समय के साथ सभी के जीवन में व्यस्तता बढ गई है। लोग अपनी ड्यूटी के बाद दूसरे कार्य के लिये वक्त नहीं निकाल पाते हैं परंतु सभी एक जैसे नहीं होते। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो व्यस्तता के बावजूद दूसरों की भलाई के लिए समय निकाल लेते हैं। एक ऐसे ही पुलिस वाले है जो अपनी ड्यूटी से बहुमूल्य समय निकालकर झुग्गी के बच्चों को पढ़ाते हैं।
संजय साँवरे का परिचय
हिन्दूस्तान टाइम्स के अनुसार संजय सांवरे (Sanjay Sanware) इंदौर (Indore) के रहनेवाले हैं तथा उनकी उम्र 40 वर्ष है। संजय सीएसपी अन्नपूर्णा में पोस्टेड हैं, वह अपनी पुलिस की ड्यूटी निभाने के साथ ही झुग्गी के बच्चों को पढ़ाते भी है, इसके अलावा वह स्वयं के पैसों से किताबें, कॉपियां और स्कूल बैग आदि खरीदकर बच्चों को देते हैं। उनके इस कार्य में उनके साथी भी सहायता करते हैं।
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‘ऑपरेशन स्माइल’ से की शुरुआत
संजय साँवरे ने बताया कि उन्होंने यह कार्य वर्ष 2016 से शुरु किया है, इसके लिये उन्हें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से प्रेरणा मिली। उनके इस क्लास में लोअर क्लास के बच्चे आते है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशीश है कि बचपन में जो हमें झेलना पड़ा, वह इन बच्चों को न झेलना पड़े। संजय साँवरे ‘ऑपरेशन स्माइल’ के तहत वैसे बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं जो विद्यालय नहीं जा पाते हैं।
एजुकेशनल फैसिलिटी देने की कोशिश
संजय ने बताया कि जब उन्होंने क्लास आरंभ किया था तब सिर्फ 3-4 बच्चे ही आते थे लेकिन अब 1 से 10 वर्ष के 40-50 बच्चे क्लास में आते है। संजय साँवरे ने बताया, “यहा आने वाले अधिकांश बच्चों को उनके परिवार के लोगों ने कहीं-न-कहीं कार्य पर लगा रखा था लेकिन हमारे प्रयासों की वजह से शिक्षा का माहौल बना और हम प्रत्येक रविवार को क्लास लगाने लगे। हमारी क्षमता के अनुसार हम उन्हें एजुकेशनल फैसिलिटी देने की कोशिश करते हैं।”
संजय सांवरे ने यह भी कहा कि रविवार को 12 से 3 बजे तक क्लास होती है। अन्य पुलिस वाले भी वॉलन्टीयर करते हैं। बच्चों की शिक्षा के दौरान उनके बीच प्रतियोगिता रखी जाती है और इनाम भी दिया जाता है।
वास्तव में संजय साँवरे का बच्चों की शिक्षा के प्रति यह भाव बेहद प्रशंसनीय है। The Logically संजय साँवरे के इस कार्य को सलाम करता है।