Wednesday, December 13, 2023

जिस उम्र के बच्चे क्लास मोनिटर बनते हैं, मात्र 12 साल की उम्र में अद्वैत ठाकुर ने खड़ी की करोड़ों की कम्पनी

स्कूल लाइफ में हर बच्चा का सपना होता है कि वो अपने क्लास का मॉनिटर बने। लेकिन जिस बच्चे में क्लास को संभालने की क्षमता तथा प्रतिभा देखने को मिलती है उसी को क्लास मॉनिटर योग्य समझा जाता है। आज हम एक ऐसे लड़के की बात करेंगे, जो स्कूल के मॉनिटर बनने के उम्र में कंपनी का सीईओ बन गया है।

कौन है वह बच्चा?

मुम्बई के रहने वाले 9 वर्षीय अद्वैत ठाकुर (Advait Thakur) ने इतने कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम पाया है, जिसको सुन कर हर कोई हैरान हो जाता है। इस बच्चे ने इतने कम उम्र में एक कंपनी का सीईओ का पद को संभाला। अद्वैत बचपन से दूसरे बच्चे के मुकाबले पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। इन्होंने छोटी सी उम्र में ही खुद की वेबसाइट भी लॉन्च की थी। अभी ये 18 वर्ष के भी नही हुए थे तभी इन्होंने खुद की कंपनी खोल ली थी और उसी कंपनी के सीईओ के पद पर तैनात भी हो गए।

कैसे की शुरुआत

अद्वैत ठाकुर को बचपन से कंप्यूटर में ज्यादा लगाव था क्योंकि इनके पिता रविन्द्र ठाकुर एक IT इंजीनियर थे और वो अपना ज्यादातर काम घर पर करते थे। जब रविन्द्र कंप्यूटर पर कोडिंग करते थे तब अद्वैत के मन मे भी कंप्यूटर चलाने की ललक जागृत होती थी। जब इनके पिता को इनकी ललक के बारे में पता चला तो महज 6 साल की उम्र में ही उन्होंने अद्वैत को कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज की जानकारी देना शुरू कर दिया। उसी समय से अद्वैत ने कंप्यूटर से प्यार करना शुरू कर दिया। वो कीबोर्ड को एक खिलौना की तरह उपयोग करने लगा। और 9 साल की उम्र में वेबसाइट बना डाला

Advait Thakur made computer application

पिता के मदद से किया 9 साल में वेबसाइट का निर्माण

महज 6 साल की उम्र में अद्वैत ने खिलौना से खेलना छोड़ कंप्यूटर के कीबोर्ड तथा माउस से खेलना शुरू कर दिया। जब वह 9 साल के हुए तो उनको इंटरनेट की भी अच्छी-खासी नॉलेज हो गई। इतने कम उम्र में इन्होंने वेबसाइट बनाने का फैसला लिया। और अपने पापा के मदद से इंटरनेट सल्यूशन देने वाली वेबसाइट का निर्माण किया।

इंटरनेट सल्यूशन देने वाली वेबसाइट हुई फेमस

अद्वैत के द्वारा बनाया गया वेबसाइट इंटरनेट सल्यूशन इतनी फेमस हुई की, अद्वैत को अपना बिज़नेस स्टार्ट करने में ज्यादा समय नही लगा। उनकी किस्मत ने अचानक से करवट ले ली। ऑनलाइन क्लास कर कोड बनाना सीखा और उसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि अपनी बिज़नेस को बहुत आगे तक ले जाना है।

ऑनलाइन क्लास कर सीखी प्रोग्रामिंग

अद्वैत ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि, कोड सीखने के बाद उन्होंने ऑनलाइन क्लास कर प्रोग्रामिंग भी सीखी। उसके बाद उन्हें अपनी वेबसाइट के जरिये दो क्लाइंट मिले। उनका पहले क्लाइंट संतोष हवारे दिव्यांक सेंटर तथा दूसरा ब्यूटीफुल टॉमारो फाउंडेशन था, जो एनजीओ के तौर पर काम करते थे। अद्वैत ने दोनों क्लाइंटो के लिए फ्री में डिजिटल मार्केटिंग का काम किया, जिसको काफी पसंद किया गया। स्कूली शिक्षा के साथ-साथ इन्होंने प्रोग्रामिंग की भी खूब तैयारी की। प्रोग्रामिंग किताबों से उन्होंने जमकर ज्ञान बंटोरा। उस ज्ञान को उन्होंने वेबसाइट तथा App बनाने में खर्च किया। आज वो वेबसाइट के सीईओ बन गए है तथा अब उनको मार्केटिंग का काम मिलता है।

यह भी पढ़ें :- अपने शौक को बना दिया प्रोफेशन, मानस्वी आज खुद की ब्रांड बनाकर अनेकों लोगों को नौकरी देने के साथ ही अच्छा पैसा कमाती हैं

मार्केटिंग का सफर नही था आसान

अद्वैत के सामने अपने कंपनी को बाजार में स्थापित करने की चुनौती थी। कोई ये नहीं समझ पा रहा था कि आखिर मार्केटिंग के क्षेत्र में एक बच्चा क्या कर सकता है। लेकिन अद्वैत इन सब बातों को हमेशा से नजरअंदाज करता था। अब तक वे फ्री सेवाएं दे रहे थे पर जब एक विदेशी फाइनेंस कंपनी के लिए उन्होंने वेब पोर्टल तैयार किया और बदले में 400 डॉलर की कमाई हुई तब अद्वैत असल मायने में बिजनेस मैन कहलाये, अपनी पहली कमाई से अद्वैत का आत्मविश्वास बढ़ा।

महज 12 साल के उम्र में बने कंपनी के सीईओ

डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र अद्वैत ने एपेक्स इंफोसिस इंडिया के नाम से अपनी खुद की कंपनी शुरू की। जब अद्वैत अपनी कंपनी के सीईओ बने तब उनकी उम्र महज 12 साल थी। यह एक मान्यता प्राप्त डोमेन नाम रजिस्ट्रार और एक संगठन बना है, जो लोगों को डिजिटल सल्यूशन देने का काम कर रहा है। इसके बाद अद्वैत ने Google के AI और क्लाउड प्लेटफॉर्म के साथ काम करना शुरू किया। यह उनका सबसे बड़ा कॉन्टैक्ट था और इसी के दम पर भारत में अद्वैत की कंपनी को प्रतिष्ठित बना दिया। इसके साथ ही वे एक भारतीय कंप्यूटर प्रोग्रामर और टीनेज इंटरनेट उद्यमी बन गए।

Advait Thakur made computer application

पिता के साथ से भरी ऊंची उड़ान

अद्वैत के पिता हमेशा से उनका मनोबल बढ़ाया करते थे। अपने सफलता के बारे मे बात करते हुए अद्वैत कहते हैं कि ये बस शुरुआत है और वे अपनी कंपनी को दुनिया की लीडिंग कंपनीज में शामिल करना चाहते हैं। अद्वैत को ये प्रेरणा मार्क जुकरबर्ग से मिली है। एपेक्स इंफोसिस घरों और व्यवसायों के लिए स्वचालन और नेटवर्किंग सिस्टम की एक अग्रणी प्रदाता कंपनी बना दी गई है। जो प्रकाश, ऑडियो, वीडियो, जलवायु नियंत्रण, इंटरकॉम और सुरक्षा सहित जुड़े उपकरणों को नियंत्रित करती है। कुल मिलकार अगर किसी को किसी भी तरह का डिजिटल समाधान चाहिए तो वो सब यहां मिलेगा।

कई सारे एप बनाया

वेबसाइट बनने और कंपनी की स्थापना के बाद अद्वैत ने “टेक्नोलॉजी क्विज़” नाम से एक एप भी तैयार किया है। जो कि बच्चों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में सभी जरुरी जानकारियां देता है। इस एप की लॉचिंग के दौरान अद्वैत ने कहा था कि, मैं अकेला नहीं हूं, हमारे देश में इससे भी कहीं ज्यादा प्रतिभावान बच्चे हैं जिनकी प्रतिभा को उभारने के लिए इस एप को तैयार किया गया। Google सहायक के लिए “ऑटिज़्म अवेयरनेस” नाम का भी एक एप तैयार किया है, जो लोगों को ऑटिज़्म और संबंधित विकारों और उनके लक्षणों के बारे में जानकारी देता है।

यंग एंटरप्रेन्योर आॅफ इंडिया

अद्वैत ने 12 साल के उम्र में अपने कामयाबी का कमाल कर दिखाया है। ये ऐसा उम्र है जब बच्चे ये सोचते हैं कि 10वीं के बाद कौन सा विषय लिया जाए। स्टार्टअप इंडिया के ‘टॉप 10 यंग एंटरप्रेन्योर इन इंडिया 2018’ में अद्वैत अपनी जगह बना चुके हैं। जूम, सीएमओ एशिया और वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मार्केटिंग प्रोफेशनल्स ने ग्लोबल यूथ मार्केटिंग फोरम के जरिए साल 2019 में सबसे प्रभावशाली यंग मार्केटिंग प्रोफेशनल से भी नवाज जा चुका है। अद्वैत विकिया की यंग आंत्रप्रेन्योर अंडर 20 की 2017 की लिस्ट में चौथे स्थान पर रह चुके हैं।