“लहरों से डर कर नौका पार नही होती, कोशिश करने वालों की हार नही होती।” महान कवि, सोहन लाल द्विवेदी की इस पंक्ति को कहीं पढ़ा या सुना तो जरूर होगा। अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग एक बार जीवन मे असफल होने पर थक जाते है, वे मान लेते है कि मुझसे अब कुछ नही होगा, किसी काम को दोबारा करने की कोशिश भी नही करते। लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जो चाहे जीवन में कितना बार भी असफल हो जाते है लेकिन कोशिश करना नही छोड़ते और एक न एक दिन उनकी मेहनत जरूर रंग लाती है। आज ऐसे ही एक शख्स की बात करेंगे, जिन्होंने MBA एंट्रेन्स में असफल होने के बाद कोशिश करना नही छोड़ा और आज यही कोशिश की बदौलत उनकी बिज़नेस का टर्नओवर 3 करोड़ तक पहुंच चुका है।
कौन है वो शख्स?
एक ऐसा शख्स, जिन्होंने MBA एंट्रेन्स में असफल होने के बाद अपने आप को कमजोर नही समझा बल्कि उन्होंने अपनी असफलता को एक ताकत के रूप में इस्तेमाल किया और आज उनके पास पैसा के साथ खुद की अपनी पहचान है। जी हां, हम बात कर रहे है अहमदाबाद के रहने वाले “MBA चायवाले” के नाम से मशहूर प्रफुल्ल बिलोरे (Praful Bilore) की। जिन्होंने हार मानना नही सीखा क्योंकि उनको पता था कि लहरों से डर कर नौका पार नही की जा सकती। 22 वर्षीय प्रफुल्ल जब MBA एंट्रेन्स में असफल हो गए तो उन्होंने 8 हज़ार रुपये उधार लेके सड़क के किनारे एक अपनी चाय स्टॉल लगाई और उस स्टॉल का नाम उन्होंने “MBA Chaiwala” रख दिया। जिसके बाद वो स्टॉल इतना प्रसिद्ध हुआ कि ग्राहकों का वहाँ भीड़ इकट्ठी होने लगी और आज उनका कारोबार 3 करोड़ का है।
कैसे की शुरूआत?
प्रफुल्ल बिलोरे (Praful Bilore) ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि, बचपन से मुझे MBA करने का सपना था क्योंकि मैं बड़ा बिज़नेसमैन बनना चाहता था लेकिन मैं MBA एंट्रेंस में सफल नही हो पाया। कुछ समय के लिए मुझे लगा मेरा सपना टूट सा गया। फिर मेरे मन मे एक विचार आया कि मुझे खुद का व्यवसाय की शुरूआत करनी चाहिए। मैं रेस्टोरेंट खोलना चाहता था लेकिन मेरे पास उसके लिए उतना पैसे नही थे। फिर मैंने अपने पिता से 8 हज़ार रुपए उधार लिया और सड़क के किनारे एक चाय स्टॉल लगाया और उसका नाम “MBA चायवाला” दे दिया। उस समय प्रति दिन की कमाई सिर्फ 100 रुपया थी लेकिन प्रसिद्धि मिलने के बाद रोजाना की कमाई 5000 तक होने लगी। काफी मेहनत के बाद मेरा कारोबार वर्ष 2020 तक 3 करोड़ तक पहुंच गया।”
माता-पिता थे फैसले के खिलाफ
प्रफुल्ल ने बताया, “मेरे सड़क किनारे चाय स्टॉल लगाने पर मेरे माता-पिता खिलाफ थे, उन्होंने मुझे साफ कहा कि तुम्हारा यह फैसला गलत है। लेकिन मैंने उनको समझा कर तथा खुद पर विश्वास दिलाकर मना लिया।”
दोस्तों ने भी उड़ाया मज़ाक
प्रफुल्ल ने बताया कि, “मेरे सड़क किनारे स्टॉल लगाने से मेरे कुछ दोस्त मेरा मज़ाक बनाया करते थे, लेकिन मैं सबके मज़ाक को एक प्रेरणा के रूप में लेता था।”
प्रफुल्ल ने आगे बताया कि, वो स्टॉल पर चाय बेचने के साथ-साथ चुनावी रैलियों में भी चाय बेचने का काम शुरू किए और साथ ही दुकान का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करते थे। शुरुआत में थोड़ा दिक्कतें आई, लोगो ने वीडियो पर नेगेटिव कमेंट भी किया लेकिन धीरे-धीरे उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। सोशल मीडिया के सहारे उनको बहुत प्रसिद्धि मिली। ग्राहक उनको जानने लगे तथा दुकान पर भीड़ भी लगने लगी। तब प्रफुल्ल ने पूरी तरीके से अपने बिज़नेस पर ध्यान दिया और अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए योजना बनाना शुरू किया। बाद में कुछ लोगों के वजह से उनको थोड़ा दिक्कते भी हुई तब उन्होंने दूसरी जगह जाकर चाय के साथ नाश्ते, कॉफी, शेक तथा चाय की कुछ और किस्मों की शुरुआत की। बाद में एक रेस्टोरेंट खोला जिसके बाद पूरे भारत मे उनकी एक अलग पहचान है तथा आज उनका कारोबार 3 करोड़ तक पहुँच चुका है।
IIAM अहमदाबाद में छात्रों को संबोधित करने के लिए मिला निमंत्रण
प्रफुल्ल को प्रसिद्धि मिलने के बाद IIAM अहमदाबाद में छात्रों को संबोधित करने के लिए निमंत्रण भी मिला। वहां के छात्र इनकी कहानी को सुनकर बहुत प्रेरित हुए।
300 वर्गफुट में रेस्टोरेंट खोल लोगों को दिया रोजगार
चाय के कारोबार से फायदा के बाद प्रफुल्ल ने वर्ष 2019-2020 में 300 वर्गफुट में एक रेस्टोरेंट खोला तथा बहुत लोगों को रोजगार भी दिया साथ ही लोगों को मेहनत तथा कोशिश करने की सलाह भी दी। उनका कहना है कि, लोगों को कभी हार नही माननी चाहिए। उनको खुद पर विश्वास रखकर कोशिश करते हुए आगे बढ़ना चाहिए, फिर सफल होने से कोई नही रोक सकता।
Summary: After failing in MBA, Prafull Billore worked on a startup named MBA Chaiwala which has turnover of crore rupees in today’s time