कोरोना महामारी में जहाँ लाखों लोग बेरोजगार हो गए और उन्हें अपने गाँव जाने पर मजबूर होना पड़ा तो वहीं सोनू सूद (Sonu Sood) मसीहा बन कर उभरे। उन्होंने बहुत से लोगों की मदद की। कोरोना महामारी के बीच फंसे हुए लोगों को उनके घर पहुंचाया। सोनू सूद को सितंबर में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा SDG स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
सोनू ने लोगों की मदद करने के लिए लिया लोन
सोनू जो कि अपने कार्य से हर किसी का दिल छू लिया है। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद करने के लिए लोन तक लिए। मीडिया दावा करती है कि जुहू में सोनू की अपनी आठ संपत्तियां हैं जिसमें 6 फ्लैट और दो दुकान हैं,सोनू ने यह सब गिरवी रख दिया, जिससे गरीबों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई।
नवंबर में हुई लोन की प्रक्रिया पूरी
जिन संपत्तियों को गिरवी रखा गया उस पर उनका और उनकी पत्नी सोनाली का स्वामित्व हैं। उन संपत्तियों को स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के साथ गिरवी रखा गया है। इस लोन पर सितंबर में हस्ताक्षर हुआ और 24 नवंबर को रजिस्टर किया गया। सोनू कहते हैं कि किसी की मदद करना उनके लिए जीवन बदलने वाला अनुभव लाया है।
लोगों की मदद कर सोनू को मिलती है खुशी
सोनू सूद ने पीटीआई से भी बात कि ताकि वो जान सके कि कैसे प्रवासियों के लिए काम करना है ताकि उनकी पूरी मदद हो सके। सोनू ने कहा, यह पूरा अनुभव एक जीवन बदलने वाला है। उन्होंने प्रवासियों के साथ दिन में सोलह से अठारह घंटे तक रहे और दर्द को साझा किए। उसके बाद जब मैं उन्हें घर वापस जाने के लिए यात्रा शुरू करता हूं, तो मेरा दिल खुशी से भर जाता है।
The logically सोनू सूद के कार्य की तारीफ करता है और उम्मीद करता है कि वो आगे भी ऐसे कार्य कर लोगों की मदद करेंगे।