कहते हैं कि एक शिक्षक हीं होता है जो अपने शिष्य को सही और गलत की पहचान कराता है। शिक्षक को हमारे वेद-शास्त्र में गुरु का दर्जा दिया गया है। शिक्षक चाहे तो अपने शिष्य को सफलता के शिखर पर पंहुचाने का मार्गदर्शन करा सकता है।
आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के विषय में जानकारी देंगे जिन्होंने उस गांव की लड़कियों को प्लेयर स्टार बनाया है जो इसके लिए सपना देखा करती थी। उस गांव में खेल का माहौल नहीं था जहां आज लड़कियों को स्टेट लेवल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाबी मिल रही है। इन सब कार्य में उनकी मदद उनके शिक्षक ने की है।
एक शिक्षक ने बदला गांव के हालात
वह शिक्षक चंद्रपाल बेनीवाल (Chandrapal Benival) हैं जो बरमसर गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं। आज से लगभग 7 वर्ष पूर्व जब वह स्पोर्ट टीचर बनकर यहां स्कूल में आए तो वहां खेलने के लिए एक भी लड़की नहीं थी। उन्होंने यह निश्चय कर लिया कि वह अपने क्षेत्र में खेल जैसे प्रतिभा को निखारेंगे। उन्होंने प्रयास भी किया और वह इसमें सफल हुए लेकिन जब उस लड़की का चयन स्टेट लेवल पर खेलने के किए हुआ तो उसकी फैमिली ने उसे वहां नहीं जाने दिया। लेकिन आज वहां की हालात इस कदर बदल चुकी है कि वर्तमान में ही वहां की 10 लड़कियों ने स्टेट लेबल पर अपनी पहचान बनाई है। जब उन लड़कियों ने एथलिटिक्स एवं फुटबॉल में सफलता हासिल कर गांव लौटी तो उनका स्वागत गुलाल लगाकर एवं गीत-संगीत बजाकर किया गया। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
6 फुटबॉल टीम और 4 एथलेटिक्स टीम खेली
चंद्रपाल बेनीवाल जो कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बरमसर में फिजिकल एवं खेलकूद टीचर है। उन्होंने बताया कि स्टेट लेवल पर होने वाली खेलकूद कंपटीशन में मेरे स्कूल से 17 लड़कियों ने भाग लिया। इसमें चार एथलेटिक्स एवं 6 फुटबॉल टीम थी। जब वे सफलता हासिल कर ट्रॉफी लेकर घर आई तो गांव वाले बहुत खुश हुए और उन्होंने उनका स्वागत फूल की माला पहनाकर डीजे बजा कर की। परंतु 6 साल पूर्व इस गांव का माहौल कुछ और ही था जो शायद आप नहीं जानते, वो मै आपको बताता हूं। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
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लड़कियों ने बढ़ाया अन्य लड़कियों का मनोबल
बताते हैं जब मैं यहां आया तो स्कूल में खेल का मैदान नहीं था। कोई भी लड़की खेलकूद में शामिल नहीं हुआ करती थी। स्कूल के पास एक गली थी जहां मैंने बच्चों को प्रैक्टिक कराना प्रारंभ किया। इसमें सिर्फ लड़के ही थे और लड़कियों को घर वाले खेलकूद में हिस्सा लेने से मना करते थे। फिर मैंने बहुत कोशिश की और जैसे-तैसे करके बात बनी और लड़कियां खेल में हिस्सा लेने लगी। अक्टूबर में हुई 26वीं जिला स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में मेरे स्कूल की ऋतु, निशा, पूनम, कविता, रुकमणी एवं अनसूईया नाम की छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन किया और वह ट्रॉफी लेकर लौटीं जिससे अन्य लोगों को प्रेरणा मिल रहा है। आज वो लड़कियां प्लेयर की जर्सी पहनी हुई हैं जिन्हें सलवार कमीज के अलावा कुछ और पसन्द नहीं था। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
रीतू ने बताई अपनी सफलता की राज
शिक्षक यह जानकारी देते हैं कि जब मैंने बच्चों को तैयारी के लिए गलियों में खेलना प्रारंभ किया तो वहां के एक सज्जन ने अपनी एक खाली प्लॉट दी ताकि बच्चे वहां अपनी आसानी से तैयारी कर सकें। वह बताते हैं कि मुझे इस बात की खुशी है कि आज हमारे पास 100 बच्चे प्रतियोगिता के लिए तैयारी करने आते हैं, जिसमें से 60 लड़कियां ही होती हैं। रीतु जो कि एक प्लेयर हैं वह बताती हैं कि खेल में आज हम जिस सफलता को हासिल कर पाए हैं वह हमारे सर के मार्गदर्शन से ही हुआ है। हमारे बाहर जाकर खेलने का मनोबल सर ने हीं बढ़ाया है। रीतु बताती हैं कि इस वर्ष हुए खेल आयोजन में मुझे तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है जो कि मेरे सर की बदौलत ही है। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
स्कूल की छात्रा माया ने लाया फर्स्ट रैंक
यहां सत्र 2016-17 में 22वीं जिला स्तरीय एथलीट कंपटीशन में 14 वर्ष की आयु में पहली बार गांव बरमसर के राजकीय उच्च विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और उन्होंने पहली बार ही सफलता हासिल की। इस विद्यालय की सातवीं कक्षा की छात्रा जिनका नाम माया गोदारी है उन्होंने लंबी कूद में जिला स्तर पर फर्स्ट स्थान प्राप्त किया। उसके बाद इस गांव में खेल के प्रति एक अलग जुनून कायम हुआ और फिर शुरू हुआ सफर सभी लड़कियों का खेल की तरफ। वही सत्र 2018-19 में 24वीं जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में 14 वर्ष आयु वर्ग की छात्रा नसरीना ने अव्वल नंबर से ट्रॉफी प्राप्त की। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
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लोगों ने की बहुत सारी टिप्पणियां
इसकी अतिरिक्त नसरीना ने एथलेटिक्स में हाई जम्प में फर्स्ट रैंक हासिल किया। इस सत्र में माया ने एक बार फिर हाई जम्प में दूसरा रैंक हासिल किया। लेकिन सत्र 2019-20 में यहां की लड़कियों ने खेल में अपनी प्रतियोगिता दिखाई है इसे देखकर मन प्रसन्न हो गया और उन्हें लोगों ने भव्य स्वागत भी किया। लोगों ने कहा, “म्हारी छोड़िया छोड़ों से कम है के।” -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
लड़कियों ने भी समझाया अपने परिवार को
वहां की लड़कियां यह बताती हैं कि पहले जब हम अपने घर से बाहर जाने के लिए घर वालों को कहते थे तो वह कहा करते थे कि लड़कियों का काम स्कूल जाना पढ़ाई करना और सलवार कमीज पहनना है। वह कहती हैं अगर हमें कही बाहर जाना होता तो हमें यह बोला जाता था ता कि तुम जर्सी पहनकर बाहर कैसे जाओगी?? परंतु हम उन्हें समझाते कि आजकल लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हैं वह जीत हासिल कर घर मैडल ला रही हैं और अपने परिवार को गौरवान्वित कर रही हैं। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player
इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने की है तैयारी
चंद्रपाल यह चाहते हैं कि उनके स्टूडेंट्स सिर्फ एस्टेट एवं डिस्ट्रिक्ट लेवल पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर भी अपनी पहचान बनाएं और अपनी का कला का प्रदर्शन करें। इसके लिए वह तैयारी में भी लग चुके है हमें भी उम्मीद है कि वह अपनी मेहनत के बदौलत अपने छात्रों को तैयार कर पाएंगे। -Teacher Chandrapal Benival made Barmasar village girls state level player