महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, छेड़खानी दिन पर दिन आम घटना होती जा रही है। कई मामलों की खबर पुलिस स्टेशन तो दूर लड़की के घर तक भी नहीं पहुंच पाती। वजह बहुत सिम्पल है समाज में परिवार के सम्मान को बनाए रखने के लिए खुद परिवार भी अपनी बेटी के साथ हुई बदसलूकी का विष घोट जाता है।
मनचले को एक साल की सजा, 15 हजार जुर्माना
लेकिन हाल ही में मुंबई की POSCO कोर्ट ने अहम फैसला दे कर मनचलों के मन में डर पैदा कर दिया है।
दरअसल, मुंबई की POCSO यानी Protection of Children from Sexual Offences कोर्ट ने 20 वर्ष के मनचले को सबक सिखाने के लिए एक साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना लगाया है।
नाबालिग लड़की को करता था परेशान
आरोप था कि 20 वर्षीय यह लड़का पड़ोस की नाबालिग लड़की को आंख मारकर अश्लील इशारे करता था। लड़की की मां ने पास के पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। पॉस्को कोर्ट ने लड़के को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट के तहत सुनाई है।
लड़के की अोर से यह थी दलील
उधर, आरोपी लड़के ने ट्रायल के दौरान दावा किया था कि वह और लड़की दोनों अलग-अलग समुदाय के हैं, इसलिए लड़की की मां उसे बात करने के लिए रोक रही थीं। लड़के ने ये भी आरोप लगाया कि उसे गलत तरह से फंसाया जा रहा है।
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कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला, लड़की को 10 हजार मुआवजा
कोर्ट ने कहा कि कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिला, जिससे ये साबित हो सके कि पीड़ित पक्ष ने आरोपी को जबरन इस केस में फंसाने की कोशिश की। कोर्ट ने लड़की, उसकी मां और केस के जांच अधिकारी का बयान सुना और उसी आधार पर लड़के को दोषी करार दिया। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि अगर रिकॉर्ड में जो सबूत हैं, उनको गौर से देखा जाए, तो आरोपी की तरफ से हुई हरकत सेक्सुअल इशारा है। उन्होंने कहा कि लड़की का यौन उत्पीड़न हुआ है। सजा सुनाते हुए आरोपी पर लगाए 15 हज़ार रुपये के जुर्माने में से 10 हज़ार लड़की को मुआवजे के तौर पर देने का भी आदेश दिया।साथ ही एक साल जेल की सजा भी सुनाई है।