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प्रमोद पुराने टायर और बेकार पड़ी चीजों से बनाते हैं आकर्षक फर्नीचर, हर महीने होती है 6 लाख तक की आमदनी

हम अक्सर अपने घर की पुरानी चीज जैसे गाड़ियों के टायर, पुरानी साइकिल को बेकार समझकर फेंक देते हैं या कबाड़ वाले को दे देते, ताकि घर साफ रहे।

इन सबसे बिल्कुल विपरीत प्रमोद सुसरे (Pramod Susre) अपने घर के साथ-साथ दूसरों की पुरानी चीजों से इको फ्रेंडली फर्नीचर और होम डेकोरेशन के प्रोडक्ट बनाते हैं। – Pramod Susre makes eco-friendly furniture and home decoration products from old things

हर महीने 5 से 6 लाख रुपए का बिजनेस

महाराष्ट्र (Maharashtra) के अहमदनगर के रहने वाले प्रमोद सुसरे पुरानी चीजों से इको फ्रेंडली फर्नीचर और होम डेकोरेशन के प्रोडक्ट बनाते हैं, जिसकी मांग विदेशों में भी होती है। प्रमोद इसके जरिए हर महीने 5 से 6 लाख रुपए का बिजनेस कर रहे हैं।

28 वर्षीय प्रमोद किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी इसलिए उन्हे पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम नौकरी भी करनी पड़ती थी।

Pramod Susre makes eco-friendly furniture and home decoration products from old things.

चीन के कारीगरों से मिला आईडिया

इंजीनियरिंग करने के बाद प्रमोद ने जॉब जॉइन कर लिया लेकिन सैलरी बहुत कम थी, जिस वजह से वह 2-3 हजार रुपए ही घर भेज पाते थे। ऐसे में वह हमेशा अपना कुछ करना चाहते थे, लेकिन पैसे की कमी की वजह से कुछ कर नहीं पाते थे।

साल 2017 में कंपनी के काम से प्रमोद को चीन (China) जाने का मौका मिला। वहां उन्होंने देखा कि यहां के कारीगर पुराने टायर और कबाड़ की चीजों से फर्नीचर और टेबल बना रहे हैं और उसका बिजनेस कर रहे हैं।

इंटरनेट से जुटाई जानकारी

प्रमोद सुसरे (Pramod Susre) ने कुछ दिन चीन में रुककर अच्छी तरह से उनके काम को समझा और काम करने का फैसला कर लिया। प्रमोद भारत लौटने के बाद इंटरनेट से इससे जुड़ी जानकारी जुटाने लगे।

इस दौरान उन्हें पता चला कि भारत में भी इस तरह का किया जाता है, लेकिन कॉमर्शियल लेवल पर इस फील्ड में अभी लोगों की संख्या कम है। – Pramod Susre makes eco-friendly furniture and home decoration products from old things.

इस तरह हुई शुरुआत

साल 2018 में प्रमोद पहली बार पुराने टायर से एक फर्नीचर तैयार किया। इसका लुक तो काफी अच्छा था, लेकिन बजट ज्यादा थी। उनके कार्य को देखते हुए उनके दोस्त और परिचितों ने उनका मजाक उड़ाया कि नौकरी छोड़कर अब तुम कबाड़ के प्रोडक्ट बनाओगे।

प्रमोद का इरादा पक्का था इसलिए वे बिना किसी की बात सुने लगातार कोशिश करते रहे। प्रमोद अपने दोस्त से 50 हजार रुपए उधार लेकर किराए पर एक दुकान ली और अपना काम शुरू किया।

नौकरी के साथ शुरू किया काम

प्रमोद शुरूआत में रिस्क नहीं लेना चाहते थे इसलिए नौकरी के साथ ही अपना काम शुरू किया। प्रमोद बताते हैं कि ऑफिस से काम के बाद जो भी वक्त मिलता मैं उसमें अपनी दुकान पर जाकर कुछ नया बनाता था।

शुरुआत में उन्हे अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। कुछ ही प्रोडक्ट बिक पाए थे, लेकिन प्रमोद सुसरे (Pramod Susre) को पूरी उम्मीद थी कि आगे चल कर अच्छा रिस्पॉन्स जरूर मिलेगा।

इस तरह बढ़ी प्रोडक्ट की डिमांड

साल 2019 में प्रमोद को एक बड़ा ऑर्डर मिला, जिसमें उन्हें पुणे (Pune) में एक म्यूजिक कैफे के लिए फर्नीचर तैयार करना था। प्रमोद अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाए और तय वक्त से पहले पूरे कैफे को इको फ्रेंडली फर्नीचर से सजा दिए, जिससे कैफे का मालिक बहुत खुश हुआ।

जो भी कैफे में आता था, वह वहां के फर्नीचर के बारे में जानकारी जरूर लेता था। इससे प्रमोद को काफी फायदा हुआ। लोग उनके प्रोडक्ट की डिमांड करने लगे। उसके बाद देश के कई शहरों से उनके पास ऑफर आने लगे।

देश के कई राज्यों से आते हैं उनके पास ऑर्डर

प्रमोद बताते हैं कि उनके प्रोडक्ट की डिजाइनिंग और लुक यूनीक थी। इसी वजह से लोगों को उनके प्रोडक्ट पसंद आता है। प्रमोद अपना दायरा बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की मदद लिए। उन्होंने P2S INTERNATIONAL नाम से खुद का एक पेज बनाया, जिसपर वह अपने प्रोडक्ट की फोटो और वीडियो अपलोड करते है।

इसके जरिए धीरे- धीरे लोग उनसे कॉन्टैक्ट करने लगे। ना केवल महाराष्ट्र से बल्कि अन्य राज्यों से भी उनके पास ऑर्डर आते है। – Pramod Susre makes eco-friendly furniture and home decoration products from old things.

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प्रमोद के कारोबार पर पड़ा लॉकडाउन का असर

लॉकडाउन का असर प्रमोद के कारोबार पर भी पड़ा। कुछ महीने काम बंद रहा, परंतु अब धीरे-धीरे सब पहले जैसा हो रहा है। इसी साल मार्च में उन्हें साउथ अफ्रीका से ऑर्डर मिला है।

अब तक प्रमोद 15 होटल्स और कैफे के लिए फर्नीचर तैयार कर चुके हैं। प्रमोद और उनकी टीम रॉ मटेरियल के रूप में हर उस वेस्ट का इस्तेमाल करती है, जिसको अपसाइकल किया जा सकता है।

इसके लिए वह कई कबाड़ वालों से भी कॉन्टैक्ट किया है, जो रेगुलर उनके पास सामान पहुंचा देते हैं।

वेस्ट मटेरियल से बनाते हैं प्रमोद सारी चीजें

अगर प्रमोद को कहीं वेस्ट मटेरियल के बारे में जानकारी मिलती है, तो वे अपनी गाड़ी भेजकर सामान मंगा लेते हैं। प्रमोद ने इंडस्ट्रियल बैरल, पुरानी और बेकार कार, ऑटो रिक्शा, बाइक, साइकिल, पुरानी लकड़ी आदि को अपसाइकल करके, मेज, कुर्सी, सोफा, वॉश बेसिन, फूड कार्ट, बैरल वाइन स्टोरेज, हैंगिंग लाइट्स जैसी चीजें बना रहे हैं। साथ ही वे होम डेकोरेशन और कैफे की सजावट में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें भी तैयार करते हैं।

प्रमोद 15 लोग की एक टीम बना कर करते हैं काम

प्रमोद सुसरे (Pramod Susre) 15 लोग की एक टीम बना कर काम करते है। इस तरह के स्टार्टअप के लिए एक ऐसी जगह होनी चाहिए जहां आप वेल्डिंग का काम कर सकते हैं। उसके बाद रॉ मटेरियल के लिए कबाड़ी की दुकानों और ऑटोमोबाइल के दुकानदारो से कॉन्टैक्ट कर सकते है। इंटरनेट के जरिए आप इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा यूट्यूब पर इससे संबंधित वीडियो मौजूद है।

इस कार्य के लिए सरकार की ओर से दी जा रही है ट्रेनिंग

एक से दो लाख रुपए की लागत से आप इस काम की शुरुआत कर सकते हैं क्योंकि इसके लिए आपको लोहे काटने वाली मशीन, वेल्डिंग मशीन, कई तरह के कलर्स की वैराइटी, ब्रश जैसी चीजो की जरूरत पड़ेगी। इस सेक्टर में काम करने के लिए सबसे जरूरी है वेस्ट मैनेजमेंट को समझना तथा उसकी प्रोसेस को जानना।

इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर ट्रेनिंग भी दी जाती हैं। इसके अलावा कई प्राइवेट संस्थान भी इसकी ट्रेनिंग देते हैं। – Pramod Susre makes eco-friendly furniture and home decoration products from old things.

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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