बीते जमाने से लेकर वर्तमान तक हमारे समाज में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपना योगदान देने से पीछे नहीं हटी हैं। जब जहां जैसी ज़रुरत पड़ती हैं औरतें अपने आप को वैसी परिस्थिति के अनुसार ढाल लेती हैं। परिवार से लेकर कृषि, उद्यान, व्यवसाय, देश की सेवा ऐसे ही अन्य कई क्षेत्रों में महिलाएं अपनी काबिलियत का लोहा मनवायी हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी भी औरतें हैं जो समाज को सुधारने का जिम्मा भी अपने सर ले ली हैं और सही दिशा में काम भी कर रही हैं।
यह कहानी एक ऐसी लड़की की हैं जिसने 23 वर्ष की उम्र में ही अपने गांव की स्थितियों में सुधार लाने के लिये इंजिनियर की अच्छी-खासी नौकरी छोड़ सरपंच बन गांव को विकास की ओर बढ़ाने का काम कर रही हैं। अपने इस काम के लिये देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वर्ष 2017 में इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका हैं।
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प्रवीण कौर (Prawin Kaur) हरियाणा (Hariyana) के कैथक में बसा एक गांव ककराला कुचिया की रहनेवाली हैं। प्रवीण बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहतीं थी। उन्होनें इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की। लेकिन वह हमेशा से अपने गांव के विकास के लिये भी कुछ करना चाहती थी। वह लोगों को परेशानियों से लड़ते देखती थी तो उनके मन में हमेशा से उन परेशानियों को खत्म करने का इरादा आता था। गांव में होनेवाली दिक्कतों को देखकर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और गांव के विकास कार्य में जुट गईं। प्रवीण कौर सरपंच के चुनाव में खड़ी हुईं और गांव के लोगों ने अपनी सहमती से मुखिया के रूप में उनका चयन किया। सरपंच पद पर चयनित होने के बाद प्रवीण कौर ने गांवों में पानी की सुविधा को मुहैया करवाया। साथ ही पूरे गांव में सोलर लाइट्स की भी व्यव्स्था किया।
प्रवीण कौर (Pravin Kaur) चाहती थी कि उनके गांव में शिक्षा की अच्छी व्यवस्था हो इसके लिये उन्होनें पंचायत घर में बच्चों के लिये पढ़ाई की सुविधा उप्लब्ध करवाई। इस सुविधा का लाभ लगभग 4 दर्जन बच्चें उठा रहें हैं। वह पंचायत घर में रोज पढ़ाई के लिये आते हैं। इसके अलावा प्रवीण ने गांव के स्कूलों को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई के लिये सुविधा भी मुहैया करवाया। प्रवीण कौर ने लडकियों को पढ़ाई-लिखाई के लिये प्रेरित किया जिससे लड़कियां भी पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। बच्चों को पढ़ाई में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े इसके लिये उन्होंने गांव में लाइब्रेरी भी बनवाया। प्रवीण कौर ने सुरक्षा को ध्यान में रखतें हुए गांव के गली-गली में CCTV कैमरे भी लगवाएं।
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प्रवीण कौर ने गांव की महिलाओं पर भी ध्यान दिया। गांव की औरतें अपनी परेशानियों के बारें में खुलकर बात करें इसके लिये प्रवीण ने अपनी टीम में 4 महिला पंचो को रखा हैं। जिससे महिलाओं की मदद हो सकें। वह मंचो के सामने औरतों की घरेलु परेशानियों को रखकर उसका समाधान भी निकालती हैं।
सरपंच प्रवीण कौर आज के नये युवाओं के लिये रोल-मॉडल बन गईं हैं। वह शिक्षा के साथ-साथ खेल-कूद को भी प्रोत्साहित कर रही हैं। इनके द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करतें हुए देश के प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम में प्रवीण कौर को सम्मानित किया था। देश के PM से सम्मानित होना बहुत ही गर्व की बात है।
सरपंच प्रवीण कौर के गांव के विकास की पहल करने के लिये The Logically उन्हें नमन करता हैं, और उनके द्वारा गांव की महिलाओं और गांव के बच्चों की शिक्षा के लिये किये गए कार्यों की सराहना करता है।
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