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मात्र 21 साल की उम्र में राजस्थान का यह युवा बना जज, जानिए किस तरह देश के सबसे कम उम्र का जज बना

मन अगर सच्चा होता तो कोई भी रुकावट आपके मंजिल तक पंहुचने में आपकी बाधा नहीं बनेगी। हमारे देश के युवा अपनी मेहनत से इतिहास में माहिर हैं। कोई कम उम्र में एवरेस्ट पर चढ़ता है तो कोई UPSC जैसे कठीन एग्जाम को पास किया। कुछ ऐसे भी हैं जो कम उम्र में खेती की अधिक जानकारी उपलब्ध कर अन्य लोगों का मनोबल बढ़ा रहें हैं। आज की यह कहानी एक ऐसे लड़के की है जिसने 21 साल के उम्र में जज का पोस्ट पाया और साथ ही देश का प्रथम युवा हुआ जिसने इतनी कम उम्र में यह उपाधि प्राप्त की।

मयंक प्रताप सिंह

मयंक प्रताप सिंह (Mayank Pratap Singh) राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) से ताल्लुक रखतें हैं। यह शुरू से ही पढ़ने बहुत तेज-तर्रार थें। इनकी रुचि पढ़ने में बहुत रहती थी। इन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई सम्पन्न कर LLB किया। इन्होंने LLB राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) से किया। यह अपनी पढ़ाई पूरी लगन से करतें और पूरा फोकस अपने लक्ष्य पर रखतें। इनका लक्ष्य जज बनने का था। यह जानते थे कि हमारे अदालत में बहुत सारे लोगों के समस्याओं का समाधान समय पर नहीं होता है। कई केस पेंडिंग रहतें हैं।

Mayank Pratap Singh  youngest judge of india

पहली बार में किया परीक्षा पास

इन्होंने जी तोड़ मेहनत किया और पहली बार में ही सफलता हासिल कर ली। लोग इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कितने वर्ष लगातें हैं लेकिन इन्होंने अपने सफलता से सभी के बीच एक नया मिसाल कायम किया है। इन्होंने यह बताया कि उन्हें ऐसा नहीं लगता था कि वह पहली बार में इतना अच्छा मार्क्स लेकर चयनित हो पाएंगे। लेकिन यह इतनी मेहनत करते कि यह भी मालूम नहीं चलता कि कब सुबह हुआ कब रात। कुल मिलाकर इन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर वह कार्य किया जो इन्हें इनके लक्ष्य तक पहुंचा सके। इन्होंने अपने पूरे पाठ्यक्रम को अच्छे से पढ़ा।

इस पद के लिए पहले थी उम्र 23 वर्ष

न्यायिक सेवा की परीक्षाओं के लिए पहले उम्र 18 साल तक की होती थी। लेकिन इसे बढ़ाकर 21 वर्ष तक किया गया। मयंक ने अपने प्रथम प्रयास में ही अपनी उम्र को देखते हुए इस परीक्षा को पास कर लिया। हालांकि वह खुद को लकी मानते हैं कि यह उपलब्धि उन्हें इसी उम्र में प्राप्त हुई।

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देतें हैं शिक्षक, माता-पिता को श्रेय

ऐसा नहीं कि यह खुद पर अभिमान करतें हैं कि मैंने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने शिक्षक और पैरेंट्स को देतें हैं। इनका कहना है कि अगर ये सभी मेरा साथ नहीं देतें तो मैं इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता।

कम उम्र में जज की उपाधि हासिल करने के लिए The Logically मयंक को शुभकामनाएं देता है और अन्य युवाओं से उम्मीद करता है कि यह भी मयंक प्रताप सिंह (Mayank Pratap Singh) की तरह मेहनत कर सफलता प्राप्त कर इतिहास रचें।

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