हम अक्सर बाजार से खरीदी हुई चीजों का सेवन करते है यहां तक कि फल और सब्जियां भी हम हमेशा बाजार से ही खरीदते हैं । लेकिन इसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि बाजार में मिलने वाले फल और सब्जियों को उगाने के लिए उर्वरक का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है और वो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। यदि हम वही फल और सब्जी अपने घर पर जैविक तरीके से उगाते है तो वह हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आज की हमारी कहानी ऐसे युवाओं की है जो बिना मिट्टी के फल और सब्जियां उगा रहे है।
जी हां, अब बिना मिट्टी के भी फल और सब्जी उगाना संभव है। चंडीगढ़ (Chandigadh) के सोमवीर (Somveer) द्वारा शुरू की गई एक कंपनी पिंडफ्रेश (Pindfresh) द्वारा हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की मदद से बिना मिट्टी के घर पर ही फल, सब्जियां और बाकी के हर्ब्स को उगाने का मौका दे रही है। इस तरह की खेती में बिना मिट्टी के पानी में फसल उगाई जा रही है।
सोमवीर का कहना है कि शहरों में बहुमंजिला इमारतें और घनी आबादी के कारण लोगों को खेती के लिए जगह नहीं मिल पाती है। वे लोग घर की छत पर भी अपनी जरूरत के फल और सब्जियां उगा सकते है। भारत में ऐसे कई जगह है जहां पानी कि काफी किल्लत रहती है। लेकिन इस तकनीक में सामान्य खेती की प्रक्रिया से बहुत कम सिर्फ 10 % ही पानी की आवश्कता है और मिट्टी की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। अंततः इस तकनीक को अपनाकर कोई भी बहुत आसानी से सब्जियां उगा सकता है। सोमवीर पिछले 5 सालों से अपने जरूरत के फल और सब्जियां खुद ही उगा रहे है।
सोमवीर के अनुसार वह पिंडफ्रेश (Pindfresh) की शुरुआत शौक के तौर पर किए लेकिन आज उनके लिए यह सबसे फायदेमंद काम बन गया है। अब उनके टीम में 6 सदस्य मिलकर काम कर रहे हैं जो ग्राहकों तक मदद पहुंचाने में सहायता करते हैं। पिंडफ्रेश के द्वारा एक उपकरण भी बनाया गया है जिसके मदद से आसानी से घर में किचन गार्डन बनाया जा सकता है उसके लिए केवल सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता है। इसके साथ ही पिंडफ्रेश की टीम लोगों के घर तक भी इस उपकरण को सेट करने में सहायता कर रहे हैं। यदि किसी घर में उपकरण तक सूर्य का प्रकाश सीधे नहीं पहुंच सकता तो उसके लिए टीम द्वारा कस्टमाइज्ड तरीके से रोशनी की व्यवस्था की जाती है।
पिंडपाइप की मदद से उगते हैं पौधे
पिंडफ्रेश कंपनी के द्वारा पिंडपाइप नाम का एक उपकरण भी बनाया गया है। जिसमें एक पाइप में कुछ छिद्र रहते है जिनमें पौधे लगाए जाते है। उपकरण को लगने के लिए 5 फिट लंबी और 2.5 इंच चौड़ी जगह की आवश्यकता पड़ती है। एक साथ जिसमें 48 पौधे लगाए जा सकते है जिसकी कीमत 15000 रूपए है, वहीं सिर्फ पाइप की कीमत 2500 रूपए है।
सोमवीर स्कूल और कॉलेज में भी जाकर बच्चों को इस तकनीक से पौधे लगाने की जानकारी देते है। The Logically, Somveer द्वारा किए गए नयाब तरीके और पर्यावरण संरक्षण के लिए आभार प्रकट करता है।
Whom to contact for getting the know how to grow fruits and vegetables in water.
Give me ur mobile no
An educative and creative activity, it’s amazing 👌
Thanks thelogically✌️
very well goood work
regds
rajiv