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14 वर्ष की उम्र में बना था KBC का विजेता, अब एक जाबांज IPS अधिकारी हैं: प्रेरणा

Succes Story of KBC Junior winner Ravi Mohan Saini became an IPS officer.

अधिकांश लोग एक बार सफलता हासिल होने के बाद मंजिल की तक पहुंचने का सपना छोड़ देते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो लाख सफलता मिलने के बावजूद भी अपने लक्ष्य को हर संभव हासिल करना चाहते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है रवि मोहन सैनी (IPS Ravi Mohan Saini) की, जिन्होंने KBC जूनियर में एक करोड़ रुपये की बड़ी रकम जीतने के बाद अपना लक्ष्य को नहीं छोड़ा और IPS ऑफिसर बनकर ही दम लिया।

रवि मोहन सैनी के बारें में कुछ बातें…

रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) मूल रूप से राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले (Alwar District) के रहनेवाले हैं। उनके पिता इंडियन नेवी (Indian Navy) में ऑफिसर थे और उनकी पोस्टिंग आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम में थी। ऐसे में रवि की शुरुआती शिक्षा Naval Public School से पूरी हुई। शुरु से ही पढ़ाई में काफी तेज होने की वजह से ही वह अपने एकेडमीक करियर में टॉपर भी थे।

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14 वर्ष की उम्र में 1 करोड़ रुपये जीतकर आएं सुर्खियों में

कौन बनेगा करोड़पति (KBC) एक क्विज गेम शो है, जिसमें कई लोगों ने अपनी किस्मत आजमाई और कईयों को किस्मत भी चमकी। उनमें से कई लोग गुमनाम हो चुके हैं लेकिन उन्हीं में से एक रवि सैनी ने अपनी बड़ी पहचान बना ली। महज 14 वर्ष की उम्र में साल 2001 में एक करोड़ रुपये जीतकर वे काफी सुर्खियों में आ गए थे।

रवि मोहन सैनी ने जब साल 2001 में KBC शो में हिस्सा लिया था उस समय वे दसवीं कक्षा के छात्र थे। उस समय शो को बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन होस्ट कर रहे थे। उन्होंने रवि से 15 सवाल पूछे जिसका सही-सही उत्तर देकर वह एक करोड़ रुपये की रकम अपने नाम किए।

वर्तमान में गुजरात में हैं पोस्टेड

KBC जूनियर में करोड़पति बनने के बाद वे रुके नहीं बल्कि अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल करने में जुट गए। KBC गेम शो में जीतने के बाद उन्होंने UPSC की परीक्षा पास करके गुजरात के पोरबंदर में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

पिता से मिली IPS बनने की प्रेरणा

हालांकि, उन्होंने UPSC में सफलता हासिल करने से पहले जयपुर में स्थित महात्मा गाँधी मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद इंटर्नशिप करने के दौरान ही उन्हें पता चला कि वे सिविल सर्विस में चयनित हो गए हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने नेवी ऑफिसर पिता से काफी प्रेरित थे और वही से उन्हें IPS अधिकारी बनने की प्रेरणा मिली।

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पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता

UPSC की गिनती देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में होती है और उसमें सफल होना आसान नहीं होता है। सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करने के लिए कठिन मेहनत, लगन और धैर्य की जरुरत होती है। रवि मोहन ने भी इस परीक्षा को पास करने के लिए काफी मेहनत की। उन्होंने साल 2012 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी जिसमें वे प्री तो क्लियर कर लिए लेकिन मेन्स में निराशा हाथ लगी।

तीसरे प्रयास में बने IPS अधिकारी

एक बार निराशा हाथ लगने के बाद उन्होंने साल 2013 में पुन: परीक्षा दी। इस बार भी वे इस परीक्षा में उतीर्ण तो हो गए लेकिन उन्हें अपने मन मुताबिक पोस्ट नहीं मिली। दूसरी के बार सफल होने के बाद उन्हें भारतीय डाक और दूरसंचार विभाग में अकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के लिए चयनित हुए।

यूपीएससी में एक बार सफलता मिलने के बाद भी उनका सफर नहीं रुका। उन्होंने तीसरी बार साल 2014 में फिर से सिविल सर्विस की परीक्षा दी और इस बार उनकी किस्मत पलट गई। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया 461 वां रैंक हासिल करके IPS अधिकारी के लिए चयनित हुए।

वाकई, रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) ने जिस प्रकार अपने कठिन मेहनत और धैर्य के साथ UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की उसके लिए The Logically उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं देता है।

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