हमारे समाज में अभी भी बेटियों के लिए बहुत रोक टोक है। 21 वीं सदी के इस आधुनिक युग में कुछ पढ़े-लिखे लोग भी बेटियों को पेट में मारने की बात करतें हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अभी भी बेटियों को उनके जन्म से पहले ही मार दिया जा जाता है। बेटियों को बचाने के लिये सरकार कई तरह के जागरुकता अभियान चलाती है। समाज में सभी को अच्छी बहू और पत्नी चाहिए। लेकिन यह भूल जाते हैं लोग कि यदि बेटियों का जन्म ही नहीं होगा तो पत्नी और बहू कहा से आएगी।
देखा जाये तो हमारे समाज में जिसकी एक से अधिक बेटियां हैं, उसे एक अलग ही नजरिये से देखा जाता है। बेटियों को लोग बोझ समझते हैं। इस वजह से लोग लड़कियों को इस दुनिया में आने से पहले ही दुनिया से विदा कर देते हैं। कई लोग भ्रूण के लिंग की जांच कराते हैं और बेटी का पता लगने पर अबोर्शन की सलाह देते हैं। हमारे समाज यह भी कहा जाता है कि जो बेटे कर सकतें हैं वो बेटियां नहीं कर सकती। परंतु यदि बेटियों को भी बेटे जैसे परवरिश मिले तो वह भी बेटे जैसा या उससे अच्छा कार्य कर सकती हैं और अपने माता-पिता के साथ अपने क्षेत्र का नाम भी रोशन कर सकती हैं।
आज की कहानी ऐसे ही 3 बेटियों की हैं। इनके पिता को लोगों ने अबोर्शन करने की सलाह दी लेकिन पिता ने किसी की नहीं सुनी। आज ये तीनों बेटियां IAS बनकर अपने पिता और क्षेत्र का नाम रोशन की हैं। इसके साथ ही लोगों की अपनी संकुचित सोच को भी बदलने के लिये मजबुर कर दिया हैं जो बेटियों को कमतर आंकते हैं।
आइये जानते हैं इन 3 बेटियों के सफलता की कहानी
चंद्रसेन सागर बरेली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख है। उनकी 3 बेटियां अर्जित, अर्पित और आकृत तीनों IAS हैं। उनकी पत्नी का नाम मीना सागर है। चंद्रसेन सागर के भाई सियाराम सागर भी 5 बार विधायक रह चुके हैं। इसके साथ ही चंद्रसेन सागर 10 वर्ष तक ब्लॉक प्रमुख भी रहें है। चंद्रसेन सागर का कहना है कि राजनीति में होने के बावजूद भी उनका प्रयास रहता है कि कभी किसी का बुरा नहीं हो। अच्छे कर्म का फल हमेशा अच्छा होता है। इसलिए शायद उनकी अच्छाई का फल उनकी बेटियों को मिलता है। चंद्रसेन सागर की तीनों बेटियों अर्जित, अर्पित और आकृत की पढ़ाई की चिंता सबसे अधिक उनकी माता मीना सागर हो होती है। तीनों बेटियों की मां मीना सागर उनकी इम्तिहान के दौरान उनके साथ रहती है ताकी किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े और पढ़ाई में रुकावट पैदा न हो।
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मीना सागर अपनी सभी बेटियों का ख़्याल बहुत अच्छे से रखती हैं। वह बेटियों के साथ ही रहती है। बेटियों को IAS बनाने में उनकी मां मीना सागर की बहुत बड़ी भुमिका है। बेटियों के पिता चंद्रसेन सागर बरेली में अकेले रहते हैं और वहीं से अपनी बेटियों की हौसला अफजाई करते हैं।
चंद्रसेन सागर ने कभी भी अपनी बेटियों पर सपनों के बोझ को नहीं डाला। उन्होंने कभी भी अपनी इच्छा को उनके ऊपर नहीं थोपा। बेटियों को जिस क्षेत्र में जाने का मन था उस क्षेत्र में चंद्रसेन ने उनका साथ दिया। यहां तक की चंद्र सेन ने अपनी 2 बेटियां जो फैशन डिजाइनिंग की उनकी भी उन्होंने नहीं कहा कि वे सिविल सर्विसेज की तैयारी करे और उसमें अपना भविष्य बनाये। उन्होंने बताया, “बेटियां जो बनना चाहती थी, वहीं बनी। उनके सपनों को पूरा करने में मैने उनका साथ दिया।”
Young IAS officer (2015), Arpit Sagar, ensuring compliance with the law of the land. @IASatWork @IASassociation @pkumarias https://t.co/VVssvSEyLb
— Gujarat IAS Assoc (@IASGujarat) February 21, 2018
चंद्रसेन सागर ने भावुक होते हुए बताया, “समाज में वास्तव में बेटियों को लेकर सोच अच्छी नहीं रही। जब लगातार बेटियां हुईं तो कुछ लोग अल्ट्रासाउंड का सुझाव देकर कहने लगे कि अबोर्शन करा दो, नहीं तो झेल नहीं पाओगे। पहले के समय में अल्ट्रासाउंड कराने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं था। परंतु हम किसी के भी झांसे में नहीं आये। हम दोंनो पति और पत्नी ने विचार किया कि बेटा हो या बेटी क्या अन्तर है।”
इसके अलावा वे यह भी कहते हैं, “यह सब इश्वर की देन है। आज हमें हमारे फैसले पर बहुत नाज है। लोग जिन बेटियों के अबोर्शन का सुझाव दे रहें थे, उन्हीं बेटियों ने मेरे अधुरे सपने को सच कर दिखाया है। जिससे हमारा सर फक्र से ऊंचा हो गया है। एक पिता के लिये इससे बड़ी कामयाबी और खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती है। आज ब्यूरोक्रेसी हो या फैशन डिजाईनिंग, पांचो बेटियां कामयाबी का परचम लहरा रही हैं।”
चंद्रसेन सागर की पहचान एक नेता से ना होकर बल्कि 3 IAS बेटियों के पिता के रूप में हुईं है। बरेली में आज उनके बारें में पूछने पर लोग कहेंगे वही न जिसकी 3 बेटियां IAS ऑफिसर हैं। सच में एक पिता के लिये यह बहुत गर्व की बात है।
The Logically चंद्रसेन सागर की तीनों बेटियों को सफलता का परचम लहराने के लिये बधाई देता है। इसी के साथ चंद्रसेन सागर को भी लोगों की बात न मानने और बेटियों को बचाने और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के लिये धन्यवाद देता है।