Wednesday, December 13, 2023

पिता करते थे मोची का काम, पेट पालने के लिए खुद बेचने पड़े थे अंडे: आज मेहनत कर बने अफसर

दुनिया में कुछ लोग ऐसी विकट परिस्थितियों से निकलकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं कि उनकी कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाती है।

आज की कहानी बिहार के रहने वाले बीरेंद्र की है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए अपने मुकाम को हासिल किया है।

बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले बीरेंद्र (Birendra) ने विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास कर 2,232 रैंक हासिल किया है। बीरेंद्र को ब्लॉक सप्लाई ऑफिसर (Block Supply Officer) के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

मोची का काम करते थे पिता

बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले बीरेंद्र के पिता जी मोची का काम करते थे। साल 2012 में उनके पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके घर की सारी जिम्मेदारी उनके बड़े भाई जितेंद्र ने संभाली और बीरेंद्र की पढ़ाई-लिखाई पर भी कोई आंच नहीं आने दी।

Success story of Birendra from Bihar who clears BPSC exam

5 सालों तक बेचने पड़े थे अंडे

बीरेंद्र ने बताया कि उन्हें 5 सालों तक अंडे बेचने पड़े थे। उन्होंने वर्ष 2012 से अंडे बेचने का कार्य शुरू किया था। उन्होंने बताया कि उनके भाई का काम बंद होने के कारण उनकी घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के साथ ही इनके पढ़ाई में भी परेशानी होने लगी, जिसके कारण उन्होंने अंडे बेचने का कार्य शुरू किया। जब तक उनके भाई का काम शुरु नहीं हुआ तब तक वह अंडे बेचने का कार्य करते रहे।

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राजीव सर बने मार्गदर्शन

बीरेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय राजीव सर को देते हुए कहा कि राजीव सर के मार्गदर्शन से ही उन्होंने इंटरनेट की मदद से परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की और फर्स्ट अटेम्प्ट में सफलता हासिल की है।

Success story of Birendra from Bihar who clears BPSC exam

कुछ दिनों बाद मां को भी खो दिया

बीरेंद्र ने इसी वर्ष जनवरी में अपने मां को भी खो दिया है। उन्होंने बताया कि उनकी मां उन्हें ऑफिसर बनते नहीं देख सकी, जिसके कारण वह बहुत दुखी है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में सरकारी नौकरी पाने और एक अफसर बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। वह कहते हैं कि उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ी को अपने जीवन में आगे बढ़ने लिए प्रेरित करेगी।

अब करेंगे UPSC की तैयारी

बीरेंद्र ने अपनी पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से की है और ग्रेजुएशन औरंगाबाद के दाउदनगर कॉलेज से किया है। उन्होंने अपनी कमजोरियों को दरकिनार करते हुए हजारों परीक्षार्थियों के बीच खड़ा होने का हिम्मत जुटाया और BPSC की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। अब आगे वह यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करने को सोच रहे हैं।

बीरेंद्र की सफलता के लिए हम उन्हे तहे दिल से बधाई देते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह और आगे बढ़ें।