Wednesday, December 13, 2023

ट्रांसजेंडर राजकुमारी: ख़ुद माँ नही बन पाई लेकिन 8 बच्चों को गोद ले लिया, अपनी 75% कमाई दूसरों पर खर्च कर देती हैं

प्रकृति ने इस धरती पर कई प्रकार के जीव जंतु और प्राणी बनाए हैं। कुछ ऐसे जीव है जो पानी में रहते हैं, कुछ जमीन पर, कुछ आकाश में उड़ते हैं, तो कुछ मिट्टी के अंदर रहते हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। मनुष्य का विकास समाज में रहकर ही होता है। अगर उसे एक बंद कमरे में रख दिया जाए तो वह कुछ भी नहीं सीख सकता।

मनुष्य में तीन प्रकार के लिंग है:- स्त्री लिंग ,पुंलिङ्ग और उभ्यलिंग। हमारा समाज किन्नरों को बहुत अपमानित करता है। इनकी समाज में कोई कदर नहीं करता। किन्नर शादी-ब्याह, गाड़ी, ट्रेन और बस स्टेशन में लोगों का मनोरंजन कर अपना गुजारा करते हैं। समाज तो दूर इन्हें इनके घरवाले भी नही अपनाते हैं। इन्हें कोई स्नेह नहीं देता है।

आज की हमारी यह कहानी किन्नर राजकुमारी की है जिन्होंने अपने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। वह अनाथ बच्चों की मां बनी है। ट्रांसजेन्डर हैं। समाज ने इन्हें ख़ुद से अलग कर दिया है। इसके बावजूद भी अपनी 75% कमाई समाज के जरूरतमंद व्यक्तियों में डोनेट करती हैं। इस कोरोना महामारी में भी वह लोगों की मदद करने में लगी हैं।

आइये पढ़ते हैं, अनाथ बच्चों की मां राजकुमारी के बारे में

ट्रांसजेन्डर राजकुमारी (Rajkumari) Bokaro के Ritudih की निवासी हैं। जैसा कि हम सब यह जानते हैं कि किन्नरों का काम लोगों के घर जाकर खुशियों में नाचना गाना और अपना पैसे कमाना होता है। वैसा ही कार्य राजकुमारी भी करती है। बस इनमें एक थोड़ा सा फर्क है कि यह पैसे अपने लिए नहीं कमाती हैं बल्कि जरूरतमंद लोगों के मदद के लिए कमाती हैं। यह अपने कमाई का 75 परसेंट लोगों की मदद के लिए खर्च करती हैं।

ट्रांसजेंडर होने के बाद भी 1 या 2 नहीं बल्कि 8 बच्चों की है मां

इस बात से हम भली-भांति परिचित है कि ट्रांसजेंडर का न कोई संतान होता है न ही कोई परिवार। लेकिन ट्रांसजेंडर होने के बावजूद भी राजकुमारी 1 बच्चे की नहीं बल्कि 8 बच्चों की मां है। जन्म देने से बड़ा हक, पालन पोषण करने वाले को दिया गया है। इन्होंने इन बच्चों को जन्म तो नहीं दिया लेकिन इनकी मां होने में उन्होंने कोई भी कोई भी कसर नहीं छोड़ी है।

10 वर्ष की उम्र में पिता ने निकाला घर से बाहर

सभी परिवार वाले की कामना होती है कि उसके घर में लड़का या लड़की किसी का भी जन्म हो पर उसका बच्चा स्वस्थ और रुपमान हो। जब राजकुमारी का जन्म हुआ तब यह अपने परिवार के साथ रहती थी। लेकिन 10 वर्ष पश्चात इनके पिता ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। यह एक ट्रांसजेंडर थी। इस वजह से इन्हें पिता ने इन्हें घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उस दिन के बाद यह अपनी जिंदगी कैसे व्यतीत कर रहीं हैं, यह जानने के लिए इनके परिवार से किसी ने कोशिश भी नहीं की।

अपने 8 बच्चों में से 5 लड़कियों की शादी अच्छे घरों में करा चुकी हैं

राजकुमारी का हौसला बुलंद था। उन्होंने खुद को उस परिस्थिति में ढाल दिया जहां उन्हें रहना था। फिर उन्होंने निश्चय किया कि बेसहाय और बेबस बच्चों के साथ कुछ ग़लत नहीं होने दूंगी और उनकी देखभाल करूंगी। फिर उन्होंने 8 लावारिस बच्चों को अडॉप्ट किया। उनकी देखभाल करने लगी। इन 8 बच्चों में से 5 लड़कियां है, जिनकी शादी वह अच्छे घरों में की है। उन्होंने अपने बच्चों की देखभाल करने में कहीं से कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। अब यह लड़कियां अपने घर में बहुत खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं। राजकुमारी आज सभी के लिए एक मिसाल है।

1 हज़ार लड़कियों की शादी में किया है मदद

अपनी कमाई का 75% भाग यह गरीब और बेसहारा लोगों में बांट देती है। 8 लड़कियों की शादी करवाने के बाद उन्होंने करीब 1000 और लड़कियों की शादी में अपना सहयोग किया है। यह अपने ही समाज का विरोध कर यह सब कार्य कर रहीं हैं। लोगों की खुशियों में पैसा कमाती हैं उसका उपयोग मदद के लिए और अनाथ बच्चों के पालन पोषण में करती हैं। लोगो के तरफ से उन्हें जो भी रुपए और गहने मिलतें हैं यह राजकुमारी उन लड़कियों को देती हैं, जिनकी वह शादी कराती हैं। या फिर जो व्यक्ति गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर हैं वह इन पैसों से उन लोगों की मदद करती हैं।

बेटा भी अपनी मां की तरह समाजसेवी बनेगा

राजकुमारी ने अपने 8 बच्चों में से 5 बेटियों और एक बेटे की भी शादी कर चुकी हैं। इनका दूसरा बेटा दसवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है, और जो सबसे छोटा है वह मात्र 7 महीने का है। दूसरा बेटा जो दसवीं कक्षा में है उसका नाम शुभम है। वह भी बड़ा होकर अपनी मां की तरह समाजसेवी करना चाहता है। वह कहते हैं कि मैं गरीब बेसहाय लोगों की मदद करूंगा।

लोगों की मदद करने की वजह से उनके समाज ने छीनी गली

अपने सामाज का विरोध करने के कारण इन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। हम यह यह बहुत अच्छे से जानते हैं कि किन्नरों का कोई भी परिवार नहीं होता। वह अपने और समाज के लिए काम करती हैं। हालांकि उनकी गली बटी हुई है कि तुम इस गली में जाकर अपना कार्य करोगी। लेकिन राजकुमारी के साथ ऐसा कुछ नहीं है। वह कमजोर लोगों की मदद करती है इस कारण उनका गली उनके समाज ने छीन लिया है। इतनी कठिन परिस्थितियों के बाद भी वह हार नहीं मानी है और अपने रास्ते पर अडिग है। वह अपनी एक गुरु (दुलाली) के बताए हुए रास्ते पर चल रही है जिन्होंने उन्हें बताया था कि हमेशा अनाथ और मजबूर लोगों की मदद करना।

अभी भी मदद जारी है

इस महामारी में भी राजकुमारी हार नहीं मानी है और लोगों की मदद में लगी हुई है। गरीब लोगों की मदद के लिए वह कपड़े बंटती हैं। देखा जाए तो उनकी भी आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है फिर भी वह प्रत्येक दिन 20 लोगों का पेट भर देती हैं। इस महामारी में उन्होंने लगभग 1 लाख का अनाज गरीबों में बांटा है। ठंडी में राजकुमारी गरीब लोगों की मदद के लिए कंबल बाटी है ताकि लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिले।

हर व्यक्ति करते हैं सम्मान

वैसे तो हमारे समाज में इन किन्नरों की कोई कदर नहीं है। लेकिन राजकुमारी के समाजसेवी और गरीबों की मदद के कारण इन्हें लोगों ने बहुत इज्जत दिया है। वह लोगों के दिलों में अपना एक अलग स्थान बना चुकी है।

आज राजकुमारी समाज के उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो बोलते हैं कि अगर किसी की मदद करनी है तो इसके लिए हमारे पास धन होना चाहिए। किसी की मदद के लिए अमीर या गरीब होने की जरूरत नहीं। सिर्फ आपका आत्मशक्ति और लोगों के लिए प्रेम भावना होना चाहिए। The Logically ट्रांसजेंडर राजकुमारी के कार्य के लिए तहे दिल से इनका शुक्रिया अदा करते हुए इन्हें शत-शत नमन करता है।