गार्डेनिंग का शौक लोगों के बीच फैशन की तरह फैल रहा है। लोग अपने रोजमर्रा की ज़िंदगी से वक़्त निकालकर गार्डेनिंग कर रहें हैं ताकि उनका शौक पूरा हो। आज हम आपको एक ऐसे शख़्स के विषय में बताएंगे जो कपड़े की दुकान चलाते हैं और वक़्त निकालकर उन्होंने अपने छत पर इतने पौधे लगाए है कि वो प्ले गार्डन में तब्दील हो चुका है।
छत को बनाया टेरेस गार्डन एवं प्ले गार्डन
33 वर्षीय संदीप (Sandeep) यूपी (UP) के हमीरपुर डिस्ट्रिक्ट से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें पेड़-पौधे से अत्यधिक लगाव था जिस कारण उन्होंने अपने छत पर पौधों को लगाना प्रारंभ किया। आज उनके पास ढाई सौ से भी अधिक पौधे हैं और वे अपने क्षेत्र में गार्डेनिंग के लिए बेहद प्रसिद्ध है। उन्होंने अपने घर की छत पर इतने पौधे लगाए हैं कि वह एक टेरेंस गार्डन में तब्दील होने के साथ-साथ बच्चों के लिए प्ले गार्डन भी बन चुका है। अब उनका उद्देश्य किचन गार्डन का निर्माण करना है, इसके लिए वह मेहनत भी कर रहे हैं। वह अपने गार्डन में सजावटी पौधों को भी लगाने की तैयारी में है। -Terrace Gardening by Sandeep form U.P
चलाते हैं कपड़े की दुकान
उन्होंने यह जानकारी दिया कि मेरे लिए यह सब करना इतना आसान नहीं था। मैंने बहुत हीं कम उम्र में नौकरी करनी प्रारंभ कर दी थी। मात्र 8 साल की उम्र से ही मैं अपने पिता के साथ कपड़ों के बिजनेस में जुड़ गया। मैं जब भी रास्तों से गुजरता था तो पेड़-पौधे को देखकर मन प्रसन्न हो जाता था और मैं यह सोचता था कि 1 दिन स्वयं का गार्डन अवश्य बनाऊंगा। जब वह बड़े हुए तो उस दौरान उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए पहला पड़ाव शुरू किया। एक बार वे कानपुर गए थे और वहां से उन्होंने कुछ पौधे लाए और अपने छत पर लगाया। जब उन्होंने अपने छत पर पौधों को लगाया तो परिवार वालों ने इसका विरोध किया क्योंकि उनका मानना था कि छत पर गार्डन बनेगा तो इससे हमारे छत को हानि होगी। उनके परिवार वालों ने उन्हें बहुत खरी-खोटी सुनाई फिर भी उन्होंने किसी की बातों को अपने रास्ते में आड़े नहीं आने दिया। -Terrace Gardening by Sandeep form U.P
लोगों की बातों को अनसुना कर वह अपने रास्ते पर चलते रहे। वर्तमान में वह लगभग 2000 स्क्वायर फीट बड़े टेरेस गार्डन के ऑनर है और वहां उन्होंने लगभग 300 से अधिक पौधों को लगाया है। फूलों के तौर पर उन्होंने गमले में गुलाब, लीली एडेनियम इत्यादि पौधों को लगया है। उनके गार्डन में बच्चे इस कदर खुश रहते हैं जैसे उन्हें दुनिया की बड़ी खुशी मिली हो।
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आखिर क्या है गार्डेन की खासियत
उनकी गार्डेन की खास बात यह है कि वह अपने गार्डेन में किसी भी केमिकल का उपयोग नहीं करते। उन्होंने जितने भी पौधे अपने बगीचे में लगाए हैं वह प्लास्टिक की बोतल एवं रिसाइकल समान है। उनके गार्डेन में ऐसी बहुत सी चीजें है जो घर से खराब होने के बाद फेंक दी जाती है। उन्होंने बताया कि वैसे तो मैं कपड़े की दुकान पर इतना बिजी रहता हूं कि अपने गार्डेन के लिए वक्त नहीं मिलता, परंतु फिर भी मैं इसे अपनी जिम्मेवारी समझता हूं और हमेशा इसके लिए तैयार रहता हूं। -Terrace Gardening by Sandeep form U.P
सुबह पहले करते हैं पौधों की देखभाल
वह बताते हैं कि मैं प्रतिदिन सुबह उठकर पहले अपने गार्डेन का निरीक्षण करता हूं और फिर इनकी देखभाल में जुट जाता हूं। उनका मानना है कि गार्डेनिंग करना मुश्किल नहीं, हर इंसान को अपने छत पर या अपने आसपास में पौधों को अवश्य लगाना चाहिए। इससे हमें सकारात्मकता मिलती है एवं एक अलग हीं खुशी महसूस होती है। इसलिए आप रोजमर्रा की जिंदगी से वक्त निकालकर पौधों के साथ जरूर हीं समय बिताएं। उन्होंने बताया कि वैसे तो मेरा उद्देश्य सिर्फ टेरेस गार्डेनर बनाने में था परंतु आज यह मेरा टेरेस गार्डेन प्ले गार्डेन का रूप ले चुका है। उनका टेरेस गार्डेन बच्चों के लिए “वंडरलैंड पार्क” है। उन्होंने बच्चों के मनोरंजन के लिए यहां स्लाइडर, स्विमिंग पूल एवं अन्य चीजें रखी है। -Terrace Gardening by Sandeep form U.P
जब लोग लेते है गार्डेनिंग की सलाह तो मिलता है सुकून
उन्होंने बताया कि मैंने पहले टेरेंस गार्डेन बनाया फिर प्ले गार्डन और अब किचन गार्डेन बनाने की तैयारी में लग चुका हूं। वैसे तो मुझे अपने इस गार्डेन से कोई आर्थिक फायदा नहीं परंतु जब लोग सोशल मीडिया पर मेरे गार्डेन के बारे में बात करते हैं और इससे जुड़ी सलाह लेते हैं तो मुझे बहुत ही सुकून मिलता है। मैं जब भी कानपुर जाता हूं तो पौधों को अवश्य लाता हूं और फिर उसे अपने गार्डेन में लगाता हूं। उन्होंने अपने गार्डेन में बेल, गुड़हल एवं अन्य प्रकार के पौधे लगाए हैं। -Terrace Gardening by Sandeep form U.P