हमारा देश भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है। हम लोगों की पहचान हमेशा से कृषि से ही होते आ रही है। इस सबके बावजूद भी आज के समय में लोग खेती करना नहीं चाहते हैं। यहां के लोगों की ऐसी मानसिकता हो गई है जो लोग खेती करने वाले को अनपढ़ ही समझते हैं। आज हम बात करेंगे राजस्थान (Rajasthan) के रहने वाले एक युवक की, जिन्होंने इसरो (ISRO) में साइंटिस्ट (Scientist) की नौकरी छोड़कर कृषि के क्षेत्र में कदम रखते हुए नए तरह के कृषि उपकरणों को बनाने का काम करते हैं, जिससे खेती को और भी अधिक सुगम बनाया जा सके।
कौन है वह शख्स?
हम बात कर रहे हैं नीतिन गुप्ता (Nitin Gupta) की। जो कि राजस्थान (Rajasthan) के श्रीगंगानगर (Shree Ganganagar) के गांव श्रीकरणपुर के रहने वाले हैं। वह इसरो (ISRO) की नौकरी छोड़कर पिछले आठ वर्षों से किसानों की मुश्किलें आसान करने के लिए अपना ‘Sickle Innovations’ स्टार्टअप चला रहे हैं तथा वह कृषि के लिए कॉटन पिक, खुबानी पिकर, सोलर इनसेक्ट ट्रैप, सी बकथॉर्न पिकर, मार्केट लिंकेज ग्रेडिंग मशीनों का आविष्कार कर चुके हैं।
कैसे की शुरुआत?
नितिन गुप्ता (Nitin Gupta) ने अपनी शुरुआती पढ़ाई श्रीगंगानगर (Shree Ganganagar) के अपने गांव श्रीकरणपुर (Shree karanpur) पूरी की। इसके बाद उन्होंने चेन्नई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। फिर वर्ष 2008 में वो इसरो के साइंटिस्ट बन गए। इस दौरान उन्होंने भारत के पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च किया। उसके बाद वो वर्ष 2011 में अपनी नौकरी छोड़ किसानों के परेशानियों को सुलझाने के लिए अपने गांव श्रीकरणपुर लौट गए। गांव में लौटकर उन्होंने किसानों के समस्याओं को दूर करने के लिए खेती के आधुनिक यत्र का आविष्कार करने को चाहा। इस काम मे उनको गांव के सभी सहपाठीयों का पूरा सहयोग मिला, जो गांव पर खेती किया करते थे। नितिन ने बताया कि, जब भी वो गांव आते थे तो वो अपने सभी सहपाठियों से खेती का हाल सुनते थे, सभी उनको अपना दुख सुनाते थे और वह सभी दोस्तों को परेशानियों का हल बताते थे लेकिन फिर इन्होंने सोचा कि, ऐसा छोटा-मोटा हल बताने से किसानों का दुख दूर नही किया जा सकता। फिर इन्होंने किसानों के मदद के लिए अपनी नौकरी छोड़ना सही समझा और अब अपना नौकरी छोड़ किसानों की मदद करने में अपना सारा समय बिताते हैं और कृषि के लिए अब तक कई यंत्रो का आविष्कार कर चुके है।
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जुट गए किसानों के मदद में
नितिन (Nitin Gupta) इसरो (ISRO) की नौकरी छोड़ने के बाद अपने दोस्त विनय रेड्डी (Vinay Reddi) के साथ मिलकर पहला कॉटन पीकर कृषि उपकरण बनाने लगे लेकिन इसमें 2 वर्ष लगने के बाद भी सफलता नही मिली। इसके बाद हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर से लेह-लद्दाख की रिसर्च में जुट गए। अंततः 4 महीने कड़ी मेहनत करने के बाद पीकर बनाने में सफलता मिल गई और यह उपकरण किसानों के मदद के लिए कारगर साबित हुआ। इसके बाद इन्होंने और भी पांच नए अलग तरीके के उपकरणों का आविष्कार किया।
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इजरायल तक है उनके उपकरणों की डिमांड
नितिन (Nitin Gupta) द्वारा बनाये गए कृषि उपकरणों की डिमांड इन दिनों ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इजरायल जैसे कई देशों में है। उन्होंने आधुनिक ड्रायर का आविष्कार कश्मीर के केसर उत्पादक किसानों के लिए किया है तथा उन्होंने मैदानी इलाकों के लिए एक ऐसी मशीन बनाई है, जो प्रति घंटे एक टन की रफ्तार से कैमरे से फसलों की स्कैनिंग के साथ सब्जियों को खेत से निकाल लेती है।
नए उपकरणो का कम कीमत पर बेचते हैं।
नीतिन गुप्ता (Nitin Gupta) ने उपकरणों की कीमत बहुत कम रखे हैं, ताकि उनके आविष्कार और निर्माण की लागत आसानी से कवर हो सके। अभी हाल ही में नीतिन ने भारत में निर्मित पहली मार्केट लिंकेज वेजिटेबल फ्रूट ग्रेडिंग मशीन बनाई है। इससे फल-सब्जियां छंटते ही आसपास के आढ़तियों के पास कलर, साइज, क्वालिटी की डिटेल्स के साथ मैसेज पहुंच जाता है और वे जरूरत के अनुसार किसानों से संपर्क कर लेते हैं।
कंपनी का देश के टॉप-35 स्टार्टअप में चयन
नितिन (Nitin Gupta) की कंपनी ‘Sickle Innovations’ का चयन वर्ष 2015 में केंद्र सरकार की ओर से देश के टॉप-35 स्टार्टअप के लिस्ट में की गई है तथा इनके स्टार्टअप को अपने आधुनिक कृषि-आविष्कार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में सीआईआई टेक्निकल इनोवेशन इन एग्रीकल्चर अवॉर्ड, अमेरिका की सिलिकॉन वैली में इनोवेटिव कंपनी का अवॉर्ड, फिक्की का बिजनेस इनोवेशन अवॉर्ड, आईसीएफए का फूड एंड एग्रीकल्चर में बेस्ट फार्म टेक स्टार्टअप अवॉर्ड मिल चुका है।