Wednesday, December 13, 2023

दिव्यांग होने के बावजूद भी नहीं रुके ‘सुहास’ के कदम, बैडमिंटन खेल में टोक्यो ओलंपिक में जीता गोल्ड

हम अक्सर अपनी असफलताओं का दोष किस्मत को देते हैं, तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपनी कमी को अपनी ताकत में बदल कर सफलता प्राप्त करते है।

ऐसे ही लोग आगे चलकर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी सुहास लालिनाकेरे यतिराजी (Suhas Lalinakere Yathiraji) की है, जो दिव्यांग होने के बावजूद भी कभी रुके नहीं सदेव आगे बढ़े।

यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनी। – Success story of Suhas Lalinakere Yathiraji becoming IAS who later won gold medal in badminton

Success story of Suhas Lalinakere Yathiraji becoming IAS who later won gold medal in badminton.

टोक्यो पैरालंपिक में बनाए अपनी जगह

वर्तमान में सुहास नोएडा के जिला अधिकारी का पद संभाल रहे हैं। इसके अलावा वह देश के पहले ऐसे आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में अपनी जगह बनाई है।

कर्नाटक (Karnataka) के शिगोमा के साधारण से परिवार में जन्मे सुहास बचपन से ही दिव्यांग हैं। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, जिसकी वजह से सुहास का पढ़ाई अलग-अलग शहरों से हुआ।

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इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बावजूद भी संतुष्ट नहीं थे

सुहास के परिवार वाले चाहते थे कि वे बड़े होकर एक डॉक्टर बने लेकिन सुहास इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहता थे। उनके इस फैसले में उनके परिवार वालों ने उनका पुरा साथ दिया।

सुहास के कठिन परिश्रम से साल 2004 में वे कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री ले लिए, लेकिन उसके बावजूद भी वे संतुष्ट नहीं थे। – Success story of Suhas Lalinakere Yathiraji becoming IAS who later won gold medal in badminton

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पढ़ाई के साथ ही था बैडमिंटन खेलने का शौक

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुहास का झुकाव भारतीय प्रशासनिक सेवा की तरफ हुआ। वे यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दिए और साल 2007 में उन्हे यह सफलता मिल गई।

सुहास लालिनाकेरे यतिराजी (Suhas Lalinakere Yathiraji) को शुरू से ही पढ़ाई के साथ-साथ बैडमिंटन खेलने का काफी शौक था। आगे चल कर वे अपने इस शौक को अपना जुनून बना लिया।

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देश के लिए लाए गोल्ड मेडल

अच्छे अभ्यास के साथ साल 2016 में सुहास इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया। पहले मैच में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ। सुहास निरंतर अभ्यास करते रहे, जिससे वह देश विदेश के कई मैच में गोल्ड मेडल हासिल किया।

पूरे देश को सुहास से यह उम्मीद है कि इस साल भी वह देश के लिए पदक ले आएंगे।- Success story of Suhas Lalinakere Yathiraji becoming IAS who later won gold medal in badminton.