Wednesday, December 13, 2023

कभी माता पिता ने इन्हें छोड़ दिया था, आज अपने जैसी छोड़ी गई बच्चियों को बेटियों सा पालती हैं: पद्मश्री से सम्मानित हुईं

गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई. इस वर्ष 7 लोगों को पद्म विभूषण (Padma Vibhashan), 10 लोगों को पद्म भूषण (Padma Bhushan) और 102 लोगों को पद्म श्री (Padma Shri) अवार्ड प्रदान किए जाएंगे. पद्म श्री पाने वाले इस 102 नाम में एक नाम पंजाब की प्रकाश कौर का भी है.

Prakash kaur help Orphan

घरवालों द्वारा छोड़ दिया गया, अपने इस कमज़ोरी को बनाई ताक़त

प्रकाश कौर (Prakash Kaur) पंजाब के जालंधर सिटी की रहने वाली हैं. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन्हें यह अवॉर्ड परिवार द्वारा ठुकराई गई बालिकाओं के प्रति समर्पण और प्यार के लिए दिया जा रहा है. दरअसल प्रकाश को उनके माता-पिता ने छोड़ दिया था. फिर उन्होंने अपने इस गम को जीने की ताक़त बना ली हैं. अब वह घरवालों द्वारा छोड़ गई बच्चियों की देख रेख करती हैं, उन्हें अपनी बेटियों सा प्यार देती हैं.

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छोड़ी गई बच्चियों के लिए ‘यूनिक होम’

प्रकाश कचरे के डब्बे में फेंकी गई या मंदिर की सीढ़ियों पर छोड़ी गई बच्चियों को अपने ‘यूनिक होम’ नामक अपने संस्था में ले आती हैं और बड़े हीं लाड़ प्यार से उनका लालन पालन करती हैं. उनके इस संस्था में 9 दिन से लेकर 20 साल तक की लगभग 80 बच्चियां हैं. बच्चियों के बड़े हो जाने पर वह उन्हें छोड़ नहीं देती, अब तक 15 लड़कियों की शादी भी करा चुकी हैं.

Prakash kaur help orphan child

24 अप्रैल को सभी बच्चों का केक काटकर जन्मदिवस मनाया जाता

प्रकाश ‘यूनिक होम’ संस्था के बच्चों को अपने बच्चों सा पालती हैं. उन्हें अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाती हैं. बड़े-बड़े मॉल से खरीदारी कराती हैं. सभी बच्चों का जन्मदिवस एक हीं तारीख़ (24 अप्रैल) को बड़ा सा केक काटकर मनाती हैं. इतना हीं नहीं गर्मी के छुट्टी में बच्चे छुट्टियां मनाने हिल स्टेशन भी जा सकते हैं.

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कचरे या झाड़ियों में नवजात शिशुओं को न छोड़ने की गुज़ारिश

मात्र 23 साल की उम्र में शुरू किए गए प्रकाश के इस पहल को अब काफ़ी लोगों की मदद मिलती है. प्रकाश लोगों से गुज़ारिश करती हैं कि अगर किसी कारणवश आप अपनी नवजात लड़कियों को छोड़ रहें हैं तो कृपया उन्हें कचरे या झाड़ियों में न छोड़ें क्योंकि आवारा कुत्ते उन्हें काट लेते हैं और कुछ मामलों में उनकी मृत्यु भी हो जाती है.

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‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए प्रकाश ने कहा, “पुरस्कार ने समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी को कई गुना बढ़ा दिया है. उनका सबसे बड़ा पुरस्कार तब होगा जब सभी बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा पाला जाएगा.”