अधिकांश लड़कियों का सपना ऊंची उड़ाने भरने का होता है। अपनी ज़िंदगी में आए हर लम्हे को खुलकर जीने का होता है, ताकि वे अन्य महिलाओं के लिए उदाहरण बन सकें लेकिन अक्सर लड़कियों को शादी के बंधन में बंध जाने के उपरांत अपने सपनों को दबाए रखना पड़ता है।
इस लेख के माध्यम से आप एक ऐसी महिला से रूबरू होंगे, जिन्होंने शादी के बाद अपने गृहस्थ जीवन और व्यस्त दिनचर्या के बीच भी अपने अभ्यास को जारी रखा और अपने सपने को पूरा किया।
BPSC में सफलता पाने वाली 41 वर्षीय सुनीता कुमारी
41 वर्षीय सुनीता कुमारी (Sunita Kumari) बोकारो (Bokaro) से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपने बचपन के सपनों को साकार करने के लिए अभ्यास जारी रखा और उसे पूरा किया। बीपीएससी (BPSC) परीक्षा में सफलता हासिल करने और अपने सपनों को साकार करने के उपरांत वह सभी के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है। सुनीता की शादी को 19 वर्ष हो चुका है और आज वह बीपीएससी (BPSC) परीक्षा में 1267वां रैंक प्राप्त कर सफल हुई हैं। इस सफलता को हासिल करने के बाद वह रेवेन्यू ऑफिसर पोस्ट के लिए तैनात होंगी।
शादी के बाद किया ग्रेजुएशन पूरा
सुनीता ने यह जानकारी दिया कि उन्होंने वर्ष 1998 में 12वीं की परीक्षा पास किया था और यह सपना संजोया था कि वह एक अधिकारी बनकर समाज सेवा करेंगी। इसी बीच वर्ष 2002 में उनकी शादी हुई और वह अपने गृहस्थ जीवन में व्यस्त हो गईं। उसके बाद सुनीता को मातृत्व सुख मिला। उनके बेटी का नाम खुशी भारती और बेटे का नाम रूपेश है। अपने बच्चों की देखरेख के साथ उन्होंने घर-परिवार को भी सम्भाला। सारी जिम्मेदारियों को निभाते देख उनके घर वाले उनपर बहुत प्रसन्न थे और उनकी सास और पति ने उन्हें आगे पढ़ाई करने के लिए कहा। अब उन्होंने पढ़ाई शुरू किया और वर्ष 2011 में ग्रेजुएशन को पूरा किया।
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शुरू हुई बीपीएससी (BPSC) की तैयारी
जब सुनीता ने ग्रेजुएशन पूरा कर लिया तो उन्हें महसूस हुआ कि अब वे कम्पटीशन की तैयारी भी कर लेंगी। उन्होंने जिम्मेदारी को निभाने हुए व्यस्त दिनचर्या से वक़्त निकालकर पढ़ाई प्रारंभ किया। सारे काम निपटाने के बाद वह दिन 7 घण्टे का वक़्त अपनी पढ़ाई पर दिया करती थी।
बच्चों ने भी बढ़ाया मनोबल
उनकी बेटी खुशी अभी इंटरमीडिएट की छात्रा है। वही बेटे रूपेश 9वीं का छात्र है। उनके बच्चों ने भी उनका काफी मनोबल बढ़ाया और आज अपनी मेहनत के बदौलत सफलता हासिल कर चुकी है। अब सुनीता के बच्चे भी अपनी मां की तरह पढ़कर अफसर बनना चाहते हैं। सुनीता को उनकी परिश्रम के बदौलत मिली सफलता के लिए उनके क्षेत्र के अध्यक्ष, महासचिव ने उन्हें सम्मानित किया है। हालांकि अभी मिले अपने इस सफलता से बकौल सुनीता सन्तुष्ट नहीं है और उन्होंने प्रयास जारी रखा है। वह एक बार फिर अगला बीपीएससी परीक्षा क्लियर कर अच्छे परिणाम की उम्मीद में लग चुकी हैं।
गृहस्थ जीवन के कामकाज से वक़्त निकालकर अपने सपनों को साकार करने के लिए The Logically सुनीता कुमारी (Sunita Kumari) को बधाई देता है और उम्मीद करता है कि उनसे सभी महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी और वे भी अपने सपने पूरा करेंगी।