छोटे या बड़े शहरों में रहकर शिक्षा प्राप्त करना ही सफलता नहीं है। सफ़ल होने के लिए आप कहां पढ़ रहें, यह मायने नहीं रखता बल्कि आप क्या पढ़ रहें हैं, यह मायने रखता है। अगर आप अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर परिश्रम करें तो सफलता मिल ही जाएंगी। आज की हमारी कहानी बिहार के छोटे से गांव के रहने वाले राहुल मिश्रा की है जो गांव में हीं रहकर यूपीएससी की तैयारी किए और सफ़ल हुए।
राहुल मिश्रा
वैसे तो हमारे बिहार में बहुत से ऐसे युवा हैं जो यूपीएससी पास कर तैयारी कर रहे यूपीएससी कंडिडेट्स के लिए मिसाल बनतें हैं। इन्ही में से एक हैं, बिहार (Bihar) के समस्तीपुर (Samstipur) के एक छोटे से गांव के निवासी राहुल मिश्रा (Rahul Mishra)। इनके पिताजी बतौर शिक्षक बच्चों को शिक्षा दिया करते थे। इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सम्पन्न कर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) से IIT किया।
UPSC को पास करना था सपना
आम तौर पर विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी तलाशने लगते हैं, इस तरह इन्होने भी अपनी शिक्षा सम्पन्न कर नौकरी की लेकिन इनका लक्ष्य UPSC क्रैक करने का था। इसलिए इन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी और गांव लौटने का निश्चय किया। मन मे दृढ़ संकल्प लिए राहुल गांव आये और अपना ध्यान यूपीएससी की तैयारी में लगाया, ताकि अपना लक्ष्य प्राप्त कर उन युवाओं की श्रेणी में अपना नाम दाखिल करा सकें जो छोटे शहर के होने के बावजूद भी इस कठिन एग्जाम को पास करतें हैं।
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पिता ने किया सहयोग
अब राहुल खुद यूपीएससी की तैयारी में लग गयें। वैसे तो अधिकतर यूपीएससी की तैयारी करने वाले कंडिडेट्स अपने गांव से बाहर जाकर तैयारी करतें हैं लेकिन इन्होंने अपने जन्मस्थान से इसकी तैयारी की। इन्होंने इंटरनेट के माध्यम से स्टडी मटेरियल ढूंढा और पढ़ाई में लग गए। इस बीच एक शिक्षक होने के नाते इनके पिता ने भी इनका सहयोग किया। UPSC पास करने में राहुल अपने पिता का महत्वपूर्ण योगदान समझतें हैं।
UPSC क्रैक कर किया सपना पूरा
राहुल ने अपने परिश्रम के दम पर वर्ष 2019 में 202वीं रैंक से UPSC पास किया। इनके इस सफलता से सिर्फ ये और इनका परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव प्रसन्न हुआ। छोटे से गांव में रहकर ऊंची उड़ान भरकर UPSC में सफलता हासिल करने के लिए The Logically राहुल को बधाई देता है।