Patna: अगर मेले की बात करें तो पुराने समय से ही मेला लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आया है। चाहे कोई भी मेला क्यों न हो लोग अपने घरवालों या दोस्तों के साथ जाते ही हैं। (Bihar Saras Mela) मेला इसलिए भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है कि वहाँ घर की सभी वस्तुएं मिल जाती हैं वो भी कम दाम में।
आज हम बिहार की राजधानी पटना के ज्ञान भवन में लगे सरस मेला (Patna Gyan Bhavan Saras Mela) के बारे में बताएंगे जहां हर साल हजारों की संख्या में भीड़ लगती है। यह मेला इतना प्रसिद्ध है कि दूसरे राज्यों से भी लोग इस मेले का आनंद उठाने आते हैं। इस मेले की खासियत है कि कई राज्यों की ग्रामीण महिला उद्यमी अपने यहां की लोक कलाओं के साथ ही शिल्प कला, संस्कृति और परंपरा को यहां लोगों के सामने दिखाती हैं साथ ही साथ अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद को बेचती हैं। आइये जानते हैं कि इस बार के सरस मेले की क्या खासियत है।
सरस मेला का यह वीडियो देखें
बिहार का सरस मेला
यूं तो बिहार की राजधानी पटना में हर साल सरस मेला लगता है पर इस बार का सरस मेला काफी खास है। इसके खास होने का कारण यह है कि जीविका (Jeevika) के 15 वर्ष पूरे हो गए हैं जिसके उत्सव में पटना के ज्ञान भवन (Patna Gyan Bhavan) में सरस मेला का आयोजन भव्य तरीके से किया गया है। इस बार बिहार के ही नही अन्य राज्यों से भी महिला उधमी आई हुई हैं।
दस दिनों तक चलेगा मेला
आपको बता दें कि इस बार के सरस मेला का आयोजन 10 दिनों तक किया जाएगा। 2 सितंबर से 11 सितंबर तक लोग इस मेले का आनंद ले सकेंगे। पहले इस मेले का आयोजन राजधानी पटना प्रसिद्ध गांधी मैदान (Patna Gandhi Maidan) में किया जाता था पर इस बार गांधी मैदान से सटे ज्ञान भवन (Patna Gyan Bhavan) में भव्य तरीके से आयोजन किया गया है।
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कई तरह के कला का प्रदर्शन
The Logically की टीम जब सरस मेला में पहुँची तो मेला में महिला उद्यमियों के खुद के हाथों से बनाए गए फूल के गुलदस्ते, हस्त शिल्प, कपड़े, घर में सजाने वाले वस्तुएं, खाने के सामान और मनोरंजन के यंत्र (Flower Bouquets, Handicrafts, Clothing, Home Decor, Food and Entertainment Equipments) देखने को मिला। सरस मेला में मौजूद सभी सामग्री बेहद खूबसूरत और आकर्षक लग रहे थे।
दूसरे राज्यों के भी स्टॉल
सरस मेला 2022 में कुल 135 स्टॉल (Stall) लगाए गए हैं। यह सब प्रदर्शनी और बिक्री के लिए हैं। इस 135 स्टॉल में 85 स्टॉल बिहार के अलग-अलग जिलों (Distric) के महिला उधमियों के हैं वहीं बिहार 50 स्टॉल दूसरे राज्यों के महिला उधमियों के लिए लगाए गए हैं। आपके जानकारी के लिए बता दें कि दूसरे राज्यों के बने सामग्री में इस सरस मेला में मौजूद हैं।
स्वादिष्ट व्यंजन भी मौजूद
सरस मेला में स्वादिष्ट व्यंजन के भी स्टॉल मौजूद है। जिसमें दीदी की रसोई (Didi Ki Rasoi) ग्राहकों को अपने तरफ खूब आकर्षित कर रही है। यहाँ के व्यंजन ग्राहकों (Customer) को खूब पसंद भी आ रहे हैं। वहीं खाद्य सामग्री में मखाना, शहद, अलग-अलग तरीके के पापड, बड़ी, अचार आदि मिल रहे है। मेले की खूबसूरती इन सब चीजों से और अधिक बढ़ रही है।
मेले में प्रवेश निशुल्क
अगर आप भी ज्ञान भवन में लगे सरस मेले में जाने की योजना (Plan) बना रहे हैं तो आपको जानकर यह खुशी होगी कि यहां लोगों के लिए प्रवेश निशुल्क है। वहीं अगर समय की बात करें तो इस मेला का समय (Saras Mela Timing) सुबह 10 बजे से रात के 8 बजे तक निर्धारित है। आप इस समय के अंदर आकर मेले का आनंद (Enjoy) सपरिवार और दोस्तों के साथ मना सकते हैं।
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सरस मेला का उद्देश्य
बिहार सरकार इस मेले को हर वर्ष पटना में आयोजित करती है। ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) के द्वारा आयोजित इस मेले का उद्देश्य (Saras Mela Purpose) है कि “ग्रामीण उधमिता को बढ़ावा देना” (Promoting Rural Entrepreneurship) और इस दिशा में बिहार सरकार (Bihar Government) का ग्रामीण विकास विभाग लगातार काम भी कर रहा है।
ग्रामीण इलाकों में जीविका
अगर जीविका की बात करें तो यह परियोजना गरीब लोगों के लिए एक वरदान है। यह ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है और महिलाओं (Women) को स्वावलंबी भी बना रहा है। आज हजारों महिलाएं इससे जुड़कर अपने उधोग को आगे बढ़ा रही हैं और इसमें सरकार भी उनकी मदद कर रही है।
जीविका में कैसे जुड़े
अगर आप भी अपने खुद का उधोग शुरू की हुई हैं और जीविका में जुड़ना चाहती हैं तो आपको जीविका में जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। कुछ नियम और शर्तें आपके सामने रखी जाएंगी अगर आप उसे पूरा करते हैं तो आप आसानी से इसमें जुड़ सकते हैं। आपके पात्रता (Eligibility) को भी इसमें देखा जाता है। जुड़ने के बाद आप इसमे काम कर सकती हैं और अपने व्यापार को सरकार की मदद से और आगे बढ़ा सकती हैं।
अगर आप भी बिहार की राजधानी पटना में हैं तो सरस मेला को देखने जरूर जाएं।
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