शुगर या मधुमेह की समस्या अब बेहद आम हो गई है। बढ़ती उम्र के साथ यह बीमारी लोगों में देखने को मिलती है। बार – बार पेशाब आना, थकान, भूख में वृद्धि और प्यास लगना इसके लक्षण हैं। समय रहते अगर उसका उचित इलाज न किया जाए तो मरीज को दवा और इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि शुगर के मरीज प्राकृतिक तरीकों से अपने रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम रख सकते हैं। इस कारण पिछले कुछ समय से ‘इन्सुलिन’ नामक पौधे की काफी चर्चा हो रही है और इस पौधे को लगाने के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है, इस लेख में पढ़ें इन्सुलिन पौधे से जुड़ी जानकारीयां।
How to grow insulin plant at home
क्या आप इंसुलिन के पौधे के बारे में जानते हैं?
इन्सुलिन को स्पाइरल फ्लैग के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे का नाम इन्सुलिन इसलिए है , क्योंकि इसकी पत्तियों को चबाने से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम होती है। इस कारण यह शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है। Herbal insulin plants for diabetes patients
अन्य पौधों से अलग है इंसुलिन पौधे की देखभाल
यह सख्त पौधा है, इसलिए इसे जरूरत के हिसाब से पानी देना चाहिए। इस पौधे को बहुत ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती है। बारिश का मौसम किसी भी पौधे को लगाने का उत्तम समय है। अगर आस-पास कोई कटिंग नहीं मिल रही है, तो आप नर्सरी से भी पौधा खरीद सकते हैं। How to take care of insulin plant
इंसुलिन पौधा लगाने का सही तरीका
सबसे पहले मध्यम आकार का गमला लें।
कटिंग लेते समय ऐसी टहनी का चुनाव करें, जो कि बहुत ज्यादा सख्त न हो और न ही बहुत ज्यादा कच्ची हो।
कटिंग लेते समय टहनी को तिरछा काटें।
इसके बाद नीचे की तरफ की सभी पत्तियां हटा दें।
अब पॉटिंग मिक्स के लिए आधी मिट्टी और आधी खाद लें।
पॉटिंग मिक्स को गमले में भर दें।
इसमें कटिंग लगा दें।
फिर ऊपर से पानी लगाएं।
पौधे को सीधी धूप नहीं लगनी चाहिए।
नियमित तौर पर पानी दें।
जब 2 से 3 हफ्तों में कटिंग विकसित होने लगे, तब इसे धूप में रखें।
कुछ ही महीनों में पौधा बढ़ने लगेगा।
इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है।
आप महीने में एक बार जैविक खाद का प्रयोग कर सकते हैं।