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बेहद कम खर्चे में करें मसूरी का सैर, मात्र 3-4 हजार रुपए में 2 दिन की सैर

भारत में यूं तो घूमने के लिए अनेकों जगहें हैं। हर एक जगह की अपनी-अपनी खूबसूरती और अपना-अपना महत्व है। हर साल दो इन जगहों पर जाकर आनन्दमय पर बिताते हैं और खुद में अविस्मरणीय यादें निहित कर लेते हैं। उन्हीं जगहों में से एक है मसूरी। यह घूमने जाने के लिए एक परफेक्ट डेस्‍टिनेशन है। साथ ही इसके लिए ज्यादा समय की भी जरूरत नहीं है, यहां आप केवल दो दिन में घूम सकते हैं। – Plan to visit Mussoorie during this holiday.

मसूरी जाना है बेहद आसान

मसूरी दिल्‍ली से केवल 312 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्‍ली से मसूरी जाने के लिए आप बस, ट्रेन या अपने निजी वाहन की मदद ले सकते हैं। दिल्ली से मसूरी के लिए सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है। बता दें कि दिल्ली से मसूरी तक जाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का किराया 435 रुपये प्रति सवारी है। मसूरी में रुकने के लिए 350 से भी अधिक होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे हैं, जिसमें से अधिकांश में ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। अगर कीमत की बात करें तो सीजन में 2000 रुपये में नॉन एसी रूम मिल जाएगा।

मसूरी में कई पिकनिक स्‍पाट हैं

अगर आप मसूरी घूमने जाते हैं तो पर्यटकों के लिये भट्टा फाल, कैम्पटी फाल, गनहिल, चार दुकान-लाल टिब्बा, मसूरी झील, कंपनी गार्डन, जार्ज एवरेस्ट, क्लाउड एंड जैसे पिकनिक स्‍पाट हैं। देहरादून से मसूरी आने में मसूरी से आठ किमी पहले ही भट्टा फाल और छह किमी पहले मसूरी झील मिलता है। इसके अलावा मसूरी के लाइब्रेरी बाजार से चार किमी की दूरी पर कंपनी गार्डन स्थित है। यहां से 13 किमी की दूरी पर कैम्पटी फाल है, जहां आप कार, बस और टैक्सी से जा सकता है। वहां से 28 किमी की दूरी पर यमुना ब्रिज है। यहां आप रिवर राफ्टिंग का लुफ्त उठा सकते हैं।

पहाड़ों की रानी के नाम से हैं मशहूर

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अगर आप उत्तराखंड में छुट्टियां बिताने गए हैं तो यहां आप नैनीताल, मसूरी, अल्मोड़ा, रानीखेत, चकराता, हर्षिल, धनोल्टी, लैंसडाउन, मुक्तेश्वर, चौपता, पिथौरागढ़ आदि प्रमुख हिल स्टेशन का आनंद ले सकते हैं। हालंकि इन सभी पहाड़ों की रानी मसूरी को ही माना जाता हैं। यहां की आबोहवा पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है और हर साल पच्चीस लाख से अधिक पर्यटक यहां की खूबसूरती देखने आते हैं। मसूरी के इतिहास की बात करें तो अंग्रेजी फौज के कैप्टेन फ्रेडरिक यंग द्वारा मसूरी को बसाने की शुरूआत सन् 1820 में की गई थी।

साढ़े छह हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर है स्थित

बता दें कि साढ़े छह हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर बसा मसूरी शहर चारों ओर से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, जो राजधानी देहरादून से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्रांट देहरादून में हैं और देहरादून हवाई, रेल और सड़क यातायात से देश के हर प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। देहरादून से मसूरी जाने के लिए कई तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। यहां से परिवहन की बसें तथा टैक्सियां संचालित होती हैं। इसके अलावा दिल्ली से मसूरी के लिये सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है। – Plan to visit Mussoorie during this holiday.

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देहरादून से मसूरी तक परिवहन निगम की बसों द्वारा जानें में केवल 65 रूपये का खर्च हैं। साथ ही देहरादून रेलवे स्टेशन से मसूरी जाने के लिए टैक्सियां संचालित होती हैं, जिसका किराया फुल टैक्सी 1350 रूपये तथा प्रति सवारी 270 रूपये है। यहां रुकने के लिए नान एसी रूम का किराया एक दिन का 2000 रूपये है। इसके अलावा यहां खाने-पीने का खर्च 1000 रूपये और आसपास घूमने का खर्च लगभग 500 रूपये। सब मिलाकर मसूरी घूमने में कुल 4370 रूपये का खर्च हैं।

खासतौर पर छुट्टियों के सीजन में वहां कमरों की थोड़ी समस्या होती है इसलिए आपका जब प्लान बन जाए तभी आप ऑनलाइन बुकिंग कर लें। बता दें कि मसूरी के समीपवर्ती कैम्पटी तथा धनोल्टी में अच्छे होटल मौजूद हैं। इसके अलावा मसूरी-चकराता हाईवे पर कैम्पटी के समीप बंग्लों की काण्डी व कान विलेज सैंजी में भी होम स्टे सुविधा है।

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वाइल्ड लाइफ का लें आनन्द

आप मसूरी जाएं तो बिनोग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी जरुर जाए। यहां आप 85 प्रजातियों की पक्षियां देख सकते हैं। यहां जंगल इसके जानवरों को आसानी से देखा जा सकता है। इसके साथ ही आप कैम्पटी के समीप कार्न विलेज सैंजी में ग्रामीण जिंदगी को करीब से देख सकते है।

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ले सकते हैं ट्रैकिंग का भी आनंद

मसूरी से 28 किमी की दूरी पर बांज, बुरांश और देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ धनोल्टी नगरी हैं। यहां से छह किमी की दूरी पर मां सुरकण्डा देवी का भव्य मंदिर स्थित है। यहां कद्दूखाल से रोपवे द्वारा पहुंचा जा सकता है। ट्रैकिंग के शौकीन देबलसारी-नागटिब्बा, पंतवाड़ी- नागटिब्बा, अगलाड़ पुल-बंदरकोट-देबीकोल-नैनबाग, मसूरी-बिनोग हिल-कैम्पटी तथा मसूरी-दुधली भदराज-मटोगी- विकासनगर रूट पर ट्रैकिंग कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार नागटिब्बा दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और दुधली भदराज सात हजार और देबीकोल छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। – Plan to visit Mussoorie during this holiday.

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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