प्रदूषण,और गंदगी के फैलाव के कारण हर मौसम में मच्छरों की तादाद अच्छी खासी रहती है। ये सारे मच्छर कई तरह की गंभीर बिमारियों का कारण बनते हैं इसलिए हर कीमत पर मच्छरों से निजात पाना बेहद हीं आवश्यक हो जाता है। यूं तो मच्छरों से निजात के लिए बाजार में बहुत सारी दवा, क्रीम व लिक्विड मौजूद हैं, लेकिन वह कार्य तो करते हैं लेकिन साथ हीं उनमें से कुछ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं।
आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी छोटी सी बच्ची की है जिसने पुराने टायरों के द्वारा मच्छर पकड़ने के लिए जाल का निर्माण किया है जो बहुत हीं कारगर सिद्ध हो रहा है।
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इंदिरा (Indira) मात्र 9 वर्ष की हैं जो तमिलनाडु (Tamilnadu) से संबंध रखती हैं। उन्होंने अपने हुनर से टायरों से मच्छर पकड़ने का जाल तैयार किया है। वाकई जो कार्य इंदिरा ने किया है वह सराहनीय है।
13 इंच के पुराने टायर से किया निर्माण
इंदिरा ने Ovillantas कॉन्सेप्ट पर कार्य कर देशी जुगाड़ के द्वारा मच्छर जाल का निर्माण किया है। उन्होंने मच्छर जाल बनाने के लिए एक हैंगर, सिलिकॉन गोंद, 13 इंच का पुराना टायर, बॉल वाल्व, फिल्टर पेपर, पीवीसी गोंद के साथ 1 इंच की पीवीसी पाइप और पानी से भरे बोतल का उपयोग किया है।
मच्छर इस तरह होतें हैं जाल की तरफ आकर्षित
इस मच्छर जाल में मच्छर खुद ही आते हैं क्योंकि इसमें पानी भरा रहता है। इस कारण यहां मच्छर अंडे देने लगते हैं और जब यह अंडा लार्वा में परिवर्तित होता है तो इसे टायर से निकाल क्लोरीन के जल की मदद से उन्हें मारा जाता है।
इंदिरा के इस Ovillant का प्रयोग उनके यहां के सभी घरों में होता है। उन्होंने यह बताया कि इस निर्माण के द्वारा आधिक मात्रा में मच्छर मरते हैं और स्वास्थ्य को भी हानि नहीं होती है। The Logically इंदिरा के द्वारा किए गए निर्माण की सराहना करता है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
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