Wednesday, December 13, 2023

सेना के रिटायर्ड कैप्टन युवाओं को दे रहे फ़्री में ट्रेनिंग, अब तक 4,000 युवा हो चुके सेना में भर्ती

भारत में चौरीचौरा के बारे में कौन नहीं जानता? यह घटना उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर से क़रीब 30 किलोमीटर दूर बसे एक क़स्‍बे चौरीचौरा में घटी थी। भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम में इस जगह ने बहुत महत्वपूर्ण शभूमिका निभाई थी। आज हम वहीं के मीठाबेल गाँव के रहने वाले रिटायर्ड कैप्‍टन आद्या प्रसाद दूबे (Captain Adya Prasad Dubey) की बात करेंगे।

रिटायर्ड कैप्‍टन आद्या कर रहे युवाओं को प्रेरित

रिटायर्ड कैप्‍टन आद्या प्रसाद दूबे का कहना है कि सैनिक ताउम्र सैनिक ही रहता है। चाहे वह सर्विस में हो या रिटायर। उनका यह कथन उनके उपर फ़िट बैठती भी है। उन्होंने अपने कबिलियत से एक मिसाल पेश की है। साल 1964 में टेक्नीशियन के रूप में आद्या का भारतीय सेना में भर्ती हुए था। साल 1992 में कैप्टन दूबे सेना से रिटायर हुए। कैप्‍टन आद्या रिटायर होने के बाद अन्य युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करने का काम कर रहे हैं।

Retired Captain Aadya giving free training to youths

सैनिक करियर सेंटर की हुई शुरूआत

73 साल के हो चुके कैप्टन आद्या रिटायर होने के बाद साल 1994 में एक फ़्री ‘सैनिक करियर सेंटर’ की नींव रखी। आज उनके इस ट्रेनिंग सेंटर से आर्मी, नेवी, एनडीए, एयरफ़ोर्स, यूपीपी, पैरामेडिकल और अलग-अलग फ़ोर्सो में 4000 युवकों और 50 से अधिक युवतियों का चयन हो चुका है। वह बिना किसी सरकारी सहायता के देश की सेवा के लिए युवाओं को तैयार कर रहे हैं।

Retired Captain Aadya giving free training to youths

कैप्टन आद्या ने शुरू की ट्रेनिंग सेंटर

जब कैप्टन आद्या ने इस ट्रेनिंग सेंटर की शुरूआत की, उस समय उन्होंने अपनी कोशिशों से गाँव के प्राथमिक स्कूल, सहसरांव, चौरीचौरा के बंजर ज़मीन को खेल के मैदान में बदल दिया ताकि उस गाँव के बच्चे वहां जाकर अच्छे से ट्रेनिंग कर पाएं। इस कार्य के शुरूआत में कैप्टन आद्या को बहुत से दिक्कतों का सामना करना पड़ा परंतु उन्होंने अपने हिम्मत से ट्रेनिंग सेंटर को चालू रखा।

Retired Captain Aadya giving free training to youths

ट्रेनिंग सेंटर में अन्य राज्यों से भी युवा

कैप्टन आद्या के ट्रेनिंग सेंटर में न केवल आस-पास के गांव के युवा आते हैं, बल्कि अब बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) के भी कई युवा ट्रेनिंग के लिए यहां आ रहे हैं। अब यह ट्रेनिंग सेंटर उस गांव की पहचान बन चुका है। अन्य राज्यों से आने वाले युवाओं की वजह से इस गांव के लोगों को घर बैठे ही रोज़गार मिल रहा है। वहां के स्थानीय लोग किराए पर मकान देते हैं, जिससे उनकी भी अच्छी कमाई हो जाती है।

Retired Captain Aadya giving free training to youths

कैप्टन आद्या गांव के बच्चों को सही मार्ग दिखा रहे हैं

कैप्टन आद्या द्वारा दी गई प्रशिक्षण से आस-पास के गांव के कई युवा भारतीय सेनाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस वक़्त भी उनके पाठशाला में क़रीब 300 से ज्यादा युवक और युवतियां ट्रेनिंग लेने के लिए मौजूद हैं। कैप्टन आद्या बताते हैं कि गांव के युवा गलत मार्ग पर चल रहे थे। बच्चों के पास अच्छी कदकाठी तथा डिग्री होने के बावजूद भी उनके पास भविष्य के लिए कोई योजना नहीं थी। कैप्टन आद्या बताते हैं कि लिखित परीक्षा की तैयारी करने के लिए गोरखपुर में बहुत से कोचिंग सेंटर हैं परंतु फिजिकल के लिए कोई कोचिंग सेंटर नहीं था।

Retired Captain Aadya giving free training to youths

कैप्टन आद्या फिजिकल कोचिंग सेंटर चला रहे हैं

सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भर्ती में अधिकतर बच्चे फिजिकल में ही पास नहीं हो पाते हैं। वहीं से उन्हें वापस लौटना पड़ता है, इसलिए कैप्टन आद्या ने फिजिकल कोचिंग सेंटर की शुरुआत की। पहले इस सेंटर पर केवल शारीरिक ट्रेनिंग ही दी जाती थी, परंतु अब यहां एकेडमिक ट्रेनिंग भी दी जा रही हैं। हर बुधवार को यहां क्लासे होती है, जिसमें प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कराई जाती हैं। इसके साथ ही यहान कुछ समय बाद एग्जाम पैटर्न का भी टेस्ट लिया जाता है। इसके अलावा स्टूडेट्स को इंग्लिश स्पीकिंग की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस ट्रेनिंग सेंटर से निकले कई पुराने छात्र जो आज भारतीय सेनाओं में हैं, वह जब घर आते हैं, तब ट्रेनिंग सेंटर आकर कैप्टन आद्या की मदद करते हैं।