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एक इंजीनियर ने जैविक खेती से बदल दी सूरत ! विदेशों तक हो रही मांग !

सफलता की कहानी लिखने वाले एक ऐसे शख्स जिन्होंने पढ़ाई तो इंजीनियरिंग में की पर कृषि में अपना कैरियर बनाया ! उत्तरप्रदेश के रहने वाले रोहन प्रकाश एक ऐसे जैविक किसान हैं जिन्होंने आम , लीची के साथ कई फलों और फसलों का जैविक विधि से उत्पादन शुरू किया ! आज उनके द्वारा उत्पादित फल-फसल देश के साथ विदेशों में भी पहुँचाया जा रहा है ! आईए जानते हैं रोहन प्रकाश जी की प्रेरक कहानी

कैसे आया खेती का विचार

रोहन प्रकाश के घर में शुरू से हीं आम , लीची आदि की खेती की जाती रही है ! इस कारण वे बचपन से हीं कृषि को बहुत नजदीक से देखते रहे हैं ! रोहन अपने अंदर जैविक खेती करने के विचार आने के संबंध में बताते हैं कि “जब मैं इंजीनियरिंग कर रहा था उसी समय मैं राजस्थान और महाराष्ट्र के कई किसानों से मिला , उनसे बात-चीत की व उनके द्वारा उगाए जा रहे फसलों , फलों व अन्य उत्पादों को तथा उनके उगाने की विधि को जाना , उनके द्वारा जैविक खेती के गुरों को जाना ! उसके बाद मेरे मन में यह विचार आया कि क्यूँ ना मैं भी अपने फार्म में जैविक खेती करूँ ! यह विचार मुझे घर कर गया और मैंने पढाई के बाद जैविक खेती करने का मन बना ल

रोहन प्रकाश कहते हैं कि कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से ना सिर्फ किसान बल्कि उत्पाद खाने से लोग भी कुप्रभावित होते हैं इसलिए मैंने सोंचा कि कुछ ऐसा करें कि दुनिया को अच्छा उत्पाद दे सकें ! उसी ओर रोहन ने अपनी पढ़ाई के दौरान अपने पिता को जैविक खेती के कुछ टिप्स दिए और उसे खेती में अपनाने की सलाह दी जिसके फलस्वरूप वह विधि कारगर साबित हुई और उत्पादन भी पहले से बेहतर हुआ ! इसके बाद उनके पिता ने भी जैविक खेती को हीं अपना लिया ! रोहन प्रकाश अपनी पढाई पूरी करने के बाद उस जैविक खेती को और उच्च स्तर तक ले गए ! रोहन प्रकाश के पास उत्तरप्रदेश का पहला जैविक प्रमाणित फार्म है !




कई फलों और सब्जियों का कर रहे उत्पादन

रोहन बताते हैं कि आज के इस युग में एक-दो फसल उत्पादन करने का कोई औचित्य नहीं है ! आज मल्टीपल कृषि समय की मांग है ! आम और लीची की खेती अमूमन 4 महीने में खत्म हो जाती है ! ऐसे में पूरे साल कृषि का काम चलने के लिए हमें इसके अलावा भी करने की जरूरत है ! इसलिए हमने नींबू , आड़ू ,अमरूद आदि के पेड़ लगाए हैं ! इसके अलावा वास्मति धान , गेहूँ का भी उत्पादन कर रहे हैं ! आम के पेड़ के नीचे हल्दी की खेती कर रहे हैं जिससे इन्हें अलग जमीन तला की आवश्यकता नहीं होती है

बायो फर्टिलाईजर और बायो पेस्टिसाइड का निर्माण

रोहन प्रकाश जैविक विधि से गोबर की खाद को बेहतर बनाने के लिए ये बायो कल्चर व अन्य चीजों से बनाई हुई बायो फर्टिलाईजर बना रहे हैं ! फसलों में कीट-पतंगों और फंगस को दूर करने के लिए बायो पेस्टिसाइड बना रहे हैं ! जिन्हें किसानों को निर्माण मूल्य पर हीं दे देते हैं ताकि जैविक खेती को बढावा दिया जा सके !

मिल चुके हैं कई प्रमाण-पत्र

रोहन प्रकाश के द्वारा की जा रही जैविक खेती बेहद सराहनीय है ! उससे उत्पादित फल , अनाज , व अन्य वस्तु जैविक खेती की सफलता की कहानी कहते हैं ! उनके पास उत्तरप्रदेश राज्य का पहला जैविक प्रमाणित फार्म है ! इनका फार्म NPOP, NOP Uropean Standards से प्रमाणित किया जा चुका है !होती है लाखों की कमाई

जैविक खेती के द्वारा खेती कर बेहतर उत्पादन से आज रोहन प्रकाश लाखों की कमाई कर रहे हैं ! वे कहते हैं कि आपको मार्केटिंग पर खास ध्यान देने की जरूरत है क्यूँकि तभी आपके ज्यादा से ज्यादा उत्पाद बिक पाएँगी और आप अपने उत्पादन का दायरा बढा पाएँगे ! वे अपने उत्पाद भारत के साथ अन्य कई देशों में भी बेच रहे हैं !




जैविक कृषि के क्षेत्र में रोहन प्रकाश जी ने सफलता की जो पराकाष्ठा पेश की है वह अन्य लोगों के लिए प्रेरित करने वाला है ! Logically उन्हें और उनके प्रयासों की प्रशंसा करता है !

Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

2 COMMENTS

  1. हमे भी बताए सर की ये खेती किसानों के लिए कैसे कारगर होसक्ती है और तरीका क्या है उत्पादक की लागत क्या होगी

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