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छोटे से गांव से निकलकर विदेश पहुंची इल्मा, देशप्रेम ने वापस खींचा और बनी आईपीएस अफसर

14 साल की उम्र में पिता को खोने वाली इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) युपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास कर हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस (IPS) बनी हैं। इल्मा के पिता की मृत्यु कैंसर से हो गई थी। पिता की मौत के बाद इल्मा और उनके 12 साल के भाई की पूरे जिम्मेदारी उनकी मां पर आ गई थी। इल्मा की मां खेती कर अपने बच्चों का पेट पालती थीं। -IPS Ilma Afroz.

Success story of IPS Ilma Afroz

खेत में काम करने के दौरान भी नहीं छोड़ी पढ़ाई

इल्मा बचपन से ही मां के साथ खेत के काम करती थीं। ऐसी परिस्थिति में भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। इल्मा ने मुरादाबाद से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली (Delhi) के सेंट स्टीफंस में एडमिशन लिया और वहीं से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन की डिग्री भी ली। इल्मा बताती हैं कि सेंट स्टीफेन्स में बिताए साल बहुत अच्छे थे, क्योंकि इस दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला था।

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विदेश पढ़ने जाने के लिए नहीं थे टिकट के पैसे

इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) की कड़ी मेहनत से उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप मिल गई और वही से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी प्राप्त की। इल्मा के इस कामयाबी के बाद भी उनके गांव वाले खुश नहीं हुए बल्कि उनकी मां से कहते थे कि आपकी लड़की हाथ से निकल गई है और अब वह वापस नहीं आएगी। एक इंटरव्यू के दौरान इल्मा बताती हैं कि उन्हें विदेश में पढ़ने और रहने का खर्च स्कॉलरशिप से मिलने वाला था, लेकिन उनके पास विदेश जाने के लिए टिकट के पैसे ही नहीं थे। -IPS Ilma Afroz

यूके में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर चलाती थी अपना खर्च

विदेश पढ़ने जाने के लिए इल्मा ने गांव के रहने वाले चौधरी दादा से मदद मांगी। उन्होंने इल्मा की मदद की और वह यूके (UK) चली गई। इस दौरान इल्मा अपना खर्च निकलने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। इसके अलावा छोटे बच्चों की देखभाल का काम भी करती थीं। इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) न्यूयॉर्क के एक वॉलेंटियर प्रोग्राम में गईं, जहां उन्हें Financial Estate कंपनी में एक नौकरी का ऑफर मिला।

विदेश की नौकरी छोड़ बनी आईपीएस

इल्मा के आगे एक अच्छा मौका था। वह चाहती तो ऑफर ले लेती और विदेश में ही बस जातीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इल्मा को लगता था कि अपनों को छोड़कर मैं क्यों किसी और देश में बसूं? एक इंटरव्यू के दौरान इल्मा ने बताया था कि मुझ पर और मेरी शिक्षा पर पहले मेरे देश का और मेरी अम्मी का हक है। न्यूयॉर्क से वापस आकर इल्मा युपीएससी (UPSC) की तैयारियों में जुट गई। साल 2017 में इल्मा ने 217वीं रैंक के साथ युपीएससी की परीक्षा पास कर लिया। 26 साल की इल्मा वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कैडर में बतौर आईपीएस (IPS) देश की सेवा कर रही हैं। – Success story of IPS Ilma Afroz

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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