कोरोना जैसी भयंकर महामारी के बीच कई लोगों ने मदद की पराकाष्ठा की है ! स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी जिस शिद्दत से लोगों की सेवा कर रहे हैं वह प्रेरणाप्रद है ! वे अपने परिवार से दूर रहकर , महामारी के संक्रमण से बिना डरे रात-दिन लोगों की सेवा में जुटे हैं ! उसी क्रम में एक ऐसी खबर जो कलकत्ता स्थित एक अस्पताल से आई है जहाँ एक नर्स ने ममता की जीवंत उदाहरण पेश की है !
पश्चिम बंगाल के कोलकत्ता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के लेबर पोस्ट वार्ड में एक नर्स उमा अधिकारी अपनी ड्यूटी पर थीं ! उसी हॉस्पीटल में एक महिला कोरोना संक्रमण के कारण भर्ती थी जो हाल में हीं माँ बनी थी ! बीमारी के कारण वह महिला इस स्थिति में नहीं थी कि अपने नवजात बच्चे को दूध पिला सके ! ऐसी स्थिति में उमा ने माँ की ममता की मिसाल पेश करते हुए उस भूख से बिलखते बच्चे को अपना दूध पिलाईं !
उमा अधिकारी बताती हैं कि “वह बीमार महिला कोरोना पीड़ित थी जो सी सेक्शन में भर्ती थी ! पास में हीं उसका नवजात शिशु भूख से तड़प रहा था ! बीमारी के कारण वह महिला इतनी कमजोर हो गई थी कि उसके पास अपने बच्चे को दूध पिलाने हेतु तनिक भी साहस नहीं था ! भूख से बिलखते बच्चे को मुझसे देखा नहीं गया और उस बच्चे को मैंने अपना दूध पिला दिया” ! उमा आगे कहती हैं कि “कोरोना वायरस के डर के कारण अस्पताल में कोई उस बच्चे को दूध पिलाने हेतु तैयार नहीं थी ऐसे में बच्चे की भूख के कारण जोर-जोर से रोने की आवाज ने मुझे द्रवित कर दिया और मैंने बिना किसी डर के उस बच्चे को स्तनपान कराया” ! गौरतलब हो कि उमा अधिकारी एक शादीशुदा महिला हैं जिनका 8 महीने का नन्हा सा बेटा है जिसे हर रोज उन्हें स्तनपान करवाना होता है ! फिर भी बिना किसी चिंता के उमा मे उस बच्चे की भूख मिटाई !
माँ..ममता की प्रतिमूर्ति होती हैं ! वह अपना-पराया कुछ भी नहीं सोंचती ! इस बात को इस बार जीवंत करने वाली उमा अधिकारी ने एक पराये भूखे बच्चे को अपना दूध पिलाकर जो एक प्रेरणा का संचार किया है वह अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगा ! गौरतलब हो कि मौजूदा समय में कोरोना से पीड़ित कई महिलाएँ गर्भवती हैं या फिर हाल में हीं माँ बनी हैं ! ऐसे में उमा जी द्वारा किया गया कार्य अन्य स्वास्थ्यकर्मियों और लोगों को प्रेरित करेगा ! Logically मातृत्व का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करने वाली उमा अधिकारी को नमन करता है !