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IIT के बाद नौकरी छोड़ तैयारी शुरू किए, पहले ही प्रयास में UPSC निकाल बने आईएएस

अगर मन में सच्ची लग्न हो और अपनी जिंदगी में कुछ कर जाने की ठान लें तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। ऐसे हीं एक शख्स की कहानी है जिन्होंने आईआईटी क्रैक करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और उसमें टॉप भी किया।

मयूर ग्रामीण एरिया से थे। वहां उन्हें सुख-सुविधा का काफी अभाव था। फिर भी मयूर पढ़ाई में काफी अच्छे थे। मयूर ने 12th करने के बाद जेईई की परीक्षा दी और उसमें वो उतीर्ण हुए। मयूर ने जेईई परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला मिला। मयूर आईआईटी बॉम्बे में काफी अच्छे नंबरों से उतीर्ण हुए। और उन्हें भारत में ही एक अच्छी कंपनी में जॉब लग गई। इस कंपनी में मयूर लगभग एक साल तक काम किए। इसके बाद मयूर को दूसरी जॉब की ऑफर हुई तो वो इस कंपनी को छोड़कर दुबई चले गए। मयूर को इस कंपनी में हफ्ते के पांच दिन काम करना होता था और दो दिन छुट्टी होती थी। इस कंपनी में मयूर को 40 लाख रुपए का पैकेज था और काफी सुख-सुविधा भी मिलती थी। लेकिन मयूर को इन सब कामों में मन नहीं लगता था। मयूर अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा करना चाहते थे कि जिससे दूसरों का जीवन बदल सकें।

IAS Mayur

मयूर ने इन सब सुख-सुविधा और अच्छी खासी सैलरी की छोड़कर अपने देश भारत वापस आ गए और मयूर ने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बना लिया। भारत में यूपीएससी की परीक्षा काफी कठिन परीक्षा होती है। यूपीएससी परीक्षा तैयारी करने के लिए काफी मेहनत और लगन की जरूरत होती है। मयूर ने अपनी लगन और मेहनत से यूपीएससी कि परीक्षा की तैयारी में जुट गए और पहले ही अटेम्पट में सफलता हासिल कर ली। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 96 वीं रैंक हासिल करने के साथ-साथ टॉप भी किया। मयूर को 96 वीं रैंक लाने के कारण उन्हें आईएएस पद के लिए नियुक्त किया गया।

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मयूर जानते थे कि यूपीएससी कि परीक्षा काफी कठिन होती है। उन्हें इस बात का डर बना रहता था कि अगर वो इस परीक्षा में सफल नहीं हुए तो वो अपनी नौकरी भी छोड़कर आ गए थे, फिर क्या होगा। मयूर के काफी सारे दोस्त जो उनके साथ पढ़ते थे। वो लोग बड़ी-बड़ी कंपनी में सीईओ जैसे बड़े पद पर थे। मयूर उनसे भी कॉम्पटीशन फील करते थे। मयूर को इसी डर ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने पर मजबूर कर दिया। मयूर को पता भी नहीं था कि वो पहले अटेम्पट में यूपीएससी कि परीक्षा निकाल लेंगे लेकिन उनकी मेहनत, लगन और उम्मीद ने मयूर को आज इस मुकाम तक पहुंचाया।

मयूर बताते हैं कि यूपीएससी कि मेंस परीक्षा में आंसर राइटिंग का बहुत बड़ा रोल होता है। जब तक कैंडिडेट अपने उत्तर को अच्छे तरीके से लिखना नहीं सीख जाता तब तक उसके लिए सफल होना आसान नहीं है। वो कहते हैं कि यूपीएससी कि तैयारी करने के लिए पेपर बहुत सारे होते हैं और समय बहुत कम। समय पर पेपर पूरा करना बहुत हीं मुश्किल होता है। ऐसे में अभ्यास करना बहुत जरूरी हो जाता है। एक आंसर को छः से सात मिनट में बनाना होता है। जिसमें उसे फ्रेम करना, सारी बातें लिखना जिससे जो एग्जामिनर हो वो खुश हो जाएं। इसके लिए अभ्यास करना बहुत जरूरी है। वे कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए पिछले साल का प्रश्न देखिए और टॉपर्स की आंसरशीट को देखें और अंसर राइटिंग को जितनी बार हो सके उतनी बार अभ्यास करें। ऐसा करने से आपको सफलता मिल सकती है।

मयूर ने जिस लगन और मेहनत से सफलता पाई है वह अन्य युवाओं के लिए प्रेरणाप्रद है। The Logically मयूर जी को उनकी सफलता हेतु बहुत-बहुत बधाईयां देता है।

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