इस वर्ष ओलंपिक खेलों का आयोजन जापान के टोक्यो में किया जा रहा है। 24 जुलाई से शुरु हो रहा खेलों का यह महाकुम्भ 9 अगस्त तक चलेगा। इस वर्ष होने वाले टोक्यो ओलंपिक में रेसवाकिंग में भावना जाट (Bhawana Jaat) भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं।
भावना जाट (Bhawana Jaat) ने अपने इस मुकाम को हासिल करने के लिये तमाम चुनौतियों का सामना किया है। उनके स्पोर्ट्स में करियर बनाने के निर्णय के पीछे एक बहुत ही प्रेरणादायक कहानी है।
रेस वॉकर के करियर की शुरुआत
एक बार भावना (Bhawana Jaat) जिला स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेने पहुंची थी। वहां पर सिर्फ रेस वाकिंग में हिस्सा लेने के लिये ही स्थान बचा था, जिसमें भावना ने भाग लिया। इस तरह उनके रेस वॉकिंग करियर की शुरुआत हुई। भावना खेल की दुनिया में कुछ बड़ा करना चाहती थी। उन्होंने वर्ष 2009 में एक राष्ट्रिय स्तर के स्कूल स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में भाग लेने का निर्णय लिया।
भावना जाट (Bhawana Jaat) के करियर की शुरुआती बाधा
भावना राजस्थान (Rajasthan) के काबरा गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता शंकर लाल जाट एक गरीब किसान थे। वहीं माता नोसार देवी एक गृहिणी थी। भावना का परिवार आमदनी के लिये सिर्फ 2 एकड़ भूमि पर होने वाली खेती पर निर्भर था। ऐसे में शंकर लाल को अपने बेटी की ट्रेनिंग सम्बंधी जरूरतों को पुरा करना बेहद कठिन कार्य था। इसके अलावा जीवन की मुलभुत सुविधाओं का अभाव भी एक बड़ी चुनौती थी, इसमें रेस वॉकिंग के अभ्यास के लिये मैदान की सुविधा भी शामिल थी।
भावना ने बताया कि समाज के दबाव के बावजूद भी उनका परिवार उनके पीछे मजबूती से खड़ा रहा। उनके बड़े भाई ने कॉलेज छोड़कर नौकरी करनी शुरु कर दी, जिससे वह भावना को रेस वॉकिंग में करियर बनाने में सहायता कर सके।
बनाया नया रिकॉर्ड
वर्ष 2019 में ऑल इंडिया रेलवे प्रतियोगिता में भावना ने 20 किलोमीटर की वाकिंग में गोल्ड मेडल जीता था। 20 किलोमीटर की इस दूरी को भावना ने एक घंटे, 36 मिनट और 17 सेकंड में पुरे किए थे। उन्होंने कहा कि इस सफलता ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और ओलंपिक के लिये प्रयास करने की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद किया। इसके अलावा भावना ने वर्ष 2020 में रांची में हुए नेशनल चैम्पियनशिप में नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 20 किलोमीटर की दूरी 1 घंटे, 29 मिनट और 54 सेकंड में पूरा किया। इस बेहतरीन प्रदर्शन के कारण वे टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) के लिये भी क्वालिफाई की।
भावना को अपने करियर में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वह भारत में महिला एथलीटों के लिये कोई असमान्य बात नहीं है। वह कहती हैं कि भारतीय महिला एथलीटों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक अवसर मुहैया कराने की आवश्यकता है, जिससे उन्हें अपनी तकनीक और प्रदर्शन में सुधार करने में सहायता मिले।
उम्मीद से भरी हुई हैं
ओलंपिक (Olympic) में भाग लेना भावना के लिये एक नई चुनौती है, पर वह भारत के लिये गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद से भरी हुई हैं। उनकी इस उम्मीद का कारन पिछ्ले वर्ष ओलंपिक में 20 किमी की रेस वॉक में लगा समय है। भावना ने आर्थिक तंगी और पड़ोसियों के ताने जैसी कई अन्य समस्याओं का सामना करने के बाद अपनी सफलता की कहानी लिखी हैं। वे शुरु से ही एक दृढ़ इच्छा-शक्ति वाली खिलाड़ी रही हैं।
The Logically भावना जाट (Bhawana Jaat) को अपने बेहतर प्रदर्शन और ओलम्पिक में अपने देश के लिये गोल्ड मेडल जीतने के लिये शुभकामनाएं देता है।