Sunday, December 10, 2023

केस सॉल्व करने हेतु बनीं नौकरानी, खतरों से खेली: जानिए भारत की उस महिला जासूस की कहानी

हर कोई जीवन में कामयाब होना चाहता है, जिसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहते है। अक्सर हमें ऐसा लगता है कि हम जैसे चाहेंगे हमारी ज़िंदगी वैसी हो चलेगी, लेकिन कभी-कभी किस्मत हमें हमारे मुताबिक जिंदगी गुजारने नहीं देती। अक्सर हमारे सोंच से बड़ा काम हो जाता है, जिसकी हम कल्पना तक नहीं करते और ना हीं दुनिया हमसे उसकी उम्मीद रखती है। – Rajni Pandit became the country’s first female detective at the age of 22.

देेश की पहली महिला जासूस

दरसल आज हम बात कर रहे है रजनी पंडित’ (Rajani Pandit) की, जो ‘लेडी जेम्स बॉन्ड’ (Lady James Bond) के नाम से जानी जाती है तथा वह देेश की पहली महिला जासूस (Country’s First Female Spy) है। 22 साल की उम्र में रजनी आम लड़कियों की तरह ग्रेजुएशन के पहले साल में थी और नौकरी कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं।

Story of First Indian woman detective

रजनी को शुरू से थी छानबीन में रुचि

पढाई के साथ रजनी एक ऑफ़िस में क्लर्क की नौकरी ज्वाइन कर ली। इस दौरान उनके ऑफ़िस में ही काम करने वाली एक महिला के घर पर चोरी हुई। उस महिला को शक था कि यह चोरी उसकी नई बहू ने की होगी। रजनी ऐसी चीज़ों को लेकर शुरू से बहुत जिज्ञासु रही थीं। आपको बता दें कि रजनी के पिता CID में थे इसलिए वह बचपन से हीं यह देखती आ रही थीं और उनसे वह बहुत कुछ सीख चुकी थी। उस महिला की बात सुनने के बाद रजनी ने इस केस की छानबीन करने का फैसला की।

Story of First Indian woman detective

22 साल की उम्र में सुलझाया पहला केस

अच्छी तरह छानबीन करने पर रजनी को पता चला कि चोरी उस महिला की बहू ने नहीं, बल्कि बेटे ने की थी। बाद में पूछताछ में उसके बेटे ने अपना गुनाह भी क़ुबूल कर लिया। इस तरह रजनी ने महज 22 साल की उम्र में अपना पहला केस सॉल्व किया और यहीं से उनकी जासूसी करियर की शुरूआत हुई। पहले केस के बाद रजनी पंडित की चर्चा हर तरफ होने लगी। यहां तक कि लोग उन्हें अपने मामले सॉल्व करवाने के लिए अप्रोच करने लगे थे।

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पिता ने किया आगाह

कुछ हीं समय में रजनी का नाम मीडिया में भी आने लगा। मात्र 22 साल की उम्र में रजनी देश की पहली महिला जासूस के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी थी। हालांकि अब तक इस बारे में उनके माता-पिता को कोई जानकारी नहीं थी। जब उनके पिता को यह पता चला तो वह रजनी को इस काम के ख़तरों के प्रति आगाह किया, परंतु रजनी अपनी मंज़िल चुन ली थी। – Rajni Pandit became the country’s first female detective at the age of 22.

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इस तरह सुलझाई रजनी मर्डर केस

रजनी के पास एक मर्डर केस आया था, जिसमें एक पिता और बेटे की हत्या हुई थी। जिस महिला के पति और बेटे की हत्या हुई थी, रजनी उसके घर में नौकरानी बन कर काम करने लगीं। दरअसल रजनी को उस महिला पर पहले से हीं शक था, परंतु महिला के बीमार पड़ने पर रजनी ने उसकी काफ़ी सेवा की और धीरे-धीरे रजनी ने महिला का विश्वास जीत ली मगर फिर एक दिन गड़बड़ हो गई।

6 महीने तक मुजरिम पकड़ने हेतु नौकरानी की नौकरी

एक दिन रजनी का टेप रिकॉर्डर क्लिक की आवाज़ उस महिला ने सुन लिया जिससे उन्हें रजनी पर शक हो गया और उसने रजनी का घर से बाहर आना-जाना बंद करवा दिया। 6 महीने तक नौकरानी के तौर पर काम करने के बाद एक दिन कोई शख़्स महिला से मिलने आया। यह वही आदमी था, जिसे महिला ने हत्या करने का काम दिया था। रजनी को मालूम था कि यही उनका मौक़ा है, परंतु महिला उन्हें बाहर जाने नहीं देती थी।

Story of First Indian woman detective

गिरफ्तार की दोनों हत्यारों को

उस शख्स को पकड़ने के लिए रजनी चाकू से अपना पैर काट ली। रजनी ने महिला को बताया कि उन्हें काफी चोट लगी है और डॉक्टर के पास जाकर इलाज करना होगा। ख़ून बहता देख, महिला ने भी बाहर जाने की इजाजत दे दी। रजनी तुरंत बाहर गईं और STD बूथ से अपने क्लाइंट को पुलिस लेकर आने को बोला। इस तरह उसी दिन महिला और हत्यारा दोनों गिरफ़्तार हो गए।

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फेसिस बिहाइंड फेसिस’ और ‘मायाजाल’ किताब का लेखन

उसके बाद से रजनी ने कई केस सॉल्व किया, जिसके लिए उन्होंने कई बार अपना भेष भी बदलना पड़ा। रजनी ने एक बार प्रेग्नेंट औरत बन कर तो दूसरी बार फेरीवाले का भेष बदलकर काम किया। कहते हैं कि उन्होंने 80,000 से ज़्यादा केस सॉल्व किए हैं। ‘फेसिस बिहाइंड फेसिस’ और ‘मायाजाल’ नाम से उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं। रजनी को अपने काम से इतना लगाव है कि वह अपना परिवार नहीं बसाया, क्योंकि उन्होंने अपने काम से ही शादी कर ली थी। रजनी की इस लगन से हर किसी को प्रेरणा लेना चाहिए। – Rajni Pandit became the country’s first female detective at the age of 22.