प्लास्टिक के कचरे से घर बनाना, यह बात सुनकर तो असंभव लग रहा है लेकिन यह सत्य है कि समुद्र तट पर कचरा बीनने वाली एक महिला ने प्लास्टिक के कचरे को रिसाइकल करके घर बना डाला है। न जाने हमलोग हर रोज अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में कितने प्लास्टिक का इस्तेमाल करते है। पर इतना तो ज़रूर कह सकते कि हम हर काम में ही प्लास्टिक को उपयोग में लाते हैं और उपयोग के बाद उसे जहां-तहां फेंक देते हैं। इससे हमारा पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता साथ ही दूषित पर्यावरण से हम मनुष्य के साथ-साथ जीव जंतु भी प्रभावित होते हैं।
कभी हम यह नहीं सोचते हैं कि यह हमारे लिए कितना नुकसानदेय है और बहुत कम हीं इससे निपटने की कोशिश भी करते हैं। हालांकि कुछ समय पहले एक खबर आई थी कि प्लास्टिक वेस्ट से सड़कें, घर इत्यादि निर्माण किया जा रहा है जिससे हमें प्लास्टिक के कचरे से निजात मिल रही है। यदि इस कार्य को और भी विस्तृत किया जाए तो शायद हमें कचरे से निजात मिल सकता है। आज की हमारी कहानी इसी दिशा में काम करने वाले एक संगठन की है जिसका नाम है ‘प्लास्टिक फॉर चेंज इंडिया’ फाउंडेशन।
कर्नाटक(Karnataka) के बेंगलुरु(Bengaluru) में स्थित ‘प्लास्टिक फॉर चेंज'(Plastic for change) नामक फाउंडेशन प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकल करके समुद्र तट के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए घर बनाने में काफी सहयोग कर रहा है। इससे हमारा पर्यावरण संरक्षित हो रहा है और साथ हीं कचरा बीनने वाले लोगों की भी जिंदगी बदल रही है। हाल ही में इस संगठन की मदद से कमला(Kamla) नाम की कचरा बीनने वाले एक महिला ने प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकल करके अपना घर बना डाला।
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एक रिपोर्ट के अनुसार इस घर को बनाने में लगभग 1500 किलोग्राम रीसायकल प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल हुआ है और इसमें लागत खर्च करीब ₹4.5 लाख तक आया है। ‘प्लास्टिक फॉर चेंज इंडिया’ फाउंडेशन के CEO शिफरा के अनुसार यह फाउंडेशन साल 2021 तक ऐसे और 20 घर बनाने की योजना बना रखा है।
The Logically, प्लास्टिक फॉर चेंज फाउंडेशन द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों की खूब सराहना करता है, साथ हीं अपने पाठकों से अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने की अपील करता है।
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