भारत एक ऐसा देश है, जहां शुरू से ही ज्यादातर लोग खेती-बाड़ी करके अपना जीवनयापन करते हैं। खेती करने को लेकर लोग यही सोचते हैं कि यह पुरुषों का कार्य है, परंतु आज के समय में महिलाएं भी इस क्षेत्र में शामिल हो रही हैं। इस लेख द्वारा हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 32 एकड़ में शरीफे (custard apple) की खेती कर, साल में लगभग 30 लाख रूपए तक मुनाफा कमाती हैं।
जैविक तरीके से करती हैं खेती
54 वर्षीय लालिता मुकाती (Lalita Mukati) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के बोड़लई गांव की रहने वाली हैं। वह शरीफा (custard apple) की जैविक खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने बताया कि वह 32 एकड़ में शरीफे की खेती कर रही हैं, जिसकी लागत 6 लाख तक की होती है। उन्होंने कहा कि 6 लाख की लागत से वह साल में करीब 30 लाख रुपए तक की कमाई करती हैं।
ललिता ने बताया कि खेती के अलावा उन्होंने अपने स्तर पर एक किसान ग्रुप भी बनाया है। उस ग्रुप के जरिए वह अपने आसपास की औरतों को खेती करने के लिए उत्साहित करती हैं। -Organic custard apple
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रासायनिक खाद का उपयोग कभी नहीं किया
अक्सर हम देखते हैं कि ज्यादातर किसान खेतों में रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं। रासायनिक खाद को सरकार भी खेतों में उपयोग ना करने की सलाह देती है और जैविक खाद का उपयोग करने के लिए बताती है। सरकार की बातों को ध्यान में रखते हुए ललिता ने घर पर ही जैविक खाद और कीटनाशक तेल बनाती हैं। वह नीम के फल से खली और तेल बनाती हैं और इसी तेल का इस्तेमाल खेतों में करती हैं। नीम का तेल इस्तेमाल करने से खेतों में कीट नहीं लगते हैं। इतना ही नहीं कम खर्च में वह वर्मी कम्पोस्ट और जीवामृत का खाद तैयार करती हैं। – Organic Farming
शरीफा की मांग ज्यादा होने के कारण आसपास के मंडियों में यह आसानी से बिक जाता है। कभी-कभी इसकी मांग इतनी होती है कि यह 150 रुपए किलो तक बिक जाता है, पर कभी-कभी ज्यादा पकने की वजह से यह बाजार में नहीं बिक पाता है। कभी यह 150 रुपए किलो बिकता है, तो कभी इसे 20 से 25 रुपए किलो ही बेचना पड़ता है। ललिता ने फलों को नुकसान होने से बचाने के लिए एक तरकीब भी निकाल लिया है। वे ज्यादा पके हुए फलों का इस्तेमाल आइसक्रीम, रबड़ी और जूस बनाने के लिए करती हैं। खेती से होने वाले मुनाफे के साथ ही ललिता पल्प की बिक्री कर साल में लगभग 3 लाख रुपए तक कमा लेती हैं। – Organic Farming
सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है
ललिता के इस कार्य ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं भी चाहे तो बहुत कुछ कर सकती हैं। वह देश की सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं। वे कई वर्षो से जैविक खेती कर रही हैं। इसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। साल 1999 में उन्हें सबसे पहले इनोवेटिव किसान पुरस्कार से नवाजा गया था। इसके बाद साल 2019 में उन्हें हलधर पुरस्कार से भी नवाजा गया था। – Organic Farming
नाखुश हैं सरकार से
ललिता सरकार से इसलिए नाखुश है क्योंकि सरकार की ओर से उन्हें कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि रासायनिक खाद युक्त फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य है, परंतु जैविक खेती के फसलों पर ऐसा कोई नियम नहीं है। ललिता का कहना है कि अगर जैविक खेती के फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा सरकार कर दे तो उनका मुनाफा भी अच्छा हो सकता है। – Organic Farming of Custard Apple by Lalita Mukati