरीब बच्चों के लिए बनाया योजना

जो छात्र मोबाइल स्कूल का हिस्सा हैं, उनमें ज्यादातर बच्चे गरीब हैं, जो फुटपाथ पर या झुग्गियों में रहते हैं। उनके लिए वर्चुअल क्लास एक दूर का सपना है। अशोक ऐसे बच्चों को देख इस पहल के माध्यम से उनकी मदद करने की योजना बनाई है।-Man from Mumbai turns his bus into school for underprivileged students

यह भी पढ़ें :- 10 घंटों तक पैदल चलती हैं महाराष्ट्र की सुमन ढेबे, लोगों के इलाज़ के लिए दिनरात एक कर देती है यह महिला

सायन फ्रेंड्स सर्कल करती हैं योगदान

वर्तमान में स्कूल पुराने एंटॉप हिल पोस्ट ऑफिस में काम कर रहा है और चरणबद्ध तरीके से विभिन्न अन्य विभागों को जोड़ने की योजना बना रहा है। दोस्तों का एक समूह, सायन फ्रेंड्स सर्कल, इस योजना की मदद करती है।

एनजीओ कर रहा योगदान

वे सामाजिक कारणों के लिए अपनी आय का एक प्रतिशत योगदान देती हैं। इससे पहले भी यह एनजीओ कोविड-19 संकट के दौरान बहुत से योगदान दे चुका है। -Man from Mumbai turns his bus into school for underprivileged students

Man from Mumbai turns his bus into school for underprivileged students

महामारी के दौरान किए लोगों की मदद

महामारी के दौरान कुर्मी ने सांता के रूप में कपड़े पहने और मास्क वितरित किए। उन्होंने स्पाइडरमैन के रूप में भी कपड़े पहने और मुंबई के सार्वजनिक स्थानों को साफ किया। इतना ही नहीं उन्होंने झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को डोरेमोन के कपड़े पहनकर फ्री हेयरकट भी कराया।

डिजिटल उपकरणों की सुविधा नहीं है

भारत के अधिकांश राज्यों में 2.96 करोड़ से अधिक स्कूली छात्रों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है, जिसमें बिहार सबसे अधिक है। कुल 2.96 करोड़ में दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ के ऐसे छात्र शामिल नहीं हैं।

बंगाल में प्रक्रिया अब भी जारी

अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, उत्तर प्रदेश और मणिपुर जैसे राज्यों के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। पश्चिम बंगाल में अभी भी सर्वेक्षण प्रक्रिया जारी है।-Man from Mumbai turns his bus into school for underprivileged students